RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
इस नयी फुटेज मे सॉफ नज़र आ रहा था कि करण के पिस्टल थामे हाथ & ट्रिग्गर पे रखी उंगली के उपर शीना ने अपनी उंगली रख के दबा दिया जिस वजह से गोली चली जोकि सीधा पुराणिक के सीने के पार हो गयी.
"ये उस केमरे की फुटेज है जिसे की उस रात के बाद हटा दिया गया & इस फुटेज को भी डेटबेस से डेलीट कर दिया गया था जिसे हमने बड़ी जद्दोजहद के बाद खोज ही लिया.अब मैं ज़रा पब के बारटेंडर विकी को बुलाना चाहती हू."
"शीना को हिरासत मे ले लिया जाए & विकी को बुलाया जाए."
"विकी,आपने सब कुच्छ देख लिया & सुन लिया है,अब बिना डरे ये बताओ की क्या तुमने करण की ड्रिंक के साथ छेड़खानी की थी?"
"ज-जी,हां."
"क्यू?"
"हमारे मॅनेजर साहब ने कहा था.",जब मॅनेजर को तलब किया गया तो उसने पब के मालिक ठुकराल का नाम ले लिया जिसपे ठुकराल शोर मचाने लगा.जड्ज ने उसे फटकार लगाई & कामिनी को करवाई आगे बढ़ाने को कहा.
"युवर ऑनर,पुराणिक जी के क़त्ल की गुत्थी तो सुलझ गयी अब हम नादिता जी के क़त्ल की ओर ध्यान देते हैं.अभी तक की बातो से ये तो साबित हो गया है की शतरंज के इस खेल की ऐसी गहरी चाल के पीछे जगबीर ठुकराल का हाथ था मगर ये इस बिसात के राजा हैं & शीना,अनेजा,टोनी सब प्यादे.."
"..लेकिन जैसा की हम जानते हैं,मिलर्ड की शतरंज के खेल का सबसे ताक़तवर मोहरा होता है वज़ीर & इस खेल मे वज़ीर है समीर जिसका पूरा नाम है-समीर अब्दुल पाशा."
"कामिनी!..ये क्या बक रही हो!",शत्रुजीत चीखा.
"ऑर्डर,ऑर्डर!..मिस्टर.सिंग बैठ जाइए."
अदालत मे सभी हैरानी से मुँह बाए कामिनी की ओर देख रहे था-पाशा..शत्रुजीत का भाई..बल्कि उस से भी कही ज़्यादा..वो!
"युवर ऑनर,मुझे मिस्टर.पाशा को कटघरे मे बुलाने की इजाज़त दीजिए."
"इजाज़त है."
सफेद कमीज़ & नीली जीन्स पहने वो लंबा-चौड़ा शख्स धीमे कदमो से कटघर मे आ खड़ा हुआ.उसकी आँखे अभी भी वैसे ही ठंडी थी,"मिलर्ड,प्लीज़ इनस्पेक्टर को कहिए कि इनकी तलाशी लें,इनसे 1 आख़िरी सबूत की बरामदगी का मुझे पूरा यकीन है."
इस से पहले की इनस्पेक्टर वाहा आता पशा ने अपना दाया हाथ खड़ा कर उसे रोक दिया & बाए से अपनी पिच्छली जेब से अपना बटुआ निकाल के उसके काय्न पॉकेट से नंदिता के कमरे की वो तीसरी चाभी कामिनी को दे दी.आज पहली बार कामिनी को उन ठंडी आँखो मे देखते हुए कोई डर नही लग रहा था,"थॅंक्स."
