RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि- अलका के बाल पीछे से पकड़ कर खींच कर उसके चेहरे को उपर उठाता है और दीदी तुम बहुत जिद्दी हो, लेकिन मैं भी तुम्हारा भाई हूँ और एक बात कान खोल कर सुन लो मैं तुम्हे चोदुन्गा मतलब चोदुन्गा चाहे उसके लिए मुझे दुनिया इधर की उधर करनी पड़े,
अलका उसका हाथ छुड़ा कर झटकते हुए ठीक है तो ले चोद ले लेकिन उसके बाद क्या,मुझे रंडी बना कर बीच मजधार मे छोड़ देना फिर मेरा हाथ कौन थामेगा,
रवि- दीदी तुम मुझे ग़लत समझ रही हो,
अलका- मैं बिल्कुल ठीक समझ रही हूँ, ये सब तेरी वासना और हवस है और कुछ नही क्यो कि ये तू भी जानता है कि तू मेरा भाई है और तू मुझे सारी जिंदगी अपने साथ नही रख सकता है, अगर तू सारी जिंदगी मुझे अपने साथ रख सकता है तो मैं अपना जिस्म क्या अपनी सारी जिंदगी तेरे नाम लिखने को तैयार हूँ, पर वास्तविकता यह है, कि तू खुद जानता है कि ऐसा नही हो सकता, तो फिर किस आधार पर तू मुझसे प्यार करता है और मुझे पाना चाहता है,
रवि अब कुछ सीरीयस हो जाता है, और उसके पास अलका की बातों का कोई जवाब नही होता है,
अलका कुछ देर बैठने के बाद खड़ी हो जाती है और चल अब यहाँ से कह कर जाने लगती है,
रवि- दीदी और उठ कर अलका के पास जाता है, दीदी तुमने जो कहा वह बिल्कुल सच है और मेरे पास इस समय तुम्हारी बातों का कोई जवाब नही है लेकिन उससे भी बड़ा सच यह है कि मैं सिर्फ़ तुम्हारा जिस्म नही चाहता हूँ, मैं सचमुच तुमसे बेपनाह प्यार करता हू,
अलका- रवि मैं जानती हूँ कि तू मुझे सचमुच चाहता है, लेकिन हम अगर इस राह पर बढ़ते है तो हमारे प्यार का अंत अच्छा नही होगा, बस यही एक वजह है कि मैं तुझे अपना नही सकती,
रवि-ठीक है दीदी अब जिस दिन मेरे पास तुम्हारी बातों का जवाब होगा उसी दिन मैं तुम्हे आइ लव यू कहूँगा और कल ही मैं तुम्हारी बात का जवाब दे दूँगा चाहे उसके लिए मुझे रात भर जाग कर सोचना पड़े,
अलका- ठीक है सोच ले शायद कोई सही रास्ता निकल आए,
रवि- दीदी हर मुश्किल का रास्ता ज़रूर होता है, और इस मुस्किल का भी रास्ता ज़रूर होगा,
अलका- अब चले
रवि- दीदी एक मिनिट अगर मैं तुम्हे जीवन भर अपने साथ रखने का यकीन दिल दूँगा तो फिर क्या तुम अपने भाई के साथ पूरी नंगी होकर चुदवाओगी,
अलका मुस्कुराते हुए, अब चले,
रवि- अपनी दीदी की दोनो बाँहे पकड़ कर पहले जवाब दो, और उसकी आँखो मे देखने लगता है,
अलका- थोड़ा सा मुस्कुरा कर हाँ,
उसके मूह से हाँ सुनते ही रवि उसे अपनी बाहों मे भर लेता है और उसे पागलो की तरह ताबड तोड़ तरीके से चूमने लगता है कभी उसके गालो को कभी उसके होंठो को कभी उसकी गर्दन को,
अलका उसके इस तरह से चूमने से गरम हो जाती है और पहली बार वह दिल खोल कर उसके बदन से चिपक जाती है, दोनो 5 मिनिट तक एक दूसरे को चूमते रहते है फिर रवि उसको देखता है तो वह शर्मा कर अपनी नज़रे नीचे कर लेती है, रवि अलका के दूध को दबा देता है और अलका उसको हाथ उठाकर मारूँगी कहते हुए उसके सीने से लग जाती है और फिर दोनो बाइक की ओर जाकर उस पर सवार होकर अपने घर की ओर चलते हैं लेकिन तभी रवि को शरारत सूझती है वो बाइक घुमा कर यू टर्न लेता है....
अलका चीख कर पूछती है कहाँ जा रहा..है
रवि-दीदी सहर की तरफ ....आज तुम्हे शॉपिंग करवाता हूँ....कुछ दिनो में चला जाउन्गा.... चलो ..शॉपिंग चलते है...
अलका-पर घर पर माँ इंतेजार करेगी.....
रवि-यार चल ना माँ के लिए मामा हैं...
दोनो हंसते हुए ..सहर की तरफ उड़ निकलते हैं....
शॉपिंग माल के अंदर एक लॅडीस काउंटर पर अलका खड़ी हो जाती है,
रवि उसके पास जाकर दीदी क्या ले रही हो, अलका के हाथ मे पेंटी थी, रवि उसके हाथ से पेंटी ले कर उसे फैलाते हुए देख कर दीदी यह तो बहुत छोटी है तुम्हारे साइज़ के हिसाब से तो छोटी पड़ेगी,
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