Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:14 PM,
#35
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
raj sharma stories

बात एक रात की--29

गतान्क से आगे.................

चौहान राज को लेकर सुरिंदर के घर पहुँचता है.

"क्राइम सीन है घबराना मत...चारो तरफ खून बीखरा पड़ा है कही देख कर घबरा जाओ"

"मैने न्यूज़ में सुन लिया था सब सर, मैं इन बातो से नही डरता"

"अच्छा चलो फिर अंदर" चौहान ने कहा.

राज चौहान के पीछे-पीछे सुरिंदर के घर में घुस गया.

"यहा तो कुछ भी नही है" राज ने कहा.

"लासे पीछे पड़ी है बर्खुरदार थोड़ा धीरज रखो" चौहान ने कहा.

"सर ये बेडरूम देखिए...बिस्तर पर काफ़ी उछल-पुथल हुई लगती है" राज ने कहा.

"तुम इस कमरे को अच्छे से चेक करो मैं पीछे जा रहा हूँ, कुछ भी इंपॉर्टेंट लगे तो मुझे बताना" चौहान ने कहा.

"ओके सर मैं यहा देख लेता हूँ" राज ने कहा ,"वैसे भी मुझे लास देखने का कोई सोंक नही है" राज धीरे से बड़बड़ाया.

"क्या कहा तुमने?"

"कुछ नही सर बस यू ही"

"लाश तो तुम्हे अक्सर देखने को मिलेगी बर्खुरदार. पोलीस में आए हो किसी ऐन्जीओ में नही"

"मेरा वो मतलब नही था सर."

"ठीक है...ठीक है चलो जो काम दिया है उसे करो...और मेरे सामने ज़्यादा मत बोला करो"

"सॉरी सर"

"सॉरी हा..."चौहान कह कर आगे बढ़ गया.

राज कमरे को बड़े ध्यान से देखता है.

"यहा क्या देखूं बस ये बीखरा हुआ बिस्तर है और ये आल्मिरा है...बाकी तो कुछ नही."

अचानक उसकी नज़र बेड पर पड़े तकिये पर गयी. उसके बिल्कुल पास कुछ चमकीली चीज़ नज़र आ रही थी. राज ने आगे बढ़ कर उसे उठा लिया.

"ये तो सोने की चैन लगती है...ये यहा क्या कर रही है...ह्म्म इस बेड पर अछी ख़ासी गेम खेली गयी है शायद. खेल-खेल में ये चैन गिर गयी होगी...एक बार नगमा भी तो अपनी पायल भूल गयी थी मेरे कमरे में"

राज ने बेड को अच्छे से चेक किया और कुछ नही मिला. लेकिन बेड के पास रखी टेबल पर जो मोबाइल पड़ा था उस पर राज का ध्यान नही गया. राज कमरे से बाहर आने लगा, तभी मोबाइल बज उठा.

राज ने मोबाइल उठा कर ऑन किया और कान से लगा लिया, "सुरिंदर मेरी सोने की चैन तुम्हारे वाहा छूट गयी शायद. मिल जाए तो संभाल कर रख लेना. संजय ने गिफ्ट दी थी वो हमेशा उसे मेरे गले में देखना चाहता है. तुम कुछ बोल क्यों नही रहे... कल रात मज़ा नही आया क्या"

"मज़ा तो उसे आया ही होगा, क्या आपको पता नही कि वो कल रात मारे गये?" राज ने कहा.

"क..क..कौन बोल रहे हो तुम...और ये क्या बकवास कर रहे हो." मोनिका ने कहा.

"मैं सब इनस्पेक्टर राज शर्मा बोल रहा हूँ ज़बान संभाल के बात करो"

मोनिका ने फ़ौरन फोन काट दिया.

"काट दिया फोन क्यों क्या हुआ...अब मैं पोलीस वाला हूँ कोई भी ऐरा ग़ैरा मुझसे ऐसे ही कुछ भी नही बोल सकता."

राज उस बेडरूम से निकल कर घर के पीछे की तरफ चल दिया.

"अफ कितनी बेरहमी से मारा है कामीने ने." राज ने अपनी आँखे बंद कर ली.

"क्यों बर्खुरदार छूट गये पसीने..हे..हे." चौहान हस्ने लगा.

"सर आपको ये सब देखने की आदत हो गयी होगी मैं तो पहली बार देख रहा हूँ"

"कोई बात नही तुम्हे भी आदत हो जाएगी...कुछ मिला उस कमरे में?"

"हां सर ये सोने की चैन मिली है" राज ने कहा.

राज ने फोन वाली बात भी चौहान को बता दी.

"नाम तो पूछ लेते उसका."

"मैं पूछने ही वाला था पर फोन काट दिया उसने."

"ह्म्म कोई बात नही उसके नंबर से उसके घर का पता चल ही जाएगा" चौहान ने कहा.