"मिलर्ड,शत्रुजीत जी के घर & उस कमरे जहा नंदिता जी का खून हुआ,सभी मे 1 अमेरिकन कंपनी के कस्टमिस्ड ताले लगे हुए हैं जिनकी चाभीया अगर गुम हो जाए तो सीधे उस कंपनी से ही मिलती हैं.ऐसी ही 1 ड्यूप्लिकेट चाभी नंदिता जी ने बनवाई थी ये है उसकी रसीद..",कामिनी ने उसे कोर्ट पेओन को थमाया,"..मिलर्ड,मैने जब छानबीन की तो पाया की दोनो चाभियाँ घर मे मौजूद थी तो आख़िर नंदिता जी ने ये तीसरी चाभी क्यू बनवाई?'
"..फिर मुझे उनके ड्रेसिंग टेबल से ये लिपस्टिक मिली जिसका निचला हिस्सा 1 पेन ड्राइव है & इस ड्राइव मे कुच्छ वीडियोस जिन्हे मैं चाहती हू की केवल आप ही देखें.",कामिनी ने अपना लॅपटॉप जड्ज को दिया साथ ही पेन ड्राइव भी,"..मैं अदला-.."
"जड्ज साहब..",कामिनी की बात काटते हुए पाशा की आवाज़ गूँजी,"..मैं अपना बयान देना चाहता हू.".जड्ज ने लॅपटॉप स्क्रीन से नज़रे उठाई.उन सभी वीडियो फाइल्स मे नंदिता & पाशा की 1 साथ चुदाई करते हुए की फिल्म्स थी जिन्हे नंदिता ने 1 कॅमरा छुपा के शूट किया था.हर वीडियो के शुरू मे कॅमरा सेट करती नंदिता नज़र आती & फिर कोई थोड़ी देर बाद पाशा आता & दोनो 1 दूसरे के आगोश मे समा हमबिस्तर होने लगते.अब नंदिता ने ये वीडियोस क्यू रखे थे ये तो वोही जाने!
"ठीक है..तुम ये बयान अपनी मर्ज़ी से दे रहे हो?"
"हां."
"तुमपे कोई दबाव तो नही है?"
"नही."
"ठीक है बयान दो.",जड्ज ने बयान दर्ज करने का हुक्म दिया & पाशा की ओर देखने लगे.
"नंदिता भाभी & मैं कब 1 दूसरे के करीब आ गये मुझे पता नही..उन्हे जहा प्यार चाहिए था वही मुझे बस जिस्मानी खुशी..वो तो यही समझती थी की मैं भी उनसे प्यार करता हू..मगर मैं उनसे कैसे प्यार करता मेरा दिल तो शीना के पास था!1 कमज़ोर लम्हे मे मैने & नंदिता भाभी ने सारी हदें तोड़ दी थी लेकिन मैं दिलोजान से बस शीना को चाहता था..",शत्रुजीत की आँखो मे दुख दिख रहा था & शीना बस सूबके जा रही थी.
"..शीना & मुझे जुदा करते वक़्त बाबा यानी अमरजीत जी ने मुझे बहुत लताड़ा था & उनकी मौत के बाद मुझे ये पता चला कि उन्होने बस नाम के लिए मुझे बेटे का दर्जा दिया हुआ था..उनकी वसीयत मे मेरा कोई ज़िक्र नही था..इतने बरस इस परिवार के साथ रहते हुए मैं खुद को भाई के जैसा ही घर का बेटा समझने लगा था & कुच्छ ना मिलने की वजह से मेरे दिल मे ये ख़याल पैदा हुआ की मेरे साथ नाइंसाफी हुई है & मेरी हैसियत बस 1 नौकर की है.."
"..उस दिन से मेरे अंदर ही अंदर कुच्छ सुलगने लगा था..शीना को तो कभी नही भुला हम फोन से 1 दूसरे से बाते करते थे मगर वक़्त के साथ-2 नंदिता भाभी मुझ से दिल से मोहब्बत करने लगी थी..वो भाई को छ्चोड़ मुझसे शादी करना चाहती थी..मैं बात को टाल रहा था मगर 1 दिन भाई ने उनके सामने तलाक़ की बात रख दी तो उन्हे लगा मानो उन्हे मुँह माँगी मुराद मिल गयी.."
