Incest Kahani जीजा के कहने पर बहन को माँ बनाया
मेरे घर में हम 3 लोग रहते हैं | मैं दीपक जिसे सब प्यार से दीपू कहते हैं | मेरी मम्मी मंजू ओर बहन पूजा | पहले मैं आपको अपने घर के बारे में बता दूँ | मेरे पापा का जब मैं 8 साल का था एक एक्सीडेंट में उनकी डेथ हो गई थी | मेरे पापा एक बहुत बड़े गवर्नमेंट एम्प्लोई थे सो इसलिए हमें पेंशन के रूप में एक बहुत ही बड़ी अमाउंट हर मंथ मिलती थी | मेरे पापा के पास पहले ही काफ़ी प्रॉपर्टी थी सो हमें उस से काफ़ी रेंट आता था जिससे हमारा गुज़ारा बड़े अच्छे तरीके से होता था | हमें किसी चीज़ की कभी कोई कमी महसूस नही होती थी | पापा की डेथ के बाद मम्मी ने ना दूसरी शादी की ना ही कभी किसी दूसरे मर्द के बारे में सोचा | उसने अपना सारा ज़ीवन हम दोनो भाई बहन की प्रवरिश के लिए ऐसे ही निकाल दिया | ऐसा नही था कि मेरी मम्मी खूबसूरत नही थी बल्कि वो बहुत ही खूबसूरत जिस्म की मालकिन थी | जिसे कोई एक बार देख ले तो बस उसे देखता ही रहे | और मुझे यकीन था कि मेरी मम्मी को देखने के बाद ऐसा ही कोई मर्द होगा जो अपना लंड सहलाए बिना रह पाता होगा | मेरी मम्मी लंबी ऊँची कद 5.5 फ़ीट और मेरी मम्मी का शरीर ऐसा है कि कोई देखे तो तड़प उठे | एकदम गोरी चिट्टी 38 साइज़ की बड़ी बड़ी टाइट चुचियाँ 30 कमर और 40 के गोल मटोल चूतड़ | मम्मी का शरीर भरा हुआ है लेकिन एकदम सुडोल , कहीं से कोई फैट नही, मेरी बहन पूजा भी एकदम मम्मी पर गई है | भरा हुआ शरीर 34 साइज़ की चुचियाँ, गोल मटोल चूतड़ और एकदम गोरी |पूजा इतनी मस्त ओर हॉट थी कि ना जाने स्कूल के कितने ही लड़के उसके पीछे पड़े थे | घर के बाहर पूजा की मस्त जवानी की एक झलक पाने के लिए स्कूल के लड़के तो क्या मोहल्ले के अंकल भी इंतज़ार में खड़े रहते थे और जब वो पूजा की मस्त मोटी मोटी टाइट चुचियाँ और बाहर निकली हुई गांड को देख लेते तो तो उन सब से कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता | वो सब जाकर पूजा के नाम की मुट्ठ मारते थे | मेरी बहन पूजा और मैं एक ही कॉलेज में पड़ते थे, पूजा फाइनल ईअर में थी और मैं फर्स्ट ईअर में, हम दोनो साथ ही कॉलेज जाते, हम दोनो भाई बहन कम और दोस्त ज़्यादा थे | दोनो में बहुत हँसी मज़ाक होता था, मैं कॉलेज मैं बास्केटबॉल टीम में था और पूजा मेरा हर मैच देखने आती थी | पूजा कॉलेज जाते समय अपने शरीर को पूरा ढकती लेकिन घर में ज़्यादातर छोटी मैक्सी पहन कर रहती, मम्मी भी ज़्यादातर साड़ी और ब्लाउज़ में ही रहती थी, मम्मी और पूजा के बीच बहुत अच्छी ट्यूनिंग थी | सब कुछ अच्छा चल रहा था, मैं ज़्यादातर समय या तो बास्केटबॉल या जिम में बीताता | घर पर मम्मी और पूजा माँ बेटी कम और दोस्त ज़्यादा बनकर रहती, तब तक मेरे मन मे उनके लिए कुछ नही था | पूजा पड़ने में ज़्यादा अच्छी नही थी, फिर एक दिन वो हुआ जिसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया |
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