RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
सलोनी फ़ोन रख देती है | अपने पति से पूरे वार्तालाप में उसकी नज़र राहुल से नहीं हटी थी | दोनों माँ बेटे उसी हालत में लेटे हुए थे जैसे फ़ोन आने से पहले लेटे थे | सलोनी अब भी कोहनी पर सर टिकाए राहुल की और झांक रही थी | जबकि राहुल छत को घूर रहा था | उसके लंड की क्या हालत थी वो सलोनी पेंट में बने तम्बू से देख सकती थी और उसने जब अपने पति से खुले लफ़्ज़ों में बात करनी शुरु की थी तो उसने साफ़ साफ़ देखा था कि राहुल का बदन कांप रहा था | अब भी उसमें हल्के हल्के कम्पन को वो महसूस कर सकती थी |
‘लोहा पूरा गर्म है... अब चोट करने का वक़्त आ गया है’ सलोनी खुद को बोलती है |
“राहुल..... बेटा...” सलोनी धीमे से फुसफुसाती है |
“हाँ मम्मी”, इस बार राहुल तुरंत जवाब देता है | उसकी आवाज़ से पहले वाली नाराज़गी पूरी तरह से गायब थी |
“सोये नहीं क्या अब तक?”
“नींद.... नींद नहीं आ रही मम्मी” |
“नींद क्यों नहीं आ रहा बेटा... कोई दिक्कत तो नहीं” |
“नहीं मम्मी बस मालूम नहीं क्यों...” |
राहुल किसी तरह से बात को उस तरफ ले जाना चाहता था | मगर कैसे? उसे सूझ नहीं रहा था |
“बेटा कहीं तुम्हे दर्द तो नहीं हो रहा .... वो सुबह की तरह.........” सलोनी बेटे को मुसीबत से निकालने में मदद करती है |
“नहीं मम्मी... अब दर्द नहीं है” राहुल अचानक अपने होंठ काटता है | उसने उत्तेजना में अपने ख्यालों में गुम अपनी माँ की बात सुने बिना जवाब दे दिया था और उसके हाथ से सुनहरी मौका निकल गया था |
“ठीक है बेटा.... सोने की कोशिश करो... नींद आ जाएगी... मुझे भी नींद आ रही है... अगर कुछ प्रॉब्लम हो तो जगा लेना बेटा... ओके” सलोनी कहकर पीठ के बल बिस्तर पर लेट जाती है | कोहनी पर इतनी देर से बल डालने के कारण बांह में दर्द होने लगा था | राहुल ने जल्दबाज़ी में उसकी बात नहीं पकड़ी थी और अब उसे खुद कुछ उपाए करना होगा |
राहुल पछतावे से भर उठता है | उसकी माँ ने उसे इतना अच्छा मौका दिया था और उस बेवकूफ ने ... अब वो क्या करे... वो सोने जा रही थी.. अगर वो सच में सो गई तो .... नहीं... नहीं.. उसे कुछ सोचना होगा.. उसे कुछ करना होगा |
राहुल हालाँकि ड्राइंग रूम में अपनी माँ के एक दम से भाग आने के कारण उससे बहुत नाराज़ हो गया था क्योंकि वो चरम पर पहुँच चूका था और उस समय वो आगे बढ़ना चाहता था | वो समझ नहीं सकता था कि सलोनी एकदम से क्यों उठ गई थी | गुस्से से उसका लंड भी मुरझा गया था और उसकी सेक्स की इच्छा भी कम हो गई थी | मगर जब उसकी माँ ने बेशर्मी की सारी ह्द्दें पार करते हुए जब उसके सामने जानबूझकर दिखावा करते हुए अपने पति से फ़ोन सेक्स किया था तो राहुल की कामाग्नि इस तरह भड़की थी कि वो जल उठा था |
उसकी माँ के मुख से निकला एक एक लफ्ज़ उसे जला रहा था | उसने खुद को इतना उत्तेजित कभी नहीं पाया था | उत्तेजना से उसका बदन कांपने लगा था | वो जानता था, उसकी माँ उसके बाप को नहीं बल्कि उसे सुना रही थी | वो उसे कह रही थी वो चूत में ऊँगली कर रही थी जबकि उसने तो चूत को छुआ तक नहीं था |
मगर अब समस्या यह थी कि अब वो क्या करे? उसकी माँ सोने जा रही थी | हालाँकि उसके हिलने डुलने से साफ़ ज़ाहिर था वो अभी जाग रही थी | मगर वो सच में सो सकती थी... अब उसके पास एक ही रास्ता था | वो अपनी हिम्मत बांधने लगा | ‘मुझे कहना ही होगा’ वो खुद को समझा रहा था | उसके होंठ कांप रहे थे, मुंह सुख रहा था, एक मिनट ... दो मिनट .. तीन... चार... आखिरकार दस मिनट बीत गए मगर उसकी बात होंठो तक नहीं आई | अचानक उसकी माँ उसकी तरफ पीठ करके करवट लेने लगी | वो एकदम से घबरा उठा |
“मम्मी.. मम्मी”
“हाँ बेटा ... क्या हुआ .. कुछ चाहिए क्या” सलोनी के होंठो पर मुस्कान दौड़ गई थी, वो तो अब तक निराश हो चली थी |
“मम्मी वो मुझे ... वो मुझे...”
“क्या हुआ बता ना...”
