RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि: अलका के चेहरे को चूमते हुए.... हां गुड़िया दी....हम उनका हर तरह से ख़याल रखेगें..... उनकी खुशी मे ही हमारी खुशी है......
अलका: हां भैया अब प्लीज़ मुझे काम करने दो ना......
रवि : हां जाता हूँ....बस केवल एक बार किस करने दे....
अलका:कितनी बार करोगे...... कर तो लिया.....इतनी बार.....
रवि: बस लास्ट बार.....
अलका: मूड कर उसकी ओर मुहँ कर के ..आखें बंद कर के....लो ले लो.....
रवि ने अपने होठ- उसके होंठो से मिला दिए.......और उसे पॅशनेट स्मूचिंग किस करने लगा.....
हाई...क्या दीवाना किस था दोनो के बीच में..... अलका सोच रही थी कि वो उसके गालों को चूमेगा..... लेकिन रवि ने उसके होठों को पकड़ लिया.....
अलका जैसे पिघलने लगी....... रवि ने अपना मुहँ खोल दिया.....और अलका की जीभ अपने जीभ से सटा के चूसने लगा.....
दोनो अब एक दूसरे से खुलते जा रहे थे....
कहते है जब लंड खड़ा होता है तो उसे सिर्फ़ चूत और गान्ड ही
दिखाई देती है फिर वह चाहे जिसकी हो, और अगर वह चूत और
गान्ड किसी रिस्ते की हो तो लंड ज़्यादा झटके मारता है, और रिश्ता
जितना बड़ा या जितना करीबी औरत का होता है लंड उसके नाम पर
सबसे जल्दी खड़ा होता है, और सबसे ज़्यादा मज़ा सबसे करीबी
रिश्ते की औरत को चोदने मे आता है, बड़े बड़े शहरो का
आधुनिक जीवन और खुलापन इंसान की सोच को बहुत जल्दी
बदल कर रख देता है और वह रीलेशन के थोड़ा उपर उठ कर
सोचने लगता है और फिर वह लाइफ के सबसे ज़्यादा मज़ा देने
वाली चीज़ो को पाने की कोशिश मे लग जाता है और रीलेशन को
ताक पर रख कर अपनी एक नई थियरी तैयार करता है, और अपनी
सोच को बदलना ना चाहते हुए भी उसकी सोच मे एक बड़ा
चेंज धीरे धीरे आने लगता है और एक दिन वह पूरी तरह
बदल जाता है, जब वह पूरी तरह बदल जाता है तब अपने
लक्ष्य को पाने का हर संभव प्रयास करता है और अगर उसे
उस प्रयास मे सफलता हाथ नही लगती तो उस लक्ष्य को पाने का
कोई ना कोई आख़िरी रास्ता ज़रूर ढूँढ निकालता है.
तभी दरवाजे पर आहट हुई.... दोनो जैसे नींद से उठे हों और एक झटके में अलग हुए....
दरवाजा खोला रति और बिरजू अंदर आ गये.....
अलका : मैने तरी और रोटी बना दी है....
रति: ठीक है बेटा...अब तू जा... फ्रेश हो आ... मैं देख लेती हूँ....
अलका :ठीक है माँ...
और वो उपर अपने रूम मैं चली जाती है....
अलका उपर अपने रूम की तरफ चली जाती है...
रवि उठ कर बालकनी की ओर जाते हुए अलका को आने का इशारा करता है अलका अपनी गर्दन ना मे हिलाती है, और बाथ रूम मे फ्रेश हो कर जब बाहर आती है और थोड़ी देर बाद अलका भी बालकनी की ओर जाकर रवि के बगल मे खड़ी हो जाती है, क्यों बुला रहा था मुझे,
रवि-दीदी कब दोगि,
अलका- क्या,
रवि उसके दूध की और नज़रे करता है,
अलका -तुनक कर कभी नही,
रवि -दीदी कब तक अपने भाई को तडपाओगि तुम्हे मुझ पर ज़रा भी तरस नही आता है,
अलका -तू तड़प्ता ही रहेगा,
रवि- दीदी, इतना नखरा क्यो करती हो जबकि मैं जानता हूँ कि तुम भी मुझ से प्यार करती हो,
अलका -ओ हो हो बेटा किसी ग़लत फ़हमी मे मत रहना, अलका तेरे हाथ नही आने वाली,
रवि-दीदी तुम मुझे ज़बरदस्ती करने पर मजबूर कर रही हो,
अलका -तू अपनी बहन के साथ ज़बरदस्ती करेगा,
रवि -तुम प्यार से नही दोगि तो फिर मैं क्या करूँ,
अलका- मतलब तू अपनी बहन का रेप करेगा, रवि मुझे तेरी सोच पर घिन आती है, तू ऐसा भी सोच सकता है मुझे मालूम नही था,
रवि-दीदी मैं तुम्हारे लिए तड़प रहा हूँ और तुम मुझे भाषण दे रही हो,
अलका -मैं कोई तेरी प्रेमिका तो नही हूँ कि तू मेरे लिए तड़प रहा है,
रवि- दीदी तुम्हे मेरा यकीन नही है, लेकिन तुम मेरे लिए एक प्रेमिका से भी कही ज़्यादा हो, रवि का चेहरा सीरीयस हो गया था,
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