Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी समधन
01-02-2019, 02:41 PM,
#23
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी �...
अपडेट 21
माँ ने अपनी समधन अपने पति और सब का ध्यान रखते हुए सोचा था.
कामिनी के साथ माँ को सोना ज़रूरी था कामिनी की नींद पूरी हो और रात मे राज उठ कर कामिनी को परेशान ना
करे इस लिए माँ को कामिनी के साथ रहना था.
रमेश तो 2 दिन बाद चला जाएगा पर मैं और एक महीना रुकने वाली थी
माँ रात मे कितने बजे भी सो जाए फिर भी अपने समय पर उठ जाती थी.
पिताजी कैसी भी चुदाई करे माँ की नींद सुबह खुल जाती. उनको आदत हो गयी थी.
सुबह उठ कर माँ ने पिताजी के उपर चद्दर डाली ,और उनको सोने दिया.
फिर माँ ने अपनी समधन को देखा ,वो नंगी सो रही थी.
उसकी गंद और चूत पे अपने पति का वीर्य जो सुख चुका था जिस से चूत और गंद के छेद चिपक गये
थे.
माँ ने समधन के उपर चद्दर डाली और उन्हे भी सोने दिया. और कमरेको अच्छे सेबंद किया.
माँ अपने काम मे लग गयी.
थोड़ी देर बाद समधन की नींद खुल गयी.
और अंगड़ाई लेते समर समधन को अपने बदन मे दर्द हुआ
समधन की रात मे जो चुदाई हुई उसके बाद आज उनको बदन मे जो दर्द हुआ उसकी वजह से वो बिस्तर से उठ भी
नही पाई
समधन की दर्द के मारे एक चीख निकल गयी.
चीख सुनकर पिता जी उठ गये .और समधन को देख कर उनको रात की चुदाई याद आ गयी.
समधन की हालत जो पिताजी के लंड ने की थी उससे पिताजी को अपने लंड पर गर्व था.
पिताजी उठ कर समधन के पास गये जो दर्द की वजह से उठ नही पा रही थी.
पिताजी-क्या हुआ समधन जी
समधन-सब आपने किया और मुझे पूछ रहे है. पूरा बदन दुख रहा है
पिताजी-मैं मालिश कर देता हूँ
समधन-नही ,रहने दीजिए
अब पिताजी कहाँ सुन ने वाले थे .पिताजी ने चद्दर हटा दी.
समधन का नंगा बदन पिताजी के सामने आ गया.
रात मे पिताजी ने ठीक से देखा नही था पर अब समधन को देख कर देखते ही रह गये
समधन ने शरमा कर अपने बदन को मोड़ कर हाथो से बदन छुपा दिया.
समधन-ऐसे मत देखिए ,मुझे शरम आ रही है
पिताजी-रात मे नही आई.
समधन-आप जाइए यहाँ से
पिताजी-नही जाउन्गा. 1 महीना आप मेरी है
समधन-अभी जाइए ,और समधन को भेजिए. बदन दुख रहा है.
पिताजी-मैं मालिश कर दूं
समधन-आपको आती है
पिताजी-हाँ
समधन-तो कर दीजिए
और पिताजी ने लंड बाहर निकाला. जो सुबह की वजह से खड़ा हो गया था
समधन-ये क्या है
पिताजी-इसको चूसने से दर्द गायब हो जाएगा.
समधन-आप फिर शुरू हो गये. जाइए यहाँ से
पिताजी-एक बार मूह मे लेकर इसका शुक्रिया तो अदा कीजिए
समधन ने पिताजीका लंड मूह मे लिया था कि कमरे का गेट खुल गया
पिताजी और समधन डर गये थे पर माँ को देख कर नॉर्मल हो गये
माँ-क्या समधन जी सुबह सुबह शुरू हो गयी
समधन-इन्हो ने कहा ,
पिताजी-मैं ने कब कहा
समधन-आप ने ही तो कहा था.
माँ-जाने दीजिए. आपकी हालत कैसी है
पिताजी कमरे से बाहर चले गये
समधन-दर्द हो रहा है.
माँ-आप आराम कीजिए मैं मालिश कर दूँगी
माँ ने समधन की ऐसी मालिश की ,कि सारा दर्द गायब हो गया .
