RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि ने अपना समान उठाया...और उपर वाले रूम की तरफ चल दिया......
वो अपने बेड पर लेटा हुआ था तभी ...अलका आई और बोली चाइ....
रवि जैसे किसी गहरी नींद में से उठा हो.... हां.... क्या.....
चाइ ,अलका बोली ...
हां...ये कहते हुए उसने चाइ अपने हाथ में ले ली....
दोनो चुप थे और कमरे में सन्नाटा पसरा हुआ था.....
अलका थोड़ी देर वहीं खड़ी रही.... ना तो उसके लब खुले और ना ही रवि के.....
खाना खा के रवि थोड़ी देर माँ से इधर उधर की बात करता रहा.... माँ को तो बस अलका की शादी की चिंता थी..
वो हर बार यही बात दोहरा रही थी...देख जवान बेहन है घर मे कोई लड़का देख ....और इस के हाथ पीले कर दे....
हां माँ करता हूँ कुछ...
माँ: ये तो मंगली भी है... मंगली लड़की के लिए जल्दी लड़का भी नहीं मिलता....
रवि माँ को केवल सुन रहा था...फिर उठा और बोला माँ मैं सोने जा रहा हूँ....
और 1स्ट फ्लोर पर बने अपने रूम की तरफ चल दिया.....
आखों में नींद तो कोसो दूर थी..... और यही हाल अलका का था....
रात ना जाने कितनी देर दोनो करवटें बदलते रहे और.. और आखरी पहर पर आख लगी....
सुबह रवि जल्दी उठ कर जॉगिंग करने निकल गया.... और लौट के आया तो माँ और अलका आँगन में बैठी हुई थी....
उसने चाइ पी और ...फिर माँ से गुफ्त-गु करने लगा..... अलका केवल सुन रही थी....
दोनो कनखियों से एक दूसरे को देख लेते थे..... पर बात चीत कुछ नहीं हुई....
रवि ने घर मे एक बुलेट मोटर साइकल देखी .... अरे माँ ये मोटर साइकल किस की है....
बेटा ये बिरजू मामा की है ....
बिरजू मामा.... कहाँ हैं वो आजकल.... बेटा वो अपने गाओं में हैं और यहाँ भी आते जाते रहते हैं.....
वो ही सब काम संभालते हैं यहाँ का.....
ओके रवि बोला.... आप सब सोच रहे होंगें कौन हैं ये बिरजू मामा.....
अब थोड़ा हम आपको बताते हैं...... रवि की माँ रति जो कि अभी कोई 42 साल की होगी.... गाओं में जल्दी शादी हो जाती है....
शादी के बाद उसे पता चला कि उसका पति नामर्द है...पर था बड़ा ज़मींदार...... ये बात १९७०' की है.....
आपको अब ..थोड़ा फ्लश बॅक में चलना होगा.....
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