Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
01-13-2019, 11:34 PM,
#8
RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
“बेटा तुम्हारे लिए ऑमलेट सैंडविच बना रही हूँ, कुछ और खाने का मूड तो नहीं है?” सलोनी अपने बेटे की और देखती है |

“नहीं मम्मी मैं सैंडविच ही खाऊँगा, आप को मालूम तो है, मुझे ऑमलेट सैंडविच कितना पसंद है” राहुल अपनी माँ को देखता हुआ नर्म स्वर में बोलता है | सुशांत की वजह से उसका बिगड़ा हुआ मूड अब ठीक होने लगा था | 

“बस थोडा सा वेट करो, अभी पांच मिनट में रेडी हो जाएगा. ऑमलेट बन गया, घी बस स्टफिंग ब्रेड्स में डालनी बाकी है” सलोनी कडाही में कड़छी चलाती हुई अपने बेटे को देखती हुई मुस्करा कर बोलती है |

“कोई बात नहीं मम्मी, आप आराम से कीजिए”, राहुल रसोई के काउंटर से टेक लगाए सलोनी को देखता हुआ बोलता है | वो चोर नज़रों से सलोनी को घूर रहा था | सलोनी का रुख दिवार की और था | इसीलिए राहुल उसको सिर्फ एक साइड से ही देख पा रहा था |

आज राहुल को अपनी माँ कुछ ज्यादा ही खुबसूरत दिख रही थी , मानो उसकी सुन्दरता में कई गुना इजाफा हो गया था | सुन्दर तो वो वैसे भी बहुत थी, इतनी सुन्दर कि वो जैसे भी कपडे पहने, नए पुराने , किसी भी स्टाइल में बाल बांधे, वो खुबसूरत ही दिखती थी | उसे सुन्दर दिखने के लिए किसी भी तरह का फैशन करने की या फिर मेकअप करने की जरूरत नहीं थी | राहुल को हैरानी हो रही थी कि उसका इस और पहले धयान क्यों नहीं गया | उसका ध्यान अपनी माँ की उठी हुई टीशर्ट और उसमे से झांकते हुए उसके सपाट दुधिया पेट पर गया | खास करके उसकी नाभि पर, उसका गोरा दुधिया पेट और गहरी नाभि पर जैसे उसकी नज़र जम गयी थी |

“बेटा ऑमलेट तैयार है, साथ में जूस लोगे जा फिर चाय पिओगे” |

“मम्मी मैं चाय पीऊँगा” राहुल डायनिंग टेबल की कुर्सी पर बैठता बोलता है |

राहुल और उसकी माँ दोनों टेबल पर आमने सामने बैठे खाना खा रहे थे | कोई कुछ बोल नहीं रहा था | राहुल का ध्यान बार बार अपनी माँ के चेहरे और उसकी छाती पर चला जाता | यहाँ उसके मुम्मो ने टीशर्ट को ऊपर उठाया हुआ था |

“अगर तुम खेलने जाना चाहते हो तो जा सकते हो, मैं तुम्हे खेलने कूदने से नहीं रोकती, मगर तुम्हे अपनी पढाई का भी धयान रखना चाहिए”, सलोनी राहुल को देखते बोलती है |
“सॉरी माँ अब से गलती नहीं होगी, आगे से पूरा ध्यान रखूँगा”, राहुल सलोनी के चेहरे की और देखता हुआ बोलता है |

“आज तुमने पढाई की थी?” |

“हाँ मम्मी, सुबह से कर रहा था, अभी बस थोड़े से समय के लिए सोया था” |

“गुड, वैरी गुड, फिर तो तुम खेलने जा सकते हो”, सलोनी राहुल की आँखों में देखती बोलती है |

“नहीं माँ, मेरा दिल नहीं कर रहा, वैसे भी मैंने फैसला कर लिया है, घर पर रहकर खूब पढ़ाई करूँगा और....और घर के काम काज में आपकी मदद करूँगा”, राहुल आखिरी लाइन झिझकते हुए बोलता है |

“तुम सारा दिन घर पे रहकर पढ़ाई करोगे और घर के काम में मेरी मदद करोगे?......रियली!" सलोनी हैरानी भरे स्वर में बोलती है, “मुझे अपने कानो पर विश्वास नहीं हो रहा, क्या मैं जान सकती हूँ इस एकदम से ह्रदय परिवर्तन की वजह क्या है?” सलोनी का स्वर उपहास भरा था |

“ऐसे ही मम्मी.... मैंने देखा है......आप सार दिन घर पे.... अकेले रहते हो और आपको कितना .....कितना काम अकेले करना पढता है, इसीलिए मैंने सोचा, आप की काम में मदद कर दूंगा और....और ...” राहुल से आगे बोला नहीं जा रहा था |

