RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
अचानक उसने एक जोरदार झटके से अपनी चादर उतार फेंकी... और हल्की रोशनी में उसकी कमर के नीचे का हिस्सा देखकर सोनू की रही सही हिम्मत भी जवाब दे गयी... वो नीचे से पूरी नंगी थी... चादर के नीचे उसने कब अपना लोवर निकाला,कब नीचे से नंगी हुई,वो जान ही नही पाया...
चाँद की हल्की रोशनी में उसकी चमकती हुई जाँघ और गांड वाला हिस्सा ऐसे लग रहा था मानो कोई चिकना तरबूज हो... और उसकी स्मूथ टाँगो को होले -2 मचलते देखकर उसका लंड कब खड़ा हो गया , उसे भी पता नही चला..
उसके भैय्या-वादी दिल ने एक आख़िरी कोशिश की : 'पलट कर दूसरी तरफ सो जा सोनू, वो तेरी बहन है... अपनी बहन को ऐसी हालत में देखना पाप है... वो अगर बेवकूफी कर रही है तो तू अपनी समझदारी से काम ले.. दूसरी तरफ घूम जा और उसे अपना काम करने दे.. तू सो जा सोनू, तू सो जा... ये ग़लत है ...'
कुछ देर तक वो सोचता रहा पर फिर उसके दिमाग़ ने वही रटा - रटाया जवाब अपने दिल को सुना दिया जो अभी कुछ देर पहले उसकी बहन ने उसे सुनाया था... वो बचपन में साथ खेलने वाला.... बॉडी में ही तो फ़र्क आया है, रिश्ते में नही.... वेगेरह -2 ..
उस दलील को सुनकर तो सोनू पहले भी शांत हो गया था और अब फिर से शांत हो गया...
और रही - सही कसर सोनिया ने पूरी कर दी
सोनिया ने एक झटके में अपनी टी शर्ट को निकाल फेंका... और फिर से अपने काम में जुट गयी... अब वो पूरी नंगी होकर अपनी चूत में उंगलबाजी कर रही थी..
उसे ऐसी हालत में देखकर उसके दिमाग़ के शैतानी हिस्से में नये-2 प्लान आने लगे...
की ऐसे में अगर वो लाइट जला दे तो उसे चादर पहनने का भी टाइम नही मिलेगा...
वो उसके सामने नंगी पड़ी होगी, और उसके बाद वो उसे ब्लेकमेल करके कुछ भी करवा सकता था...कुछ भी..
पर अगले ही पल वो खुद ही बोल पड़ा, नही यार, इतना भी कमीना नही हूँ मैं ... ये सब अलग बातें है, पर अपनी बहन के साथ मैं ऐसा हरगीज़ नही कर सकता...
और इस बात ने उसके दिल को एकदम बदल सा दिया... वो भावुक सा हो गया और वो करवट बदलकर दूसरी तरफ होने लगा...
पर जैसे ही वो थोड़ा सा हिला, सोनिया एकदम से चौकन्नी हो गयी ... उसने चादर से अपने शरीर को ढक लिया और कुछ देर तक सोनू की बॉडी में जब कोई और हरकत नही हुई तो वो धीरे से बोली : "सोनू..... ओ सोनू..... सो गया क्या....''
सोनू बेचारे की समझ में नही आ रहा था की क्या करे... वो कुछ नही बोला... बस आँखे बंद करके सोने का नाटक करता रहा...
अचानक सोनिया अपने बेड से उठ खड़ी हुई...और सोनू की तरफ आने लगी..उसने चादर लपेट ली थी अब.
उसने बड़ी मुश्किल से अपने जज्बातों पर काबू किया और आँखे बंद करके नॉर्मल तरीके से सोने का नाटक करने लगा..
वो उसके करीब तक आई, नीचे झुककर उसके चेहरे को देखा, और अपना हाथ उसके गाल पर रखकर उसे थपथपाया और होले से फुसफुसाई : "मेरा डार्लिंग भाई.... गुड नाइट....''
और इतना कहकर वो उठकर चली गयी...
सोनू ने तुरंत अपनी आँखे खोली, और उसने जो देखा,उसे देखकर एक इंसान का अपने उपर काबू रखे रखना बड़ी मुश्किल का काम होता है...
उसने देखा की उसके चेहरे से सिर्फ़ एक फुट की दूरी पर जाकर सोनिया ने वो चादर , जो उसने अपने बदन पर लपेट रखी थी, उसे नीचे गिरा दिया.... और उसके संगमरमर जैसी गोरी-2 गांड ठीक उसके चेहरे के सामने उजागर हो गयी...
और उपर से , सोने पर सुहागा ये था की, खिड़की की रोशनी ठीक उनपर पड़ रही थी, उस चाँद की चाँदनी में नहाकार ,ये चाँद भी दमक उठा था...
उसकी दोनो टाँगो के बीच हल्का सा गेप था, जिसके दूसरी तरफ उसे सोनिया की चूत के कसे हुए होंठ तक नज़र आ रहे थे... कमाल का एंगल था उस वक़्त...
पर एक पल के लिए मिले इस नज़ारे को देखकर सोनू का लंड बुरी तरह से अकड़ गया... उसने लाख कोशिश करके उसे नीचे बिठाया पर वो किसी तंबू की तरह चादर में खड़ा रहा... ऐसे में अगर सोनिया लाइट जलाकर उसके लंड वाले हिस्से को देख लेती तो उसका झूट-मूठ सोने का नाटक अभी ख़त्म हो जाता...
सोनिया ऐसे ही नंगी चलती हुई अपनी अलमारी तक गयी
और उसने उसे खोलकर अपने बेग की अंदर वाली जीप से कुछ निकाला और फिर वापिस आकर बेड पर लेट गयी...
सोनू बड़े ही ध्यान से उसे देख रहा था...
उसके हाथ में रिमोट जितना लंबा सा कुछ था...
वो कुछ समझ पता, इससे पहले ही उसे हल्की गररर्रर की आवाज़ सुनाई दी...
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