Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:40 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुमन...तू क्यूँ ग़लत धारणाएँ पाल के बैठी है......ये जानते हुए भी कि सुनील तुझ में सिर्फ़ एक बहन को देखता है अपने सागर पापा की बेटी ......जान देता है वो तुझ पे...पर एक भाई की तरहा...ये ख़याल अपने दिमाग़ से निकाल दे..क्यूँ खुद को तकलीफ़ देती रहती है.......

रूबी...उसकी ये अच्छाई ही तो मुझे उसके पास खींचती है......वो मेरे रोम रोम में बस चुका है......बहुत मुश्किल है मेरे लिए....ये शादी भी इसलिए कर रही थी कि सुनील से दूर हो जाउन्गि ...तो शायद उसे भूल पाउ..पर लगता है मुझे मोम की तरहा जीवन भर तड़पना ही पड़ेगा...

सुमन ने रूबी को अपने पास खींच लिया...अपनी सोच बदल मेरी जान...बदल उसे...तू नही जानती सुनील के लिए मुझे और सोनल को अपनाना आसान नही था...वो मर जाएगा....अगर उसे ये महसूस हुआ कि तू भी...नही झेल पाएगा वो...अपने उपर और उसके उपर तरस खा गुड़िया.....मेरा वादा है तुझ से ...तुझे एक बहुत प्यार करने वाला राजकुमार मिलेगा..जो तेरी खुशी के लिए कुछ भी कर डालेगा.....

सुमन ने फिर रूबी के होंठों को चूमना शुरू कर दिया.....रूबी ने सुमन के हाथ अपने मम्मो पे रख दिए.........

सुमन ने उसके मम्मो को मसलना शुरू कर दिया...........

रूबी ने ज़ोर से सुमन के होंठों को चूसना शुरू कर दिया.......

सुमन के लिए ये मुश्किल था पर रूबी को संभालने का उसे और कोई तरीका अभी नज़र नही आ रहा था.......इसलिए सुमन रूबी से अलग हुई और उसकी नाइटी खोल डाली..... सोनल के बाद आज सुमन के सामने उसकी भांजी नंगी खड़ी थी अपनी आँखों में प्यास लिए...... सुमन ने रूबी को बिस्तर पे लिटा दिया और उसके उपर चढ़ गयी...ये खेल वो एक तरफ़ा ही रखना चाहती थी...बस रूबी को ऑर्गॅज़म दिला वो वापस सुनील के पास जाना चाहती थी..

सुमन ने ..रूबी के निपल चूसने शुरू कर दिए और उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया...

रूबी....अहह उफफफफ्फ़ ....चूस लो भाभी निचोड़ लो मुझे .

सुमन रूबी के मम्मो को ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और साथ ही उसकी चूत में अपनी उंगलियाँ चला रही थी...

रूबी...अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उफफफफ्फ़ भाभी अहह 

रूबी के दोनो उरोज़ को अच्छी तरहा चूसने के बाद सुमन ने उसकी चूत पे हमला किया अपनी ज़ुबान से..

रूबी ...उम्म्म्ममममममम भाभी बस ऐसे ही सारी जिंदगी मुझे प्यार करो...और कभी कुछ नही माँगूंगी.......अहह 

सुमन तेज़ी से रूबी की चूत चूस और चाट रही थी....

रूबी....आाआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबभहाआआआआब्ब्ब्बबबीईईईईईईईईई

एक तेज चीख के साथ रूबी झड गयी.....उसका बदन मचलने लगा....

सुमन उस से दूर हो उसे देखने लगी....

रूबी जब शांत हुई ....तो सुमन...अब सो जा बेटी ......कल मिलते हैं.....

रूबी की आँखों में धन्यवाद था...उसकी आँखें धीरे धीरे बंद होने लगी और सुमन दरवाजा खोल उसे बंद कर सुनील के कमरे की तरफ बढ़ गयी....

सुमन ड्रिंक्स लेने चली गयी थी ......पीठ करे हुए लेटी सोनल ......को नींद नही आ रही थी.......वो रूबी को ले कर परेशान हो रही थी....आज उसने रूबी के अंदर खुद को देख लिया था...वही आग...वही प्यार ...जो उसके अंदर था...जब सुनील उसे ठुकरा रहा था...वही आग और वही प्यार ...उसे रूबी की आँखों में दिखा था....

रूबी का सुनील से दूर जाने का फ़ैसला....दुनिया भर की बातें कर विमल से शादी के लिए तयार होना....जिसे वो पहले ठुकरा चुकी थी......

ये सब सोनल को परेशान कर रहा था....आख़िर रूबी उसके पापा की ही बेटी थी.......

क्या हम सब ठीक कर रहे हैं रूबी के साथ.......पापा ...ये किस चक्रव्यूह में फस रहे हैं हम....सोनल सागर को याद कर रही थी.......कोई रास्ता दिखाओ पापा....वरना....सब ख़तम ना हो जाए.....

सुमन...ड्रिंक तयार कर रही थी...पर अभी तक उसने अपना मुँह नही धोया था......उसके होंठों के आस पास अभी भी रूबी की चूत का रस चिपका हुआ था.....