“और? और क्या?” सलोनी धीमी सी आवाज़ में बोलती है |

“और ...और आपको कंपनी भी मिल जाएगी, आपका अकेलापन भी दूर.......दूर हो जाएगा”, राहुल थूक गटकता है | उसके दिल की धडकन बहुत तेज़ -तेज़ चल रही थी, “मैं भी ....आपके साथ .....आपके साथ समय बिताना चाहता हूँ” |

“तुझे सच में मेरे अकेलेपन की चिंता है? तू सच में मेरे साथ समय बिताना चाहता है?” सलोनी की आवाज़ और धीमी हो गई थी |

“हाँ मम्मी, सच में पढाई के बाद जो भी समय बचेगा, उसमे घर के काम में आपकी मदद करूँगा, आप जो भी कहेंगी, जैसे भी कहेंगी, वैसे ही करूँगा”, राहुल ने जोशीले स्वर में कहा | 

“मुझे यकीन नहीं हो रहा, कहीं तुम मजाक तो नहीं कर रहे”, सलोनी जानती थी उसका बेटा झूठ नहीं बोल रहा | मगर वो उसके मुंह से सुनना चाहती थी |

“बिलकुल भी नहीं मम्मी, आपकी सौगंध! मैं बिलकुल भी मजाक नहीं कर रहा” |

“और क्या तू सारा दिन घर पर अपनी मम्मी के साथ बोर नहीं होगा”, सलोनी उसी तरह की धीमी और कामुक सी आवाज़ में बोलती है |

“उन्ह्ह्हह नहीं मम्मी, मैं आपके साथ भला बोर क्यों हूँगा, आपके साथ मुझे बहुत अच्छा लगता है मम्मी, सच में”, राहुल के वो अलफ़ाज़ सलोनी को बहुत प्यारे लगे और उसका दिल किया वो आगे बढ़कर अपने बेटे को चूम ले |

“सब बातें हैं, मुझे लगता है, तू मुझसे दो तीन दिन में ही उब जाएगा” सलोनी ने कहा |

“उफ्फ्फ मम्मी अब आपको कैसे यकीन दिलाऊँ, मुझे कोई फ़ोर्स थोड़े ना कर रहा है, मैंने अपनी मर्ज़ी से फैसला किया है, और इसीलिए किया है कि आप मुझे बचुत अच्छी लगती हो” |

राहुल धडकते दिल से कह तो गया | मगर अपनी माँ की प्रतिकिर्या को लेकर वो बहुत डर गया था | सलोनी ने भी अपने बेटे के स्वर में कम्पन और डर को महसूस किया | वो अपना खाना छोड़ खड़ी हो गई | राहुल की जान पे बन आई | मगर उसकी माँ सिर्फ टेबल पर आगे को झुकी और उसके हाथ को अपने हाथ में ले लिया | झुकने से उसके मुम्मो का काफी हिस्सा टीशर्ट के खुले हुए दो बटनों से दिख रहा था और वैसे भी झुकने की वजह से वो उसकी टीशर्ट को कुछ ज्यादा ही फैला रहे थे | राहुल की पेंट में उसका लंड तम्बू बन चूका था |

“मुझे मालूम है तुम दिल से कह रहे हो .........मुझे तुम पर पूरा यकीन है बेटा, मुझे भी तुम्हारे साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है, तुम भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो बेटा” सलोनी बिना रुके बेटे को प्यार भरे मीठे स्वर में बोलती है |

राहुल को अपनी माँ की बात इतनी अच्छी लगी कि उसका चेहरा खिल उठा और उसे देखकर उसकी माँ का | दोनों के चेहरे पर मुस्कुराहट थी | दोनों अन्दर से बहुत खुश थे |

सलोनी वापिस कुर्सी पर बैठ गई और बाकी का खाना खाने लगी | राहुल का धयान रह रहकर सलोनी के चेहरे तो कभी उसके सीने पर चला जाता | उसे लग रहा था जैसे उसकी माँ की सुन्दरता पल प्रतिपल बढती जा रही थी | उसका सांस लेना, खाना खाना , बात करना, हर काम से, उसकी हर छोटी से छोटी सी हरकत से उसे अपनी माँ की सुन्दरता झलकती दिखाई दे रही थी | आज कुछ खास ही बात थी, वो खास बात क्या थी, वो यही देखने की कोशिश कर रहा था | शायद उसका चेहरा आज खिला हुआ था और उसके होंठो की वो प्यारी सी मुस्कुराहट उसकी सुन्दरता को बढ़ा रही थी | नहीं, उसकी माँ सदेव ही इतनी सुन्दर थी मगर आज रूप कुछ ज्यादा ही दमक रहा था या फिर उसके देखने की नज़र बदल गई थी | उसने गहनों के नाम पर कान में झुमके, नाक में बाली और गले में मंगलसूत्र डाला हुआ था | उसकी तीखी नाक में डाली बाली उसके चेहरे की शोभा बढ़ा रही थी, चेहरे को कितना सुन्दर............नहीं सुन्दर तो वो बिना बाली के भी दिखती है | फिर क्या, किस लफ्ज़ से उसका रूप.....हाँ ...हाँ....उसकी नाक की बाली उसके चहरे को कितना सेक्सी दिखा रही थी, कितना कामुक दिखा रही थी |

