RE: Incest Kahani जीजा के कहने पर बहन को माँ �...
दीदी ने अपना सर पीछे की तरफ सरकाकर आँखें बंद करके चैन की लंबी सांस ली। जीजू दीदी की चूचियों पे झुके उन्हें चूसने में मस्त थे, फिर टेढ़ी आँख से मुझे दीदी की चूत में चोदते देखने लगे। मेरा लण्ड पूरी तेजी से दीदी की चूत के अंदर-बाहर आ जा रहा था, में अपना 8-10 साल पुराना गुस्सा निकाल रहा था। इस जिश्म के लिए मैं 4-5 साल तड़पा था। चोदते-चोदते मुझे जब भी दीदी की डाँट का ख्याल आता तो मेरा गुस्सा और भड़क जाता और मैं अपना पूरा लण्ड बाहर निकालकर उसे जोरदार झटके से चूत के निशाने पे हिट करता, और जोर से झटका मारता तो दीदी का सारा जिश्म हिल जाता।
कई बार तो दीदी का सर बेडरेस्ट से जा टकराता लेकिन मुझे उस बात से कोई फरक नहीं पड़ता था। अगले ही पल मैं जल्दी से भूखे शेर की तरह दीदी की कमर पे चिपके अपने हाथों से दीदी के सारे जिश्म को नीचे खींच लेता, और फिर से जोरदार चुदाई शुरू कर देता। दिल कर रहा था कि दीदी की चूत का ऐसा हाल कर दूं कि उसे हमेशा याद रहे।
जोरदार झटकों के लगने से दीदी के मुँह से-“अया… अया… उम्म्म… उम्म…” की आवाजें की सिसकन हो रही थी।
मेरा लण्ड तेजी से दीदी की चूत को ड्रिल कर रहा था जिससे मेरे लण्ड के पीछे वाली साइड और दीदी की चूत के आस-पास एक सफेद कलर का झाग जमा होने लगा था। जीजू दीदी की चूचियों को किस करते-करते नीचे मेरे लण्ड और दीदी की चूत की तरफ आ गये, जीजू ने उस सफेद झाग को अपनी उंगली से सॉफ किया और अपने अंगूठे और पहली उंगली से उसकी गोंद टाइप चिपचिपाहट देखने लगे। फिर उन्होंने वोही सफेद झाग थोड़ा और अपनी उंगली पे लगाया और अपनी उंगली दीदी के मुँह में डाल दी।
मैंने चुदाई की स्पीड और तेज कर दी। मैं दीदी पे अब तक का सारा गुस्सा निकाल रहा था। और दीदी की चूत से अपना लौड़ा बाहर निकलकर ऐसे हिट करता जैसे कोई सांड़ किसी इंसान को पीछे हटकरके अपने सर से हिट करता है। मेरे अंदर लण्ड के पीछे जलन हो रही थी कि कब मैं अपना सारा गरम पानी निकालकर दीदी के अंदर छोड़ दूं। लेकिन इतना तेज चोदने के वाबजूद अभी भी मेरा लण्ड पानी छोड़ने के आस-पास भी नहीं था। दूज डिले स्प्रे ने अपना अच्छा असर दिखाया था।
उधर जीजू कभी दीदी की चूचियों को दबाने लगते, और कभी किसिंग करते-करते दीदी को स्मूच करने लगते। मैं अपना पूरा जोर लगा रहा था कि मेरे लण्ड से पानी निकल जाए, और ऐसा लग भी रहा था कि थोड़ा और तेज दीदी की चूत पर धक्के मारने से मेरे लण्ड का पानी निकल जाएगा। उसी चक्कर में दीदी को चोदने की मेरी स्पीड और तेज होती गई, इतना तेज करने से मेरे लण्ड की स्किन जलने जैसी लग रही थी।
अब दीदी भी नीचे से अपनी गाण्ड उचका-उचका के चुदवा रही थी और पूरा मज़ा ले रही थी-“आह्ह… आह्ह… आह्ह… आह्ह… आह्ह… दीपूउउ, चोद ले अपनी दीदी को… अगर मुझे पहले पता होता की तुझसे चुदवाने में इतना मज़ा आयेगा तो कब का चुदवा लिया होता। हाईई मर गई मेरे दीपू राजा… उस दिन क्यों नहीं मेरा बलात्कार कर दिया… हाए नहीं, अपना ये लण्ड मेरी चूत में डालकर मेरी चूत फाड़ दी…” जैसी दीदी की आवाजें अब और तेज हो गई थीं, और तभी दीदी ने अपनी चूची चूसते जीजू को बालों से पकड़कर जोर से नोंच लिया, फिर दीदी की कमर ऊपर उठी और 3-4 झटके खाने के बाद “आआह्ह… ऊप्प…” की आवाज़ के साथ ही कमर घूमी और ढीली पड़ गई।
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