“मम्मी वो मुझे ... मुझे मुझे वहां दर्द हो रहा है” राहुल ने अपनी हिम्मत जुटाकर आखिर कह दिया |
“दर्द हो रहा है... कहाँ दर्द हो रहा है...” सलोनी ने भोले बनते हुए पूछा |
“वो यहाँ सुबह...सुबह..जब आपने चूसा था”
“सुबह ...उफ्फ्फ्फ़... यह क्या पहेलियाँ बुझा रहा है... बोल ना दर्द कहाँ हो रहा है” |
“वो मम्मी वो मेरी लू... वो सुबह जब पेंट की ज़िपर में ...वो मेरी...मेरी लुल्ली में मम्मी” राहुल का दिल इस कदर धड़क रहा था कि जैसे वो फटने वाला हो |
“ओह्ह तो यह बात है... तो बोला क्यों नहीं पहले...इधर आ” सलोनी बेड से उठ खड़ी होती है |
राहुल भी उठ कर खड़ा हो जाता है | सलोनी मुडकर दीवार से स्विच ओन करती है और पूर कमरा रौशनी से भर उठता है | राहुल एक पल के लिए शर्मा उठता है | सलोनी आगे हो कर बेड से निचे उतरती है और राहुल को बेड के सिरे पर आने का इशारा करती है | राहुल आगे आता है तो सलोनी उसे बेड के किनारे पर घुटनों के बल खड़ा होने का इशारा करती है | दोनों माँ बेटे के दिल की धडकनें पूरी रफ़्तार से चल रही थीं | कमरे में दोनों की सांसों की आवाजें गूँज रही थी |
सलोनी फर्श पर खड़ी थी और राहुल बेड पर घुटनों के बल | सलोनी राहुल की टीशर्ट को पकडती है और उसे ऊपर उठाती है | राहुल की बाहें खुद बा खुद ऊपर उठ जाती हैं | सलोनी उसकी टीशर्ट निकाल फर्श पर फेंक देती है और फिर उसकी पेंट को निचे खिसकाने लगती है मगर फूला हुआ लंड उसे निचे नहीं जाने दे रहा था | सलोनी पेंट की इलास्टिक से अन्दर हाथ डालती है और लंड को राहुल के पेट से दबाती है और फिर दुसरे हाथ से उसकी पेंट निचे खींचती है | इस दौरान उसकी नज़र कई बार राहुल से टकरा जाती है जो उत्तेजना के चरम पर होने के बाबजूद भी शर्मा उठता है | राहुल की पेंट निकलते ही वो उसे फिर से घुटनों के बल खड़ा होने को कहती है | सलोनी पेंट को भी फर्श पर दूर फेंक देती है | अब बेटा अपनी माँ के सामने पूरी तरह नंगा था | उसका लंड तना हुआ था और इस कदर अकड़ा हुआ था कि उस ज़बरदस्त अकड़ाहट के कारण वो झटके भी नहीं मार सकता था | लंड मांसपेशियों का ना होकर लोहे की रोड लग रहा था | लंड के उस भयंकर रूप को देख कर एक बार तो सलोनी भी सिहर उठी थी |
“उफफ्फ्फ्फ़ ... यह तूने इसका क्या हाल बना रखा है ...देख तो..और तू इसे अब भी लुल्ली कहता है... उफ्फ्फ... मैंने तुझे सुबह ही कहा था ना.. कि तेरी लुल्ली अब लौड़ा बन गई है” सलोनी की बात का राहुल कोई जवाब नहीं देता | सलोनी उसके लंड को सहलाती है तो राहुल की सिसकी निकल जाती है | लंड और भी अकड़ने लगा था और उसकी इस अकड़न से राहुल को दर्द होने लगा था |
“अब बोल मैं क्या करूँ इसके साथ... बता ना... तेरा दर्द कैसे कम होगा” सलोनी अपने बेटे की आँखों में झांकती होंठ काटती बोलती है |
“मम्मी वो सुबह जैसे आपने ... अपने मुंह से... किया था.. वैसे ही अब भी” राहुल हकलाते हुए बोलता है |
“ओह.. तो तू चाहता है.. मैं तेरे लौड़े को मुंह में लेकर चुसू... यही कहना चाहता है ना तू” सलोनी अपने बेटे से सुनना चाहती थी | राहुल कुछ झिझकता है तो सलोनी अपना मुंह थोडा निचे करती है और उसकी छाती पर छोटे से निप्पल को अपनी जिव्हा से सहलाने लगती है और दुसरे को अपने नाख़ून से कुरेदती है |
“हाँ मम्मी... हाँ”
“तो बोल ना... जब तक तू बोलेगा नहीं.. मुझे क्या पता चलेगा.. तू क्या चाहता है” सलोनी उस छोटे से निप्पल को दांतों में दबाते बोलती है, दुसरे को नाख़ून पहले की तरह कुरेदता है | उधर उसके हाथ राहुल के लंड और उसके अन्डकोशों को सहला रहे थे |
“मम्मी मेरा .. मेरा लौड़ा चुसो” राहुल उत्तेजना में डूबा बोल उठता है |
“फिर से बोल ना एक बार ...” सलोनी उसकी छाती से मुंह हटाती बोलती है और बेड पर निचे टाँगे लटकाकर बैठने का इशारा करती है | राहुल बेड के किनारे टाँगे लटका कर बैठ जाता है |
“मम्मी मेरा लौड़ा चुसो ना” राहुल इस बार सहजता से बोलता है | सलोनी उसकी और देखकर मुस्कराती है और उसके सामने घुटनों के बल बैठ जाती है और लंड को अपने हाथ में पकड़ लेती है |
“एक बार और” सोलोनी अपने बेटे की और याचना करती बोलती है |
“मम्मी मेरा लौड़ा चुसो ना” इस बार राहुल कामौत्तेजना में खुद ही बोल उठता है और अपनी माँ के सर को अपने हाथों में थाम अपने लौड़े पर झुका देता है | सलोनी लंड के लाल सुपाड़े पर होंठ रख देती है |
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