Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:46 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
विकास को नही मालूम था कि सुनील के जिस्म में सुनेल है.

विकास : बहुत बड़ा अनर्थ हो सकता है, मैं अपने किए की माफी माँगता हूँ. आप अपनी सुहागरात पूरी कीजिए वरना ....सवी की जान को बहुत बड़ा ख़तरा हो जाएगा.

ये सुन सुनील के अंदर बैठा सुनेल हिल गया.

'नही नही मैं नही --मैं इस पाप की दलदल में नही कूद सकता.'

सुनील की ये बात सुन विजय भोचक्का रह गया.

विजय : ये क्या बक रहे हो तुम, मैने तो सुना तुमने सवी से शादी कर ली.

सुनील (सुनेल) ... मैने नही सुनील ने की थी और वो कोई शादी थोड़े ही थी कि अंगूठी पहना दी और घर में कुछ मन्त्र माँ ने पढ़ दिए तो शादी हो गयी.

सवी अब होश में आ चुकी थी.'ये सब क्या बक रहो हो अब फिर कोई नया ड्रामा मत करना मेरे साथ'

सुनील (सुनेल) : मासी मैं कोई ड्रामा नही कर रहा, ये तो किस्मत अच्छी थी जो अगी का साथ मिल गया जो इस वक़्त समर से अंदर जूझ रहा है, मैं सुनील नही सुनेल हूँ , मुझे सुनील के जिस्म का सहारा लेना पड़ा, क्यूंकी मेरा जिस्म घायल हो चुका था और मैं कुछ नही कर सकता था, सुनील के बस का नही इन आत्माओं से लड़ना. मैने उसके जिस्म पे क़ब्ज़ा कर लिया और उसे मजबूर कर दिया मेरे जिस्म में जाने के लिए. जब सब ठीक हो जायगा, मैं वापस अपने जिस्म में चला जाउन्गा.

विजय और सवी उसे आँखे फाडे देखते रहे.

विकास : बहुत कम वक़्त है जो करना है जल्दी करो, मैं अंदर जा रहा हूँ.

इतना कह विकास वहाँ से गायब हो गया.

सुनील (सुनेल) : मासी विजय जी आपका पहला प्यार हैं, वक़्त ने इन्हें आपसे दूर होने पे मजबूर कर दिया, उसकी इतनी बड़ी सज़ा इन्हें मत दो, और सुनील को मैं समझा दूँगा.

इतना कह सुनील ( सुनेल) भी वहाँ से बाहर निकल आया.

कमरे में विजय और सवी रह गये.

सुनील ( सुनेल) ने बाहर निकल कमरे को बाहर से बंद कर दिया.

विजय और सवी दोनो का सर चकरा रहा था कि ये सब क्या हो रहा है. विकास के बारे में तो सवी जान चुकी थी , पर समर, उसका तो सोच के ही हिल के रह गयी वो. 

समय आ गया था बलिदान करने के लिए, सवी जिंदगी के हर पहलू को सोचने लगी, शायद किस्मत में सुनील का प्यार लिखा ही नही था, अगर ये लड़ाई ज़्यादा चली तो कहीं सुनील को कुछ ना हो जाए जो इस वक़्त सुनेल के जिस्म में है. फिर रूबी,,,,,सोनल....सूमी ..इनका क्या होगा.

सवी ने अपना सर झुका लिया, विजय क्या तुम.....

विजय भी हालत को समझ चुका था.

विजय : लेकिन ये तो मजबूरी का सोडा होगा 

सवी : क्या और कोई रास्ता है हमारे पास.

विजय : नही.....पर .....

'अबे ओ समाज सुधारक, राजा हरीश चन्द्र की अनदेखी औलाद'

सुनील ( सुनेल) चकरा गया ये आवाज़.

'ऐसे क्या उदबीलाव की तरहा नज़रें घुमा रहा है, खुद को नही पहचानता क्या?'

'तुम तुम !'

'ये तुम तुम क्या ! हां क्या नॉतंकी करी तूने अंदर सुनील की शादी सवी से नही हुई, लंडन में क्या कुछ नही सीखा था अपनी संस्कृति के बारे में, अगर नही मालूम तो...'

'वो तो मैं अपना एक रिश्ता बचाना चाहता था, क्या इसका भी मुझे कोई हक़ नही'

'हां कोई हक़ नही, किसी की पूरी जिंदगी दाव पे लगाने का, क्यूँ मजबूर कर के आया सवी को विजय की बनने के लिए, ये जानते हुए भी कि वो सिर्फ़ सुनील से प्यार करती है, क्या सारी जिंदगी उसने तड़पना ही है क्या, क्या दिल से वो विजय की हो पाएगी, इससे अच्छा तो मरने देता उसे, एक बार में काम ख़तम'

'नही नही , उफ्फ मैं क्या करूँ'

'वही कर जो तुझे करना चाहिए---- जा सुनील को आज़ाद कर अपने जिस्म से यहाँ अगी संभाल लेगा'

'ह्म्म'

उसी वक़्त सुनील का जिस्म धडधडाता हुआ गिरा और सुनेल वापस अपने जिस्म में पहुँच सुनील को आज़ाद कर देता है, सुनील की आत्मा वापस अपने जिस्म में.

सुनील को सब पता चल रहा था की सुनेल क्या कर रहा है. लेकिन जब वो वापस अपने जिस्म में पहुँचा तो सोचने लग गया, क्या सवी को विजय की बनने देना चाहिए.

तभी उसकी नज़रों के सामने तीन क्रोधित चेहरे आ गये सूमी, सोनल और रूबी, और सुनील के कदम उस कमरे की तरफ बढ़ गये जहाँ विजय और सवी थे. विजय अभी भी पेशो पश में था.

सुनील : विजय अंकल आपका बहुत शुक्रिया इतना साथ देने के लिए, आप तुरंत हॉस्पिटल के लिए निकल जाइए, वहाँ आपकी ज़रूरत पड़ने वाली है'

सवी : सुनिल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल ( चीखती हुई सुनील के गले लग गयी

विजय सुनील की आवाज़ पहचान गया था और कुदरत के इस खेल पे हैरान होता हुआ हॉस्पिटल की तरफ निकल पड़ा.

इस से पहले की विजय ज़्यादा दूर होता, सुनील ने आवाज़ दे कर उसे रोका और सवी को साथ ले जाने को कहा क्यूंकी यहाँ अभी ख़तरा था.

सवी विजय के साथ हॉस्पिटल चली गयी और सारा रास्ता यही सोचती रही कि जो हुआ क्यूँ हुआ, उसका उसकी जिंदगी से क्या मतलब था, इस सबका उसकी आनेवाली जिंदगी में क्या प्रभाव पड़ने वाला था. एक बात की उसे दिल्ली तसल्ली हुई के उसे विजय की नही बनना पड़ा. सच्चे प्यार में वाकई में ताक़त होती है, ये उसने आज महसूस कर लिया था और उसका प्यार अब सुनील के लिए और भी दृढ़ हो गया था. चाहे जान चली जाए, अब सुनील का साथ कभी नही छोड़ेगी और ना ही उसकी जिंदगी में कोई उथल पुथल होने देगी. प्यार एक सागर है, बस उसमें गोते लगाते रहो और प्यार बिखेरते रहो. उसकी आँखों के सामने सागर की हँसती हुई छवि आ गयी और सवी के चेहरे पे भीनी भीनी मुस्कान तैर गयी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 01-12-2019, 02:46 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,548,757 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,746 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,252,523 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 947,042 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,681,844 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,104,026 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,990,850 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,186,838 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,080,490 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,517 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)