सलोनी का गोल गोरा चेहरा बेहद गोरी रंगत लिए था और उसके गोल गोरे चेहरे पर उसकी नाक की बाली सच में बेहद सेक्सी दिख रही थी बल्कि उसकी बाली से उसका रूप, चेहरा सेक्सी दिख रहा था | अगर कोई कसर थी तो उसकी टीशर्ट के खुले बटनों ने पूरी कर दी थी | उसके मुम्मो का हल्का सा ऊपरी हिस्सा और दोनों मुम्मो के विच की खाई बेहद कामुक दिख रही थी मगर जो चीज़ उनकी कामुकता बढ़ा रही थी वो थी दोनों मुम्मो के बीच की खाई में लटकता उसका मंगलसुत्र | गोरे गोरे मुम्मो को जैसे काला मंगलसूत्र चूम रहा था, सहला रहा था |

अब जाकर उसे समझ आया कि आज उसकी माँ उसको इतनी सुन्दर क्यों दिख रही थी | उसने अपनी माँ की सुन्दरता को हमेशा देखा था | मगर सुबह के हादसे के बाद आज उसका धयान पहली बार इस और गया था कि वो कितनी कामुक दिखती है | उसकी हर अदा कामुकता से भरपूर थी | जिस तरह वो चाय की चुस्कियां ले रही थी, जिस तरह उसके सुर्ख होंठो से चाय का प्याला छूता जा रहा था | जिस तरह सांस लेने से उसका ब्रा रहत सीना हल्का सा ऊपर उठता था | जिस तरह वो विच विच में उसकी और देखकर मुस्करा देती थी.....उफ्फ्फ्फ़ उसकी माँ का बदन कितना कामुक है! कैसे उसके अंग अंग से मादकता बरस रही थी |

सलोनी के रूप की चमक ने उसके बेटे को अपने मोहपाश में बांध लिया था, वो जैसे सम्मोहित हो चूका था |

सलोनी चाय की चुस्कियां लेती बीच बीच में राहुल की और देख लेती थी | जो उसे अपलक घूरे जा रहा था | वो उसकी नज़रों की तपिश अपने चेहरे और सीने पर महसूस कर रही थी | वो राहुल की आँखों से उसके चेहरे से जान सकती थी उसका बेटा उसके हुसन का दीवाना बन चूका है | वो देख सकती थी कि वो उसके चेहरे की बारीक़ से बारीक़ रेखाओं की और धयान से देख रहा था, वो देख सकती थी कैसे उसकी आँखें उसकी सांस लेने से ऊपर निचे होते उसके मम्मो के साथ ऊपर निचे हो रही थी | सलोनी यहाँ एक तरफ अपने हुसन के इतने जबरदस्त प्रभाव से खुश थी, अपने हुसन पर अभिमान कर रही थी | वहीँ उसे कुछ लज्जा सी भी महसूस हो रही थी कि उसका बेटा अपनी हमउम्र की लड़कियां छोड़ अपनी 38 बर्षीए माँ पे आशिक हो रहा था, उसे कुछ शर्म सी आ रही थी |

सलोनी प्लेट और कप्स उठाकर सिंक में डाल देती है | सलोनी पानी चलाती है तो राहुल उसके पास आकर खड़ा हो जाता है |

“लाओ मम्मी, मैं बरतन साफ़ करने में तुम्हारी मदद करता हूँ” |

“थैंक यू बेटा, मगर अभी नहीं, यह छोटा सा काम मैं कर लूंगी, तुम ऐसा करो टीवी लगाओ, मैं भी आती हूँ, हम दोनों मिलकर टीवी देखेंगे” |

“नहीं मम्मी, अब से हम दोनों मिलकर काम करेंगे, मैंने आपको कहा था ना” |

सलोनी के चेहरे पर मुस्कुराहट फ़ैल जाती है |

“बेटा यह सिर्फ दो चार बर्तन ही हैं, मुश्किल से पांच मिनट का काम है, मैं खुद कर लूंगी, तुम शाम को खाना बनाने में मेरी मदद करना, अब तुम जाओ और टीवी पर चेक करो, कौन सी अच्छी मूवी लगी है, दोनों मिलकर कोई मूवी देखते हैं” |