"सर आपको क्या लगता है ये सब खून क्या कोई औरत कर सकती है" राज ने चौहान का व्यू लेने के लिए पूछा.

"क्यों नही...आज कल कोई भी कुछ भी कर सकता है...इसने देखा था ना उसे अपनी आँखो से" चौहान ने कहा.

"हां पर मुझे वो लड़की कातिल नही लगती" राज ने कहा.

"तुम्हे क्या लगता है उस से फरक नही पड़ता बर्खुरदार यहा सब सबूत बोलते हैं" चौहान ने कहा.

चौहान ने एक कॉन्स्टेबल को आवाज़ दी, "इनको पोस्ट मॉर्टेम के लिए भेज दो"

"जी सर" कॉन्स्टेबल ने कहा.

"चलो बर्खुरदार यहा का काम हो गया."

"अभी कहा जाना है सर"

"पहले थाने चलते है...बाद में सोचेंगे आगे क्या करना है"

चौहान राज को जीप में ले कर पोलीस स्टेशन की तरफ निकल देता है.

"सर एक बात पूछनी थी आपसे बुरा ना माने तो"

"हां-हां पूछो क्या बात है?"

"कल मैने आपको इसी जीप में देखा था आप किसी लड़की को सड़क पर उतार कर आगे बढ़ गये ...वो लड़की कौन थी?"

"क्यों तेरा दिल आ गया क्या उस पर?"

"नही सर मैने उसे कही देखा है...इसलिए पूछ रहा था." राज ने कहा.

"एस्कॉर्ट थी वो...होटेल में पकड़ी थी मैने. बहुत सुंदर थी इसलिए मैने भी हाथ मार लिया. मैने और

परवीन ने मिलके ड्प किया साली का. सारे नखरे उतार दिए उसके. एक बात समझ लो इस नौकरी में तुम्हे एक से बढ़ कर एक आइटम मिलेगी. पर सोच समझ कर खेलना फँस भी सकते हो. आजकल मीडीया बहुत पीछे पड़ी रहती है."

चौहान की बात सुन कर राज का दिल बैठ गया.

"पूजा के साथ इतना कुछ हो गया...किस चक्कर में फँस गयी थी ये पूजा...कुछ समझ नही आ रहा." राज ने सोचा.

"क्या हुआ बर्खुरदार किस सोच में डूब गये."

"कुछ नही सर बस यू ही." राज ने कहा.

राज को पूजा के बारे में सुन कर बहुत बुरा लगा. उसे यकीन नही हो रहा था कि उसके जैसी लड़की ऐसे चक्करो में फँस जाएगी.

"ज़रूर कोई मज़बूरी रही होगी पूजा की" राज ने सोचा.

..............................

....

मोनिका टीवी ऑन करके उसके सामने खड़ी हुई आँखे फाडे न्यूज़ देख रही है.

"ओह माइ गॉड सुरिंदर तो सच में मारा गया...वो दोनो पोलीस वाले भी नही बचे...अगर मैं थोड़ी देर वाहा रुकती तो शायद मेरा भी यही हसर होता....क्या हो रहा है ये इस सहर में"

संजय पीछे से आकर मोनिका को बाहों में भर लेता है और कहता है, "क्या बात है डार्लिंग इतनी परेशान सी क्यों लग रही हो....और ये कैसी न्यूज़ लगा रखी है"

"त...तुम उठ गये" मोनिका ने कहा.

"मैं तो कब से उठा हूँ...तुम बिस्तर से गायब थी"

"मैं नहा धो कर पूजा करती हूँ आजकल इसलिए जल्दी उठ जाती हूँ"

"ह्म्म तभी ये भीनी भीनी खुसबु आ रही है...आओ थोड़ी मस्ती हो जाए."

"मेरा मूड ठीक नही है बाद में"

"मेरी बीवी के नखरे रोज बढ़ते जा रहे हैं कही किसी और से तो दिल नही लगा लिया"

"क...क...कैसी बाते करते हो संजय...तुम्हारे सिवा मैं किसी को प्यार नही कर सकती."

"सच कह रही हो?"

"और नही तो क्या?"

संजय ने मोनिका को बाहों में उठाया और बेडरूम की तरफ चल दिया.

"आज तुम्हारे नखरे नही चलेंगे, आइ विल फक यू हार्ड आंड फास्ट"

"अफ समझा करो संजय अभी मेरा मूड ऑफ है"

"लंड घुस्सते ही मूड ठीक हो जाएगा चिंता मत करो. ऐसे मूड को ठीक करने के लिए ही बनाया गया है ये इंजेक्षन."

संजय मोनिका को बेडरूम में ले आया.

"तुमने ये नही बताया कि तुम वक्त से पहले कैसे पहुँच गये. ट्रेन तो अक्सर लेट हो जाती है तुम तो एक घंटा पहले ही घर भी पहुँच गये." मोनिका ने कहा.