"..मगर मैं ऐसा नही चाहता था..इस से पहले करीम मुझे मिला-ये & मैं आफ्गानिस्तान के 1 ही कबीले के हैं..",उसने उन तीन मे से 1 की ओर इशारा किया,"..करीम ने मुझे बाते की सिविल वॉर & वाहा के हालात के चलते हमारे कबीले को कितनी मुश्किले & ज़िल्लत उठानी पड़ी थी & उसका बदला लेने के लिए अब वाहा हमारे भाई पैसे इकट्ठा कर रहे हैं.."
"..ये ड्रग रन्निंग उसी का हिस्सा थी..परिवार से बेरूख़ी तो दिल मे पहले से ही थी..करीम मुझे अपने भाई जैसे लगने लगा & मैने भी अपने कबीले की मदद करने की ठान ली,मगर अंकल जे को इस बात का पता चल गया.उन्ही दीनो टोनी सामने आया..भाई ने इसके बारे मे मुझे पता करने को कहा & मैने फ़ौरन पता लगा लिया कि ये बेवकूफ़ किसके लिए काम करता है & मैने ठुकराल से इस बारे मे आमने-सामने बात करने की सोची.मैं सीधे उसके घर पहुँच गया & उसे सब बता दिया.."
"..मैने सोचा था कि ये डरेगा,घबराएगा..मगर नही..ये मुस्कुराता रहा & फिर इसने मेरी दुखती रग पे हाथ रख दिया..& मुझे खुद से मिल जाने को कहा..इसने अपनी बात ऐसे कही की मुझे उसमे काफ़ी दम लगा..फिर अंकल जे अगर ड्रग्स वाली बात सामने ले आते तो मेरी बर्बादी तो तय थी..मैने इस से हाथ मिला लिया..हम दोनो ने मिलके सारा प्लान बनाया..टोनी हमारे किसी काम का नही था मगर उसे अब हटा देते तो भाई को शक़ होता..इसलिए हमने इसे रहने दिया & दोनो क़त्लो को अंजाम दिया."
"समीर अब्दुल पाशा,तुमने नंदिता सिंग का खून कैसे & क्यू किया?"
"मुझे बस शीना चाहिए थी.जब तलाक़ की बात उठी तो मैने नंदिता भाभी के दिमाग़ मे ये बात डाल दी की भाई की तलाक़ की बात अगर वो खुशी से मान जाती है तो भाई उसे बेवकूफ़ बना देंगे & बड़े कम पैसे देंगे.उन्हे तो पैसो का लालच नही था मगर मैने उन्हे कहा की ये पैसो की नही नाइंसाफी की बात है इसलिए वो भाई से इस बात पे झगड़ने लगी थी.इस से हमने भाई पे शक़ डालने की वजह पैदा कर दी थी & उनके क़त्ल से मेरा रास्ता भी सॉफ हो जाता & अगर सब कुच्छ ठीक से हो जाता तो त्रिवेणी ग्रूप पे सिर्फ़ मेरा हक़ होता.."
"..उस रोज़ जब तीनो अंकल जे को लेके निकल गये तो मैं,जहा हम बैठे थे,उसकी कमरे के बाथरूम मे फ्रेश होने के बहाने गया,वाहा 1 खिड़की है जिसमे 1 ग्रिल है जो पेंच पे कसा हुआ है.टोनी ने उसे निकाल के रखा था & वो वाहा की निगरानी कर रहा था..मैं उस खिड़की के रास्ते बाहर आया & फिर नीचे से 1 सीढ़ी लगाके बाल्कनी पे चढ़ गया,फिर चाभी खोल के भाभी के कमरे मे घुसा,वो सो रही थी.मैने उन्हे उठाया & कहा की कुच्छ पेपर्स लेने आया हू.."
