RE: मेरी मौसी और उसकी बेटी सिमरन
मैं चुप रहा तो मौसी ने मेरे लंड को अपनी चूत से जकड़ कर कहा, “बताओ ना वो थोड़े ना सुन रही है?”
हाँ मौसी. उसके मम्मों को कभी देखा है?
नही मौसी.
”देखेगा?”
कैसे?”
पगले कोशिश किया कर उसे देखने की जब वो कपड़े बदले तब या जब वो नहाने जाये तब.”
”ठीक है मौसी पर वो दरवाज़ा बंद करके सब करती है.
हाँ पर तू जब भी घर पर रहे तब पजामा पहना करो और नीचे अंडरवेयर मत पहना कर. अपने लंड को पजामे मैं खड़ा कर उसे दिखाया करो. सोते समय मैं लंड को पजामे से बाहर निकाल कर रखना मैं उसको तुम्हारे रूम मैं झाड़ू लगाने भेजू तो उसे अपना लंड दिखाया करो और तुम अब उसके मम्मों को घूरा करो और उसे छुने की कोशिश किया करो.
मैं मौसी की बात सुन कर मस्त हो गया उसे तेज़ी से चोदने लगा. वो तेज़ी से चुदती हुई हाए हाए करते हुये बोली, हाँ बहन को देखने की बात सुन कर इतना मस्त हो गया की मौसी की चूत की धज्जीयां उड़ा रहा है. फिर मेरी कमर को अपने पैरो से कस कर बोली, चोद अपनी मौसी को हाअआआआ आज मुझे चोद कल से अपनी बहन पर लाइन मारो और उसे पटा कर चोदो.
फिर 4-5 धक्के लगा कर मैं झड़ने लगा. झड़ने के बाद मैं मौसी से चिपक कर बोला, मौसी सिमरन तो मेरी छोटी बहन है, भला मैं उसके साथ ऐसा कैसे….?
जब तू अपनी मौसी के साथ चुदाई कर सकता है तो अपनी बहन के साथ क्यों नही?
मौसी आपकी बात और है.
”क्यों?”
मौसी आप मौसा के साथ सब कर चुकी हैं और अब उनके ना रहने पर मैं तो उनकी कमी पूरी कर रहा हूँ. लेकिन सिमरन तो अभी नासमझ और अनजान है, यही कहना चाह रहा हूँ?
मौसी- बेटा अब तेरी बहन 15 की हो गई है. इस उम्र मैं लड़कियों को बहुत मस्ती आती है. आजकल वो कॉलेज भी जा रही है. मुझे लगता है की उसके कॉलेज के कुछ लड़के उसको फँसाने की कोशिश कर रहे हैं. पड़ोस के भी कुछ लड़के तेरी बहन पर नज़रे जमाये हैं. अगर तू उसे घर पर ही उसकी जवानी का मज़ा उसे दे देगा तो वो बाहर के लड़कों के चक्कर मैं नही पड़ेगी और अपनी बदनामी भी नही होगी.
मौसी आप सही कह रही हो मैं अपनी बहन को बाहर नही चुदने दूँगा. सच मौसी सिमरन के मम्मे बहुत मस्त दिखते हैं. मौसी अब तो उसे तैयार करो.
करूँगी बेटा, मैं उसे भी यह सब धीरे धीरे समझा दूँगी.
फिर अगले दिन जब मैं सुबह सुबह उठा तो देखा की वो मेरे रूम मैं झाड़ू लगा रही थी. मैं उसे देखने लगा. वो कसी हुई कमीज़ पहने थी और झुककर झाड़ू लगाने से उसकी लटक रहे मम्मे हिलने से बहुत प्यारे लग रहे थे. तभी उसकी नज़र मुझ पर पड़ी. मुझे अपने मम्मों को घूरता पा वो मूड गई और जल्दी से झाड़ू लगा कर चली गई.
मैं उठा और फ्रेश होकर नाश्ता कर टी.वी देखने लगा. उस दिन छुटी थी इसलिये किसी को कही नही जाना था. मौसी भी टी.वी देख रही थी. सिमरन भी आ गई और मैने उसे अपने पास बिठा लिया. मैं उसकी कसी कमीज़ से झाँक रहे मम्मों को ही देख रहा था. मौसी ने मुझे देखा तो चुपके से मुस्कुराते हुये इशारा करते कहा की ठीक जा रहे हो. सिमरन कभी कभी मुझे देखती तो अपने मम्मों को घूरता पा वो सिमट जाती. आख़िर वो उठकर मौसी के पास चली गई.
मौसी ने उसे अपने गले से लगाते हुये पूछा, क्या हुआ बेटी?
कुछ नही मम्मी. वो बोली.
तू यहाँ क्यों आ गई बेटी जा भाई के पास बेठ.
मम्मी ववववाह भैया. वो फुसफुसाते हुये बोली.
मौसी भी उसी की तरह फुसफुसाई, क्या भैया.
मम्मी भैया आज कुछ अजीब हरकत कर रहे हैं. वो धीरे से बोली
तो मौसी ने कहा, “क्या कर रहा तेरा भाई?
मम्मी यहाँ से चलो तो बताऊ.
मौसी उसे ले कर अपने रूम की तरफ गई और मुझे पीछे आने का इशारा किया. मैं उन दोनो के रूम के अंदर जाते ही जल्दी से मौसी के रूम के पास गया. मौसी ने दरवाज़ा पूरा बंद नही किया था और पर्दे के पीछे छुपकर मैं दोनो को देखने लगा.
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