RE: Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी �...
अपडेट 6
शादी के 6 महीने बाद मैं ने सबको खुश खबरी सुनाई
मैं प्रेगेनॅट थी
रमेश मेरी ननद और मेरी सास तो बहुत ज़्यादा खुश थे
मेरी सास ने तो सबको ये बात बताई
मेरे पड़ोसी मेरी सास को कहते थे कि वो किसी भी आंगल से दादी नही दिखती
मेरे माँ बनने की बात सुनते ही माँ और पिताजी मुझसे मिलने आ गये
मेरे शादी के बाद पहली बार पिताजी मेरे ससुराल मे आए थे
वरना हमेशा माँ ही आती थी मिलने
पता नही पिताजी मना क्यूँ करते थे
पर अब वो नाना बनने वाले थे तो उनको आना ही पड़ा मेरे ससुराल मे
मेरी शादी के समय पिताजी शादी की तैयारी मे इतने खोए थे कि ठीक से किसी से बात भी नही हुई उनकी
समधी तो थे नही ऐसे मे रमेश के मामा से ही बात हुई
रमेश की तरफ से रमेश के मामा और मामी ही सब देख रहे थे
ऐसे मे पिताजी की मेरी सास से कभी बात ही नही हुई
पर आज पिताजी मुझसे मिलने आ गये
माँ तो मुझे देखते ही मेरे गले लग गयी
मेरे पिताजी वो भी खुश थे
लेकिन जैसे ही मेरी सास उनके कमरे से बाहर आई तो पिताजी बस उनको ही देखते ही रह गये
शादी मे कभी ठीक से देख भी नही पाए
पर अब पिताजी तो जैसे मेरी सास को ही देखे जा रहे थे
मेरी सास तो मेरी माँ से बात कर रही थी
पर मेरे पिताजी ने मेरे घर आने के बाद मुझसे बात भी नही की वो तो मेरी सास के सामने वाली चेयर पर
जाकर बैठ गये ताकि मेरी सास को देख सकें
मेरी सास तो मेरी माँ से बाते करने मे खोई हुई थी जिस से उनका ध्यान मेरे पिताजी पर नही गया
पर थोड़ी देर बाद माँ फ्रेश होने के लिए चली गयी
मैं तो किचन मे चाइ बना रही थी
पर मेरा ध्यान पिताजी की तरफ ही था
मेरी माँ के बातरूम मे जाते ही मेरी सास का ध्यान मेरे पिताजी पर गया
पर उनसे बात कैसे करे समझ नही आ रहा था
पिताजी- नमस्ते
समधन-जी , आपने कुछ कहा
पिताजी- नमस्ते ,
समधन-नमस्ते
पिताजी- आप तो अपनी समधन मे खोई हुई थी
समधन-हाँ वो इतने दिनो बाद मिली तो बहू के बारे मे बता रही थी
पिताजी- क्यूँ क्या हुआ , मेरी बेटी ने कुछ गुस्ताख़ी की हो तो बताइए , अगर आपको परेशन किया हो तो उससे मैं
बात करता हूँ
समधन-जी नही ऐसी कोई बात नही ,बहू तो मेरा पूरा ध्यान रखती है
पिताजी- अगर कुछ बात हो तो आप मुझे बता सकती है , उसको तो आपकी सेवा करनी चाहिए ,
समधन-जी ऐसी कोई बात नही है
पिताजी- वैसे आप को देख कर लगता है मेरी बेटी ने घर को अच्छे से संभाला है
समधन-हाँ अब तो बहू घर का काम करती है मुझे तो आराम मिलता है
पिताजी- ये क्या बोल रही है आप , आराम हराम होता है , अगर आप आराम करेगी तो आपके सुंदर बदन पर
चर्बी दिखने लगेगी
समधन-क्या?
