RE: Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी �...
अपडेट 12
मैं माँ बन गयी
एक बेटे को जनम दिया
मुझे और मेरे बेटे को देखने सभी रिश्तेदार आए थे
पिताजी तो बस मेरी सास का इंतज़ार कर रहे थे
जैसे मेरी सास आई तो पिताजी ने उनको बधाई दी
पिताजी- बधाई हो समधनजी
समधन-आपको भी बधाई हो
पिताजी- लीजिए मूह मीठा कीजिए
और पिताजी ने अपने हाथो से मेरी सास को मिठाई खिलाई
और मेरी सास ने भी पिताजी को मिठाई खिला दी
पिताजी- चलिए आपको पोते से मिलवा देता हूँ
समधन-मैं मिल लूँगी
पिताजी- आप हमारे शहर आई है , आपकी खातिरदारी तो करने दीजिए
समधन-जैसा आप ठीक समझे
और पिताजी ने मेरे बेटे को अपनी गोद मे लिया
और जानबूझ कर खुद मेरी सास की गोद मे दिया इस बहाने से उन्होने मेरी सास के बूब्स को टच भी कर
लिया
पर मेरी सास तो पोते को देखने की खुशी मे थी
पिताजी कोई चान्स नही छोड़ते थे
मोका देखते ही चोका मार देते
ऐसा ही चलता रहा
इस बीच मैं हॉस्पिटल से भी आ गयी
मेरी सास मेरे यहाँ ही रुकी थी
वो अपने पोते को गोद मे लेकर ही रहती
और पिताजी तभी मेरे बेटे को प्यार करते
ऐसा करने से मेरी सास के बूब्स को टच कर लेते
मैं बस देखती रह जाती
पिताजी तो मेरी सास के आस पास ही रहते
पिताजी- कितना प्यारा है
समधन-हाँ , इसका नाम भी इसके जैसा प्यारा रखेंगे
पिताजी- आप ही अच्छा नाम सोचिए ,, आपकी तरह प्यारा नाम
समधन-राज कैसा रहेगा
पिताजी- अच्छा है , आपने सोचा तो मैं मना कैसे कर सकता हूँ
समधन-अले अले अले
पिताजी- लगता है इसको भूक लगी है देखिए आपके दूध को मूह लगा रहा है
समधन-आप भी ना , ऐसे थोड़े कहते है
पिताजी- उसको दूध ही तो कहते है , बेटा उस मे दूध नही है ,
समधन-वो बच्चा है उसको क्या पता
पिताजी- वैसे एक बात कहूँ ,, आपको देख कर लगता है इनमे बहुत दूध होता होगा
पिताजी की बात से मेरी सास शॉक्ड हो गयी
समधन-ये आप क्या बोल रहे हो
पिताजी- मैं तो बस जानना चाहता था ताकि बेटी को दूध ना निकले तो क्या करना चाहिए
समधन-वो हम औरतों का काम है आप दूर रहे
पिताजी- तो मर्दो का काम क्या सिर्फ़ उसमे दूध भरना है प्यार करके,,
समधन-आप भी ना , जाइए बच्चे के दूध पीने का समय हो गया है
ऐसी छेड़छाड़ तो चलती रहती मेरे पिताजी और सास के बीच मे
पर कुछ दिन बाद मेरी सास वापस चली गयी
तो मैं रिलॅक्स हो गयी
माँ तो मेरा ही ख़याल रखती
ऐसे मे पिताजी बाहर घूम आते
मुझे पिताजी का असली चेहरा दिखाई दे रहा था
इस लिए एक बार मैं ने पिताजी की अलमारी चेक की तो उसमे मुझे बहुत से कॉंडम दिखे
इतने सारे कॉंडम
और रोज कॉंडम कम होते थे
पर माँ तो मेरे पास ही रहती
मतलब पिताजी दोपहर मे घूम कर नही चुदाई करके आते है
मुझे तो अपनी सास को बचा कर रखना होगा
लेकिन जल्दी ही मेरे बेटे का नाम करण का प्रोग्राम शुरू हो गया
रमेश तो जल्दी आ गये
उनको कुछ काम भी था हमारे शहर मे और मुझसे प्यार करने भी मिलेगा
फिर मेरी सास भी आ गयी
नाम करण का अच्छा प्रोग्राम रखा गया
प्रोग्राम दोपहर मे रखा ताकि मेहमान सुबह आकर शाम तक वापस जा सके
हमारा घर 2 बीएचके था जिस मे ज़्यादा लोग रह नही पाएँगे
बस मेरे घर वाले और ससुराल वालो के ही रहने का इंतज़ाम किया था
बस सब अच्छे से हो जाए
पर मुझे अपने पिताजी और सास पर नज़र रखनी होगी
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