RE: Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी �...
अपडेट 11
अब कहानी मेरी ज़ुबानी----यानी कामिनी की ज़ुबानी
पिताजी ने मेरी सास के साथ
वो भी बस मे इतने लोगो के सामने
मेरी सास ने भी नही रोका
मेरी सास की हालत देख कर तो उनकी मस्ती का पता चल रहा था
उनके पैरो से पानी नीचे आ रहा था
पिताजी तो इस से खुश थे
पर उन्होने होश से काम लिया
और जल्दी अपना लंड पॅंट मे डालकर ठीक से खड़े हुए
साथ ही धीरे से मेरी सास की साड़ी जो कमर मे घुसा दी थी उसको निकाल कर साड़ी ठीक की
और जल्दी से कुछ पीछे हो गये
मेरी सास और पिताजी के बीच मे कुछ लोग आ गये
मेरी सास तो इसी नशे मे खोई थी
पर अचानक बस शुरू हुई तो सबको झटका लगा
मेरी सास होश मे आई
बस टनल से निकलने लगी
मेरी सास थोड़ी डरी हुई थी
उन्होने इधर उधर देखा तो उनपे कोई शक नही हुआ जिस से मेरी सास रिलॅक्स हो गयी कि किसी ने देखा नही
पर जल्दी ही मेरी सास ने अपनी पैंटी जो घुटनों मे फसि थी उसको उपर की
मेरी सास ने खुद को ठीक किया
फिर धीरे से पीछे देखा तो उनके पीछे जो आदमी खड़ा तो उसने स्माइल की मेरी सास को देख कर
मेरी सास को लगा कि इसी ने किया है
मेरी सास को उसपर बहुत गुस्सा आ रहा था
बस शुरू होते ही झटके लगने लगे
वो आदमी भी कमीना निकला वो मेरी सास से चिपक रहा था
शायद उसने मेरे पिताजी को देखा होगा मस्ती करते हुए जिस से वो भी अब मज़ा ले रहा था
इस बार भी मेरी सास चुप थी बदनामी के डर से
उस आदमी को तो मज़ा आ रहा था
और जल्दी हमारा स्टॉप आया तो हम नीचे उतर गये
तो मेरी सास के पीछे वाला आदमी भी उतर गया पर उतरते समय उसका धक्का ज़ोर से लगा मेरी सास को
जिस से मेरी सास रोड पर गिरते गिरते बच गयी
पिताजी ने ये देखते ही उस आदमी का शर्ट पकड़ लिया
वो आदमी तो डर गया
कामिनी- माजी आप ठीक हैना
मेरी सास ने देखा कि पिताजी ने उस आदमी को पकड़ रखा था
तो मेरी सास को उसको सबक भी सिखाना था
पिताजी को देखते ही मेरी सास के अंदर हिम्मत आ गयी
पिताजी- आप ठीक हैना , इसको तो मैं छोड़ूँगा नही
समधन-बहुत बदतमीज़ इंसान है ये , बस मे बार बार टकरा रहा था जानबूझ कर
ये सुनते ही पिताजी गुस्सा हो गये
और उस आदमी को मारने लगे
वो आदमी बिचारा मेरे पिताजी के हाथो से मार खाने लगा
भीड़ जमा होते ही लोगो ने भी उसकी पिटाई की
मस्ती मेरे पिताजी ने की और मार कोई और खा रहा था
पर इस तरह उस आदमी को मारने से पिताजी हीरो बन गये
मेरी सास खुश हो गयी उस आदमी की पिटाई देख कर
और पिताजी को शुक्रिया कहा
पिताजी ने मस्ती भी की और हीरो भी बन गये
पर वो आदमी भीड़ से भाग निकला पर उसकी अच्छी पिटाई हुई
मेरे पिताजी मेरी सास की नज़रो मे हीरो बन गये
मेरी सास को अब अच्छा लग रहा था
फिर हम घर आ गये
लेकिन उस दिन के बाद तो मेरी सास और पिताजी मे बातें बढ़ गयी
पिताजी ने उनकी इज़्ज़त जो बचाई थी
इस बाद के बस दोनो बहुत फ्रॅंक हो गये
अब तो हसी मज़ाक चलता रहा
इस इन्सिडेंट के बाद पिताजी को जाना था पर मेरी सास ने कुछ दिन रोक लिया
फिर तो पिताजी ने कोई छेड़छाड़ नही की
क्यूँ कि अब तो सब अच्छे से एंजाय कर लिया था जिस से अभी कुछ करना ठीक नही समझा
पिताजी हीरो वाली इमेज से मेरी सास को इम्प्रेस करने को काफ़ी थी
मैं बस देखने के सिवा कुछ नही कर सकती थी
फिर कुछ दिन बाद पिताजी और माँ अपने घर चले गये
तब जाके मैं ने चैन की साँस की
लेकिन ये तो शुरुआत थी
पिताजी ने खून चख लिया था
अब पता नही क्या होगा
लेकिन कुछ महीनो बाद मैं माँ बन गयी
एक बेटे को जनम दिया
सब खुश थे
लेकिन मेरे पिताजी डबल खुश थे क्यूँ कि मेरी सास से मुलाकात होगी
मेरी डेलिवरी मेरे घर पर हुई
मेरी माँ और पिताजी ने मेरा बहुत ध्यान रखा
और अब सबको खुशख़बरी दे रहे थे
मेरी सास को तो पिताजी ने फोन करके बताया कि वो दादी बन गयी
सब मुझसे मिलने आ गये
सब खुश थे
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