पिताजी- मेरा मतलब है कि आराम करते रहने से बीमारी लग जाती है
समधन-ऐसा कुछ नही होगा , मैं रोज सुबह योगा करती हूँ
पिताजी- ये तो अच्छी बात है ,मैं भी सुबह कसरत करता हूँ
समधन-हाँ बताया था बहू ने कि आप खुद को फिट रखते है
पिताजी- फिट रहना पड़ता है वैसे आपने भी खुद को अच्छे से मेनटेन किया है ,
समधन-जी शुक्रिया
पिताजी- वैसे एक बात कहूँ तो बुरा नही लगेगा आपको
समधन-कहिए
पिताजी- आप इस एज मे भी जवान लड़की से ज़्यादा खूबसूरत लगती है
इस बात से मेरी सास शॉक्ड हो गयी
और शरमाने लगी
औरतें तो तारीफ की भूकी होती है
पिताजी- आप तो शर्मा गयी
समधन-आप भी ना , मैं अब दादी बनने वाली हूँ
पिताजी- मैं तो आपको माँ बनाने का सोच रहा हूँ
ये बात पिताजी ने धीरे से कही
समधन-कुछ कहा आपने
पिताजी- एक बार आप खुद को मिरर मे देखना तो पता चलेगा आपको
समधन-आप भी ना , बस भी कीजिए , बच्चे सुन लेंगे तो क्या कहेंगे
पिताजी- यही कहेंगे कि भगवान की बनाई हुई खूबसूरत मूरत की तारीफ कर रहा हूँ
समधन-ऐसा कुछ नही है , और लगता है आपको आदत है औरतों की तारीफ करने की
पिताजी- हमारी किस्मत इतनी अच्छी कहाँ है , मेरी बीवी की तारीफ करूँगा तो आपकी बेइज़्ज़ती हो जाएगी , सालो हो गये
किसी की तारीफ किए
समधन-तभी आज रुक नही रहे हो
पिताजी- शुरू तो करने दो आप खुद कहेंगी रूको मत
धीरे से कहा
समधन-कुछ कहा आपने
पिताजी- आपकी तारीफ तो दिल से निकली है
समधन-बड़े आशिक़ मज़ाक के लगते हो आप
पिताजी- आपको बुरा लगता होगा तो सॉरी बोल देता हूँ , पर क्या करूँ पहली बार किसी से ऐसे बात कर रहा हूँ ,
वरना आर्मी वालो का तो पता ही है लेफ्ट राइट करते रहना पड़ता है
समधन-समझ सकती हूँ , उसी लिए कुछ कहा नही
पिताजी- ऐसे तो हमारी अच्छी जमेगी
समधन-क्या ?
पिताजी- मेरी बीवी को इस तारा बात करना पसंद नही , पर अब आप मिल गयी है तो अपनी ये इच्छा पूरी कर लूँगा
समधन-क्यूँ नही ,मैं भी बोर हो जाती हूँ बैठ बैठ तो कुछ दिन आपका साथ मिल जाएगा
पिताजी- कुछ दिन क्या पूरी ज़िंदगी आपके साथ बिता दूं
समधन-क्या कहा
मैं ने आकर बीच मे उनको रोक लिया
कामिनी- पिताजी नाश्ता ,
समधन-लीजिए नाश्ता कर लीजिए
पिताजी- आप नही लेंगी
समधन-मैं ज़्यादा आयिली नही खाती
पिताजी- देखो कामिनी कुछ सीखो अपनी सास से ,
पिताजी अपनी सास की तारीफ करने का कोई मोका नही छोड़ रहे थे
समधन-वो भी सीख जाएगी , अभी तो वो माँ बन रही है
पिताजी- पर आप ने तो तीन बच्चो के बाद भी अपना कितना ख़याल रखा , वो भी आप अकेली थी फिर भी
समधन-जी हालात सिखा देते है
पिताजी- पर आपने अकेली ने बच्चों को पढ़ाया लिखाया ये क़ाबिले तारीफ है
समधन-मुश्किले बहुत आई पर मैं डरती नही मुश्किलो से
पिताजी- ये हुई ना बात , ये आर्मी वाली बात कही
समधन-जी शुक्रिया
ऐसे इधर उधर की बाते हुई
पहले दिन ही पिताजी ने मेरी सास की इतनी तारीफ की जैसे आज ही उनको जीत लेना चाहते हो
______________________________
|