बिस्तेर पे लेटे हुए सुनील ने सोनल को देखना शुरू कर दिया....आज सोनल के निपल चूस्ते हुए उसे कुछ और ही महक मिली थी.....उसके निपल गीले थे...क्या सोनल और रूबी .......ऑम्ग ....यही हुआ होगा वरना सोनल के निपल गीले क्यूँ थे......कहीं सोनल...नही नही ऐसा नही हो सकता........

सुनील को रूबी के थूक की मिठास जो उसने सोनल के निपल चूस्ते हुए महसूस करी थी वो याद आने लगी........ओह गॉड....ये क्या हो रहा है...वो अपना सर झटकता है....और उसी वक़्त सुमन ड्रिंक्स ले कर आती है.......

सुनील उसके हाथ से दोनो ग्लास साइड टेबल पर रखता है और उसके होंठो को अपने होंठों के क़ब्ज़े में ले लेता है....फिर एक झटका लगता है उसे....रूबी की चूत से निकला रस जो सुमन के होंठों पे लगा हुआ था वो सुनील के मुँह में घुलने लगा.....

वो फट से अपने होंठ ...सुमन से अलग करता है और उसको देखता है...

सुमन...सुनील की नज़रों को समझ गयी ...'कुछ काम ना चाहते हुए भी करने पड़ते हैं......मैं मुँह धो के आती हूँ......'

सुनील उसे जाने नही देता और दबोच के उसके होंठ पागलों की तरहा चूसने लग जाता है.........

सुमन के होंठों पे छाई मुस्कान सुनील के होंठों तले दब जाती है .....पर दिल....और दिमाग़ में एक लड़ाई चल रही थी....

एक लड़ाई सुनील के अंदर भी शुरू हो जाती है.....उसे अपनी दोनो बीवियाँ थोड़ी बदलती हुई नज़र आने लगी थी.......क्या ये दोनो रूबी को कबूल कर रही हैं...कितनी आसानी से सूमी ने कह दिया...कुछ काम ना चाहते हुए भी करने पड़ते हैं.......पर मैं तो नही कर पाउन्गा....आज पहली बार ...किसी और लड़की का स्वाद मुझे अपनी बीवियों से मिला.......क्यूँ हो रहा है ऐसा......ओह गॉड कहीं ये दोनो मुझे फिर से उसी जगह पे तो नही ले जा रही.....जहाँ सिर्फ़ दर्द और दर्द के सिवा कुछ नही.......

अपने दिमाग़ में उमड़ते हुए ख़यालों को झटक सुनील सुमन के अंदर ही खो जाता है......धीरे धीरे उसे वही मिठास सूमी के होंठों से मिलने लगती है जो हमेशा मिला करती थी .....और उसके सुमन को चूमने और चूसने की शिद्दत और भी बढ़ जाती है....साइड टेबल पे पड़े वोड्का के ग्लास जैसे दोनो को ताक रहे थे...अरे हमारी इतनी बेइज़ती...लोग हमे पीने को तरसते हैं और तुम हमे तरसा रहे हो.....

सुमन अपनी ज़ुबान सुनील के मुँह में डाल देती है और अंदर घुमाने लगती है...जैसे उसके मुँह को बता रही हो...ये मेरा इलाक़ा है.....यहाँ जो भी आएगा...मेरी मर्ज़ी से आएगा..

सुनील भी अपनी ज़ुबान से सुमन की ज़ुबान से खेलने लगता है...दोनो की ज़ुबाने एक दूसरे सी लिपतीटी और डोर होती....

ये खेल यूँ ही चलता रहा जब तक दोनो की सांस नही फूलने लगी और मजबूर होकर हन्फ्ते हुए दोनो को अलग होना ही पड़ा अपनी साँसों को संभालने के लिए.....

सुमन के दिमाग़ में एक जंग चल रही थी ...रूबी को ले कर.....उसने वोड्का का ग्लास उठाया और एक सीप ले कर सुनील के होंठों से लगा दिया.....सुनील ने भी एक सीप लिया और फिर से अपने होंठ सुमन के होंठों से जोड़ दिए ....एक दूसरे के होंठों को चूस्ते हुए दोनो बीच बीच में वोड्का का सीप लेते रहे जब तक दोनो ग्लास खाली नही हो गये......

सुमन रूबी के साथ खेले हुए खेल से काफ़ी गरम थी..पर उसने खुद को रोक के रखा हुआ था...और धीरे धीरे सुनील को अपने जिस्म का मज़ा दे रही थी...कोई जल्दी नही थी उसे....

रूबी का ख़याल सुमन के दिमाग़ से निकलता चला गया और उसकी जगह उस बच्चे ने ले ली जिसका उसने ख्वाब देखा था.....उसके हाथ सुनील के जिस्म को सहलाने लगे और सुनील ने उसके निपल को चूसना शुरू कर दिया...

ओह उम्म्म्म चूसो मुझे ....अह्ह्ह्ह भर दो इन में दूध....अहह.....ओह सुनील...मेरी जान....

सुमन खो गयी थी किसी और दुनिया में जहाँ सिर्फ़ वो और उसका सुनील था इस वक़्त....जहाँ उसकी आत्मा सुनील की आत्मा से मिल रही थी...एक नयी आत्मा के सृजन की तैयारी में...
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 01-12-2019, 02:40 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,542,060 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,072 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,249,829 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 944,861 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,677,994 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,100,990 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,985,527 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,169,640 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,074,581 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,881 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)