“ठीक है मम्मी, जैसा आप कहें”, राहुल अपनी माँ की नंगन नाभि पर एक नज़र डालता है और मुडकर बाहर जाने लगता है |

“एक मिनट बेटा, मुझे तुमसे एक जरूरी बात कहनी थी” अचानक सलोनी राहुल को पीछे से आवाज़ देती है | वो पीछे मुडकर देखता है | उसकी माँ के चेहरे से मुस्कराहट गायब थी | उसका चेहरा कुछ झुका हुआ था और वो बहुत गंभीर जान पडती थी | बल्कि ऐसा लगता था जैसे वो कुछ परेशानी में हो |

“क्या बात है माँ?” राहुल थोडा सा परेशान हो उठता है |

सलोनी कुछ पलों तक चुप रहती है जैसे अपनी बात कहने की हिम्मत जूटा रही हो | फिर वो अपना चेहरा ऊपर उठाकर राहुल की आँखों में देखकर बोलती है |

“बेटा आज सुबह जो कुछ तुम्हारे कमरे में हुआ, मेरा मतलब जो कुछ मैंने किया तुम प्लीज....प्लीज उसका किसी से ज़िक्र नहीं करना, प्लीज बेटा”, सलोनी मिन्नत भरे लहजे में फुसफुसा बोली | शायद वो यह बात बहुत समय से राहुल से कहना चाह रही थी मगर कह नहीं पा रही थी |

“सुबह...सुबह क्या हुआ था? तुमने क्या किया था जो मैं किसी को ना बताऊँ?” राहुल प्लेन लहजे में बोलता है |

“वो सुबह.... सुबह जब मैं तुम्हारे कमरे में आई थी, जब...जब तुम्हारी ज़िपर में...” सलोनी को समझ नहीं आ रहा था कि राहुल जान बुझकर अनजान क्यों बन रहा है |

“मम्मी मुझे कुछ याद नहीं पड़ता, सुबह क्या हुआ था, मुझे तो आपकी बात ही समझ नहीं आ रही”, राहुल का स्वर पहले की तरह प्लेन था | सलोनी और भी परेशान हो उठी थी |

“बेटा तुम समझ क्यों नहीं रहे....उफ्फ्फ्फ़ जब मैंने अपने मुंह में...”

“मम्मी मुझे लगता है, आप मजाक करने के मूड में हो”, राहुल अपनी माँ की बात बीच में काट कर बोला, “सुबह आप मेरे कमरे में मुझे जगाने आई थी और आपने मुझे नाश्ते के लिए बोला था, बस इतनी ही बात थी”, राहुल उसी प्लेन स्वर में बोलता है |

सलोनी को अचानक अपने बेटे की बात समझ में आती है | अब जाकर उसे समझ में आया था वो क्या कहना चाहता था |

“तुम्हे यकीन है बात इतनी ही है” सलोनी अपने हर शक को दूर कर लेना चाहती थी |

“हां माँ, तुम्हे अच्छी तरह से मालूम है, मेरी याददाशत कितनी अच्छी है” राहुल एक पल के लिए चुप हो जाता है, “और हाँ माँ, जैसे आज सुबह कुछ नहीं हुआ था वैसे ही आगे भी कुछ नहीं होगा और मैं कभी...कभी भी कोई बात किसी से शेयर नहीं करूंगा” |

सलोनी गहरी सांस लेती है | उसके होंठो पर मुस्कुराहट लौट आई थी | उसे लगा उसके सीने से कोई भारी बोझ उतर गया था और अब वो निश्चिंत थी | अब वो खुलकर सांस ले सकती थी | उसे अपने बेटे की समझदारी पर गर्व हो उठा और वो इतनी खुश थी कि वो राहुल को शुक्रिया अदा करना चाहती थी मगर सिर्फ लफ़्ज़ों से नहीं | वो अपने बेटे को यताना चाहती थी कि वो उसकी कितनी शुक्रगुजार है |

सलोनी आगे बढ़कर राहुल के सर पर हाथ फेरती है | वो उसके इतने पास थी कि उसके मुम्मे अपने बेटे की छाती से सटे हुए थे | वो धीरे से अपना मुंह आगे करती है और.....
Reply


Messages In This Thread
RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली - by sexstories - 01-13-2019, 11:34 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,506,905 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,005 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,234,187 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 933,147 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,657,059 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,083,640 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,955,796 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,071,923 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,038,108 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 285,421 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)