RE: behen sex kahani मेरी तीन मस्त पटाखा बहनें
मेरी बात सुनकर दीदी के होश उड़ गए वो बहुत हैरान हो गई की मुझे ये कैसे पता चला और उसके चेहरे पर गुस्सा भी नजर आने लगा।
"तुम्हेँ कैसे पता चला की मैंने अंडरवियर पहना है और वो भी ब्लैक कलर का, कैसे देखा तुमने कहीं तुम छुप कर मुझे कपड़े बदलते तो नहीं देखते, देखो राज ये गलत बात है और अगर कहीं डैड को ये पता चल गया ना तो तुम्हारी जान ले लेंगे, थोड़ी शर्म करो भाई क्या हो गया है तुम्हे जरा अपनी उमर तो देखो और काम कैसे कैसे" दीदी एक साँस में ही ग़ुस्से से बोली।
"दीदी मैंने कहीं से छुप कर नहीं देखा आप मेरे बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकती हो, असल में जब शाम को सब साथ बैठे हुए थे ना तब आपकी कुर्ती ऊपर उठ गई थी और सलवार थोड़ी नीचे ही गई थी तो मुझे आपकी गोरी कमर और ब्लैक अंडरवियर दिखाई दे गई थी अब इसमें मेरी क्या ग़लती है" मैं मासुम बनते हुए बोला।
"क्या तुम सच कह रहे हो, खाओ मेरी कसम" दीदी थोड़ी रिलैक्स होते हुए बोली।
"आपकी कसम दीदी मैं बिलकुल सच कह रहा हूँ वैसे एक बात बताऊ उस वक्त जब मैंने आपका जिस्म देखा ना तो मुझे वो बहुत प्यारा लगा, सच दीदी आपका हस्बैंड बहुत लकी होगा उसकी तो लाइफ बन जायेगी आपको वाइफ बना कर मुझे तो अभी से जलन होने लगी है आपके होने वाले हस्बैंड से" मैं दीदी को छेड़ते हुए बोला।
"हे भगवान।।।।।।।। शरम करो राज इतनी छोटी सी उमर में इतनी बड़ी बड़ी बाते करते हो, उफ्फ्फफ्।।।।।। पता नहीं आज कल के लड़को को क्या हो गया है" दीदी मुस्कुराते हुए अपने माथे पर हाथ मारते हुए बोली।
"दीदी प्लीज अब बता भी दो की आप लड़कियां अंडरवियर क्यों पहनती हो" मैंने दीदी को नार्मल देख कर पूछा।
"भाइया पहली बार तो ये है की उसे पैंटी कहते है और मैं वैसे तो रेगुलर पैंटी नहीं पहनती लेकिन अभी मेरे पीरियड्स चल रहे है इसलिए पहननी पड़ रही है जब पीरियड्स खत्म हो जायेंगे तब नहीं पहनुंगी" दीदी बोली।
"दीदी अब ये पीरियड्स क्या होते है इसके बारे में तो मैंने कभी नहीं सुना, बताओ ना दीदी ये क्या होते है" मैंने पूछा और सच में मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता था।
दीदी अब पहले से ज्यादा ओपन हो गई थी और अब उसको भी ऐसी बाते करने में मजा आरहा था क्योंकि उसका कोई बॉय फ्रेंड तो था नहीं और लड़कियों के साथ उसे ऐसी बाते करने में उसे मजा नहीं आता था अब भले ही मैं उसका भाई था लेकिन था तो लड़का ही इसलिए मेरे साथ सेक्सी बाते करने में उसे बहुत मजा आता था इसलिए हम अपस में जल्दी ही फ्री हो गए थे और खुल कर बाते करते थे (दीदी ने बाद में मुझे ये सब बताया था)।
"अरे बुद्धू हर लड़की को जब वो जवान हो जाती है तब हर महीने उसे ब्लीडिंग होती है ५ से ७ दिन और अभी मेरे साथ भी वही हो रहा है इसी को पीरियड्स कहते है या माहवारी कहते है और यहाँ से खून निकलता है" कहते हुए दीदी ने सलवार के ऊपर से अपनी चूत पर हाथ रखते हुए कहा।
"दीदी यहाँ कहाँ से निकलता है जरा मुझे भी देखने दो" कहते हुए मैं अपना हाथ दीदी की चूत के पास ले जाने लगा तो दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
"नही भाई बस बातो तक ही ठीक है ज्यादा आगे मत बढ़ो बस जो पूछ्ना है पूछा करो और जो बताना है बताया करो लेकिन टच नहीं करना है और प्लीज किसी को बताना नहीं की हम भाई बहन ऐसी बाते करते है वरना गजब हो जाएग, वादा करो तुम किसी को भी ये सब नहीं बताओगे"दीदी मेरा हाथ पकडे हुए बोली।
"ओके दीदी मैं वादा करता हूँ की मैं ये सब किसी को भी नहीं बताऊँगा लेकिन मेरे आपको टच करने से क्या हो जाएगा दूसरे लड़के लड़कियां भी तो एक दूसरे की शादी से पहले और बाद में टच करते है फिर भले मेरे टच करने से क्या हो जाएगा" मैं बोला।
"हाँ करते है लेकिन भाई बहन नहीं करते सो नेवर" दीदी कातिल मुस्कान के साथ बोली।
"भाइ बहन ऐसी बाते भी तो नहीं करते दीदी, प्लीज दीदी टच करने दो ना कुछ नहीं होता।।।।।।" मैं गिडगिडाते हुए बोला।
"बेडे चालाक हो गए हो, अच्छा देखेंगे बाद में लेकिन अभी नहीं अब जाकर सो जाओ फिर बात करेंगे आराम से और देखेंगे की क्या करना है क्या नहीं" दीदी हँसते हुए बोली।
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