RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
रेणु काफ़ी एट्रेक्टिव थी...हर कोई उसे एक बार चलते हुए देख लेता तो आहें भरकर रह जाता...वो अपने छोटे-2 कूल्हे कुछ ज़्यादा ही मटका कर चलती थी...उन्होने देखा की वो अपने बी एफ के साथ जल्दी-2 चलती हुई स्कूल के पीछे वाले एरिया में जा रही है...ये एक ऐसा हिस्सा था जहाँ दो बिल्डिंगो के बीच काफ़ी पेड़ थे, और उनके बीच छुपकर अक्सर प्रेमी लड़के-लड़किया मज़े लिया करती थी...सोनू ने एक दो बार छुप कर वहां के नज़ारे देखे थे, पर बाद में कभी हिम्मत नही हुई उसकी...
साक्षी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लगभग घसीटती हुई उस तरफ ले गयी
''चलो ना.....देखते है,वो आख़िर रोज वहां क्या -2 करते है...''
सोनू का दिल भी धड़क रहा था, वो उसके पीछे चलता चला गया.
बिल्डिंग के पीछे जाकर उन्होने देखा की रेणु और उसका बी एफ एक दूसरे को चूम रहे है...
साक्षी की आँखे गुलाबी हो गयी वो देखकर....उसके हाथ का दबाव सोनू पर बढ़ सा गया...दोनो छुपकर उन्हे देखने लगे..
लड़के ने रेणु के बूब्स प्रेस करे..उसके उपर के 3 बटन खोलकर , उसकी ब्रा को नीचे करके उसने रेणु की नन्ही ब्रेस्ट को सक किया....वो सब देखकर सोनू का तो बुरा हाल था ही, साक्षी के दिल की धड़कने बुरी तहर से धड़क रही थी...
अचानक वो बोली : "तू....तुमने जो कल फोन पर कहा था.... उस...उसका जवाब सुनना चाहते हो....''
सोनू का दिल भी धड़क उठा....वो उसके थरथराते हुए होंठों को देखकर बोला : "हाँ .....बोलो...''
सोनू का इतना कहना था की वो किसी लोमड़ी की तरह उसपर झपटी और अपने गर्म होंठ उसने सोनू के होंठों पर रख दिए और उन्हे जोरों से पीसती हुई बुदबुदाई : "उम्म्म.....आई लव यु .....आई लव यु सोनू.....आई लव यु ....''
और उसने सोनू का हाथ पकड़कर खुद ही अपनी छाती पर रख दिया...और सिसक उठी
एक तो सोनू की जिंदगी का पहला चुम्मा और उपर से पहली बार वो किसी की ब्रेस्ट को पकड़ रहा था...
एक ही दिन में उसकी जवान होती जिंदगी में 2 झटके लग चुके थे...और वो भी उस लड़की के द्वारा जिसके बारे में सोच सोचकर उसने ना जाने कितनी बार मुठ मारी थी....आज वो खुद ही अपने आप को उसके उपर उड़ेल सी रही थी...साक्षी का मदमस्त शरीर अपनी बाहों में लेकर वो भी फूला नही समा रहा था...और ख़ासकर उसके मोटे-2 मुम्मों पर हाथ रखकर तो उसे मज़ा ही आ गया था....आज उसे पता चला था की ये मम्मे कितने मुलायम होते है...उन्हे दबाने में उसे सच में काफ़ी मज़ा आ रहा था...
अचानक स्कूल की घंटी बज गयी....पहला पीरियड स्टार्ट हो चुका था....रेणु और उसका बी एफ भी वापिस आने लगे...और ये दोनो भी अपनी क्लास में आ गये...
उसके बाद पूरा दिन दोनो एक दूसरे के साथ ही बैठे रहे...साक्षी तो उससे चिपक कर ऐसे बैठी थी जैसे उसके सिवा किसी और का हक ही नही रह गया सोनू पर...
इसी तरह पूरा टाइम बीत गया और स्कूल के बाद खुशी-2 सोनू वापिस घर आ गया...
इस वक़्त घर पर मॉम तो होती नही थी, पापा भी ऑफीस में थे....सोनू के पास शुरू से ही घर की चाबी रहती थी
वो बेग लेकर अपने रूम में आया तो उसके बाथरूम से शावर की आवाज़ आ रही थी...यानि उसकी बहन नहा रही थी
पर कमरे के फर्श पर बिखरे कपड़ों को देखकर उसका दिमाग़ भन्ने गया...
सोनिया के बिस्तर से लेकर बाथरूम तक उसके कपड़े बिखरे पड़े थे....उसकी शॉर्ट, टी शर्ट और लास्ट में उसकी पेंटी...
और उसके पहनने वाले कपड़े और टावल वहीं उसके बिस्तर पर पड़ा था....यानी वो अंदर नंगी गयी थी और उसे वो सब लेने के लिए बाहर ऐसे ही आना पड़ेगा...एक ही मिनट में सोनू के दिमाग़ में सब बातें घूम गयी...
एक तो वैसे ही साक्षी की वजह से उसका लंड सुबह से अब तक बैठने का नाम नही ले रहा था, उपर से ये सब देखकर उसके दिमाग़ में शैतान ने सिर उठाना शुरू कर दिया...
पर अगले ही पल उसने वो सब विचार अपने दिमाग़ से झटक डाले और कमरे से बाहर निकलता हुआ बोला : "नही...नही...ये ग़लत है...ये ग़लत है...''
वो दरवाजा बंद करके जैसे ही बाहर निकला तो उसे शावर बंद होने की आवाज़ आई...और साथ ही दरवाजा खुलने और सोनिया के गुनगुनाने की आवाज़ भी आई...
उसके पैर वहीँ जम कर रह गये...और वो जाते-2 वापिस पलट गया..
उसके माथे पर पसीना छलक रहा था...उसके दिल की धड़कनें इतनी ज़ोर से धड़क रही थी की उसे डर था की कहीं उसकी आवाज़ सोनिया ना सुन ले...उसका हाथ अभी तक दरवाजे के हेंडल पर था...दरवाजा अभी तक थोड़ा सा खुला हुआ था...
अंदर से आ रही भीनी-2 शेंपू और पानी की महक ने उसे मदहोश सा कर दिया... उसके कदम वहीं जम कर रह गये....
अंदर से उसके गुनगुनाने की आवाज़ आ रही थी..
''मेरे ख्वाबों में जो आए, आके मुझे छेड़ जाए, उससे कहो कभी सामने तो आए....''
उसकी मीठी आवाज सुनकर उसे कुछ - २ हो रहा था , सोनू को आज महसूस हो रहा था की उसके अंदर भी एक शैतान है.... वो शैतान जिसने उसे अपनी बहन के रूम के बाहर अभी तक रोक कर रखा हुआ था... कोई और भाई होता तो कब का नीचे जा चुका होता, पर ये सोनू के अंदर का वो शैतान ही था जो उसे नीचे जाने ही नही दे रहा था...आज सोनू का अपने शरीर पर कोई कंट्रोल ही नही रह गया था..
उसके होंठ तो अभी तक बुदबुदा रहे थे 'ये ग़लत है...ये ग़लत है...'
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