फिर भी समधन ने कमरे मे आराम करने का फ़ैसला किया.
माँ ने रमेश और कामिनी को बुला कर बता दिया कि समधन कल की वजह से थक गयी है उनको आराम की
ज़रूरत है.
रमेश और कामिनी को चिंता होने लगी.
पर माँ ने रमेश और कामिनी को कहा कि समधन 1 महीना रुकने वाली है. उनको गाँव पसंद आया है
कुछ दिन गाँव की हर्याली मे रहना चाहती है
समधन को गाँव मे रहने से अच्छा लग रहा है ये रमेश और कामिनी को दिख रहा था.
रमेश अपनी माँ के लिए खुश था .और कामिनी अपनी सास को अपने मायके मे खुश देख कर रिलॅक्स हो
गयी.पर उसको तो अपनी समधन की चाल देख कर शक हो गया
कामिनी समझ गयी कि पिताजी ने मैदान मार लिया
पर कामिनी ये देख नही पाई
पर कामिनी इस बात का पता लगाना चाहती थी कि वो जो सोच रही है क्या वो सच है
जैसा सोचा था वैसा हो रहा था
सब खुश थे ,समधन सब से ज़्यादा खुश, थी उनको दमदार लंड जो मिला था.
पिताजी ने 1 महीने मे समधन की ऐसी चुदाई की कि ,समधन का बदन ऐसा खिल गया. कि हर कोई उसकी खुश्बू
सूंघना चाहे
समधन मे आए बदलाव से रमेश तो खुश था उसको लगा कि गाँव की हवा पानी का असर है पर कामिनी को
पता था कि ये किस बात का असर है
पर ये असर था पिताजी के पानी का जिसे अपने अंदर ले कर समधन का बदन फिट हो गया.
माँ मेरा ध्यान रखते हुए बता रही थी कि क्या करना है कैसे करना है.
मुझे इन सब की आदत नही थी. पर मेरी बात कोई सुनता नही था
मेरी सास मेरी काफ़ी तारीफ करती थी जिसे सुनकर माँ को अच्छा लगता था.
इसी बीच वो दिन भी आ गया जिसका मुझको इंतजार था.
पर मेरी सास को लग रहा था कि ये दिन कभी नही आए
कल हमे वापस अपने घर जाना होगा , मुझे मेरे ससुराल जाना होगा
मेरी सास का ये लास्ट रात होने से पिता जी ने पूरी रात चुदाई की
इधर मैं माँ के साथ सोने की तैयारी कर रही थी
अब लस्ट दिन होने से मैं ने माँ से डायरेक्ट पूछ लिया कि पिताजी और मेरी सास मे क्या चल रहा है
मेरी बात से माँ पहले डर गयी पर बाद मे बात बदल दी
लेकिन मैं ने माँ को बताया कि मुझे सब पता है
मेरी बात सुनते ही माँ ने मुझे समझना शुरू किया
मुझे सच जाना था
मेरे ज़ोर डालने पे माँ ने सच बताना शुरू कर दिया
पहले दिन से अब तक क्या क्या हुआ वो सब बताया
कैसे माँ ने मेरी सास को मनाया गंद मरवाने से लेकर छत पर खुले आसमान के नीचे की चुदाई तक
सब कुछ बता दिया
फिर मेरी माँ ने कहा कि ये बात अपने तक रखना
मेरी सास को थोड़ी खुशी मिल रही थी , जिस से मेरे पति भी खुश थे तो मैं ने अपना मूह बंद रखा
लेकिन मेरे पेट मे दर्द होता था
एक औरत जो हूँ
ये बात किसी को बताए बिना चैन नही आएगा
ये बात मुझे हजम करने के लिए किसी को तो बतानी थी
अगर किसी को बता दी तो हमारे घर की इज़्ज़त लूट जाएगी
तो मैं ने लिखना स्टार्ट किया
मेरे पिताजी और मेरी सास की कहानी
मेरे पिताजी और उनके समधन की कहानी जो कभी ख़तम ही नही हुई


दा एंड
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी �... - by sexstories - 01-02-2019, 02:41 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,476,447 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,712 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,222,249 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 924,048 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,639,960 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,069,066 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,931,303 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,992,055 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,007,300 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,579 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)