RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका कसमसा जाती है और रवि ये क्या कर रहा है छोड़ मुझे,
रवि पागलो की तरह अपनी बहन की कसी हुई चुचियो को कस कस कर दबाता रहता है अलका मदहोश होने लगती है रवि
लगातार उसकी गर्दन और उसके गुलाबी गालो को चूमता रहता है, अलका का विरोध ना के बराबर हो जाता है,
रवि अलका के कान मे- दीदी आइ लव यू,
अलका अपने आप को उसके बदन पर ढीला छोड़ देती है, रवि अलका के मूह को अपनी और घुमा कर उसके रसीले होंठो को अपने मूह मे भर लेता है और अलका के दूध दबाता हुआ उसके रसभरे होंठो का रस चूस चूस कर पीने लगता है,
अलका मदहोश होकर रवि के उपर टिकी रहती है रवि धीरे से अलका के टॉप के अंदर हाथ डाल कर उसकी नंगी चुचियो को
अपने हाथो मे पकड़ लेता है और उसकी ठोस बड़ी बड़ी चुचियो को कस कर दबाता है,
अलका कसमसाते हुए -रवि प्लीज़ छोड़ दे मुझे,
रवि-दीदी आइ लव यू,
अलका-रवि प्लीज़ मत कर मुझे बहुत दर्द हो रहा है,
रवि- दीदी तुम बहुत खूबसूरत हो,
अलका- रवि आह मत कर रवि प्लीज़ छोड़ दे मुझे बहुत दर्द हो रहा है,
रवि-दीदी आइ लव यू, और रवि अलका को अपनी गोद मे खड़ा होकर उठा लेता है और उसकी दोनो टाँगो को अपनी कमर मे लपेट कर उसकी छातियो को दबाते हुए उसके रसीले होंठो को चूसने लगता है,
अलका- रवि मुझे नीचे उतार दे मैं गिर जाउन्गी,
रवि अपने हाथो को अलका की स्कर्ट मे डाल कर उसके मोटे मोटे गदराए चुतड़ों को दबाते हुए दीदी तुम बहुत सेक्सी हो आइ लव यू दीदी आइ लव यू, तभी अचानक रवि का मोबाइल बजता है और अलका को एक दम होश आ जाता है और वह रवि के उपर से उतर कर शर्म से लाल हुई अपने बेड पर जाकर उल्टी लेट जाती है,
फोन काट कर रवि अलका के पास जाता है जो अपना मूह छुपाए बेड पर उल्टी पड़ी हुई थी, रवि अलका के पास जाकर बैठता हुआ, उसकी पीठ पर हाथ रखते हुए दीदी,
अलका- एक दम झटके से पलट कर रवि के मूह पर एक थप्पड़ मार देती है,
रवि उसे देखता रह जाता है अलका की आँखो मे आँसू थे,
अलका- क्या कर रहा था मेरे साथ, किसी बात की हद होती है, मैं तुझे अपना भाई समझ कर कुछ बोलती नही तो तू जो मर्ज़ी आए करेगा, चला जा मेरे रूम से और अब दुबारा मेरे पास आने की कोशिश भी मत करना, ये तेरे लिए लास्ट वॉर्निंग है, और फिर अलका फफक कर रोने लगती है, रवि को इस तरह की किसी भी बात की उम्मीद नही थी और वह अलका के ऐसे बर्ताव से थोड़ा टेन्षन मे आकर अपने बेड पर लेट जाता है, उसका पूरा मूड ऑफ हो जाता है, और उसे अपने पर बहुत गुस्सा आता है, और उसे अपनी दीदी पर भी बहुत गुस्सा आता है, पता नही अपने आपको क्या समझती है, जब देखो नखरा गुस्सा इसके अलावा उसको कुछ आता ही नही है एक मैं ही पागलो की तरह उससे इतना प्यार करता हूँ और उसे मेरे जज्बातो की कोई कदर ही नही है, मत करो बात आज के बाद मैं भी तुम्हे अपने दिल से निकाल दूँगा, यही सब सोचता रवि सो जाता है.
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और इधर नीचे..अलग ही रास लीला चल रही थी बिरजू और रति की...
जब रति को भरोसा हो गया कि रवि और अलका सो गये हैं...वो धीरे से बिरजू के रूम मे गयी....
बिरजू ने दरवाजा खोला और तुरंत बंद किया और .... रति को बाहों मे ले लिया....
रति: अरे भैया इतने बेसबरे मत हो......बच्चे हैं..... आवाज़ बाहर जा सकती हैं....
बिरजू: तू क्या समझती है कि वो नहीं समझ रहे होंगें....
दोनो फुसफुसा के बातें कर रहे थे......
रति: हां भैया...... दोनो जवान हैं सब समझ रहे होंगें.....मुझे तो बहुत शरम आ रही है...
बिरजू: हां ये बात तो है.....
रति: मेरे को तो लगता है जैसे इन दोनो के बीच में भी कुछ-कुछ चल रहा है.....
बिरजू: सच...... तुझे कैसे पता चला......
रति: ऐसे ही अंदाज से......दिन रात दोनो चिपके रहते हैं...... बार-बार बाज़ार जाते हैं....रवि भी अलका का बहुत ध्यान रखता है.....
बिरजू: तो क्या उन दोनो के बीच मे वो सब..... समझ रही हो ना मैं क्या कहा रहा हूँ.....
रति: उसका मुझे पक्का तो पता नहीं......लेकिन लगता है.....वो (सेक्स) सब अभी इन दोनो के बीच में नहीं हुआ है.....नहीं तो लड़की की चाल बदल जाती है......पर अभी अलका की चाल में लचक नहीं आई है........अगर हुआ होता तो मैं समझ जाती......
बिरजू: चलो अच्छा है....हमारी बेहन भाई की परंपरा को आगे ले जाएगे....हैं भी तो हमारा ही खून....
इतना कह कर बिरजू ने रति.....को ज़ोर से अपनी बाहों मे ले लिया.....और एक ज़ोर दार चुम्मा ले लिया...... रति ने भी अपना मुहँ बिरजू की चौड़ी छाती में छुपा लिया......और उसकी बाहों मे समा गयी...... बिरजू ने उसका ब्लाउस ढीला कर दिया...और उसकी चुचिओ को खोल दिया.....और उनका भर-पूर मर्दन करने लगा......... ना जाने कब उसने उसका पेटिकोट का भी नाडा ढीला कर दिया..... और पैरों से उसे नीचे खिसका दिया..... उसकी चूड़ियाँ खनक- खनक की आवाज़ कर रहीं थी
बिरजू ने अब तक रति को मादरजात नंगा कर दिया था....और उसकी बड़ी-बड़ी चुचिओ को दोनो हाथों से आटे की तरह गूँथने लगा............
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