"तुम्हे उस से क्या आ तो गया ना टाइम से घर...अब मूड कराब मत करो....आइ नीड आ नाइस फक नाउ."

मोनिका के दीमाग में अभी भी सुरिंदर के ख्याल घूम रहे थे.."अफ कही मैं ना किसी मुसीबत में फँस जाउ. मेरा नंबर भी पोलीस के पास चला गया...पोलीस ज़रूर यहा भी आएगी अब क्या करूँ....आअहह धीरे से" इधर मोनिका ये सब सोच रही थी उधर संजय उसके बड़े-बड़े बूब्स मसल रहा था.

"क्या हो गया तुम्हे आज...तुम्हे तो ये अच्छा लगता था."

"तुमने ज़रा ज़ोर से दबा दिए थे."

"अच्छा ऐसी बात है...चलो अब आराम से दबाउन्गा तुम अपना मूड ठीक कर लो बस."

"तुम मुझे बस 5 मिनट दो मैं अभी आती हूँ." मोनिका ने कहा.

"अब क्या हुआ तुम्हे?" संजय ने कहा.

"बस डार्लिंग अभी आई...फिर आराम से करेंगे."

"ठीक है जल्दी करो जो करना है...आइ नीड टू फक अट एनी कॉस्ट."

"यू विल फक मी जस्ट वेट आ मिनट." मोनिका ने कहा.

मोनिका भाग कर बाहर आई और अपने मोबाइल को अपने पर्स में से निकाल कर अपने घर की छत की तरफ भागी. छत पर आ कर उसने मोबाइल को ऑफ करके सिम सहित घर के पीछे फैले जंगल में फेंक दिया. "अब पोलीस मुझ तक नही पहुँच सकती....ये मोबाइल भी सुरिंदर का था और सिम कार्ड भी उसी के नाम था." मोनिका ने खुद से कहा.

मोनिका भाग कर वापिस बेडरूम में आ गयी.

"मैं आ गयी" मोनिका ने कहा.

"आ तो गयी अब ये लंड बैठ गया...सक इट आंड मेक इट रेडी फॉर यू"

"लो जनाब ये काम अभी किए देती हूँ" मोनिका ने कहा और संजय की टाँगो के बीच बैठ कर उसके लंड के उपर झुक गयी. मोनिका ने मूह खोल कर संजय के लंड को मूह में ले लिया.

"आआहह यू आर आ गुड सकर" संजय कराह उठा.

"तुम आज ओरल का ही मज़ा लो....क्या कहते हो?"

"इतनी आसानी से नही बचोगी तुम...युवर होल विल बी फक्ड नाइस आंड हार्ड बेबी."

मोनिका अभी भी अपने ख़यालो में उलझी थी लेकिन फिर भी वो संजय के साथ नाटक करने की पूरी कोशिस कर रही थी. नॉर्मली अब तक वो खुद ही गरम हो चुकी होती पर आज हालात कुछ और थे. उसके दीमाग की उधेड़बुन उसे परेशान किए थी. किसी तरह से वो संजय के लंड को चुस्ती रही.

"आआहह बस हो गया ये तैयार...आ जाओ अब" संजय ने कहा.

मोनिका टांगे फैला कर लेट गयी.

अरे उपर आ जाओ ना...खुद डालो अंदर" संजय ने कहा.

मोनिका संजय के उपर आ गयी और उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत के होल पर रख लिया. मोनिका के दीमाग में पिछली रात सुरिंदर के घर का नज़ारा घूम गया. संजय ने हल्का सा धक्का मारा और लंड मोनिका की चूत में फिसल गया.

"आअहह सुरिंदर" मोनिका के मूह से निकल गया

"क्या कहा तुमने?"

मोनिका की सिट्टी पिटी गुम हो गयी.

"क..क..कुछ नही संजय."

"तुमने शायद सुरिंदर कहा." संजय ने हैरत भरे लहजे में पूछा.

"हां वो न्यूज़ देख रही थी ना....कल रात जो मारा गया उसका नाम सुरिंदर था...यू ही मूह से निकल गया. मेरे दीमाग में न्यूज़ घूम रही थी." मोनिका ने टालने की कोशिस की.

"पर तुमने लंड के अंदर जाते ही आह भरके सुरिंदर कहा...कही कुछ गड़बड़ तो नही हा."

"ग..गड़बड़ क्या होगी...कहा ना वैसे ही निकल गया मूह से."

संजय ने मोनिका की गान्ड पकड़ कर उसे नीचे की ओर खींचा ताकि उसका पूरा लंड मोनिका की चूत में समा जाए.

"आअहह संजय." मोनिका कराह उठी.

"अबकी बार सही नाम लिया...शाबाश." संजय ने कहा.

क्रमशः..............................
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