"..भाई ने मुझपे हमेशा भरोसा किया था..मैं बेरोक टोक उनके कमरे मे आता-जाता था..इसलिए भाभी को कुच्छ अजीब नही लगा.मैने अलमारी खोली & गन निकली & अपने कपड़ो मे छुपा ली,फिर भाभी को बहाने से कुर्सी पे बिठाया & गोली मार दी.फिर गन को वही गिराया,लाइट बंद की & दरवाज़ा लॉक कर उसी रास्ते वापस हो गया.इस सब मे बमुश्किल 7-8 मिनिट लगे होंगे..भाई को ज़रा भी शक़ नही हुआ."
अदालत मे खामोशी च्छाई हुई थी,पाशा,शत्रुजीत,करण,शीना सभी सर झुकाए बैठे थे.शत्रुजीत & करण के चेहरे पे अपने माथे पे लगे इल्ज़ाम के मिटने की कोई खुशी नही झलक रही थी.काफ़ी देर तक सोचने के बाद जड्ज कवास ने फ़ैसला सुनाना शुरू किया,"..आज अदालत ने 1 ऐसा कदम उठाया था जोकि शायद ही पहले कभी उठाया गया हो-2 केसस की सुनवाई 1 साथ की गयी & मुझे खुशी है की 1 बार फिर इंसाफ़ की जीत हुई.डिफेन्स लॉयर ने काफ़ी पुख़्ता सबूत पेश किए हैं & फिर समीर अब्दुल पाशा के इक़बालिया बयान ने अदालत का काम और आसान कर दिया.."
"..टोनी भी इस साज़िश मे शामिल था मगर उसपे धोखाधड़ी मे साथ देने से ज़्यादा का जुर्म साबित नही होता.उसकी सज़ा है 1 साल की क़ैद.."
"..अदालत इस नतीजे पे पहुँची है की इस पूरी साज़िश के पीछे जगबीर ठुकराल का हाथ था जिसने बिना कारण 1 मासूम शहरी को बर्बाद करना चाहा & इस चक्कर मे 2 निर्दोष लोगो की जाने भी गयी.अदालत जगबीर ठुकराल को 14 साल की उम्र क़ैद की सज़ा सुनाती है..शीना ने अपने प्रेमी के बहकावे मे आके ना केवल 1 खून किया बल्कि 1 मासूम को भी उसमे फँसाने की कोशिश की..चूकि उसने ये जुर्म बहकावे मे किया था नकी खुद साज़िश रच कर अदालत उसे भी 14 साल की उम्र क़ैद की सज़ा सुनाती है.."
"..समीर अब्दुल पाशा ने जिस थाली मे खाया उसी मे छेद किया..अपने मुंहबोले भाई की बीवी से नाजायज़ ताल्लुक़ात बनाए & फिर मतलब के लिए उसका क़त्ल भी किया..इस घिनोने जुर्म के लिए उसे सज़ा-ए-मौत दी जाती है..टू बी हॅंग्ड टिल देअथ.",जड्ज कवास ने कलाम की निब तोड़ दी.
जगबीर ठुकराल का खेल ख़त्म हो चुका था.वो सर झुकाए बैठा फ़ैसला सुन रहा था.आज तक उसने औरत को केवल 1 खिलोना समझा था & उनके जिस्मो से बस खेलता आया था मगर आज 1 खिलोने ने उसे ही खिलोना बना दिया था.उसने सर उठाया & नफ़रत से लोगो की बधाइया कबुलति कामिनी को देखा..इसी धोखेबाज़ ने उसे बर्बाद किया था..वो इसे नही छ्चोड़ेगा..उसने नज़र घुमाई & बगल मे खड़े इनस्पेक्टर की ओर देखा जोकि किसी से बाते करने मे मशगूल था,उस इनस्पेक्टर को ही उसे अरेस्ट करने का हुक्म मिला था.उसने उसकी कमर पे होल्सटर मे रखे रेवोल्वेर को देखा & 1 ही झटके मे उसे निकाल के खड़ा हो गया.
"आए...!",इनस्पेक्टर चिल्लाया तो सभी की गर्दन उधर ही घूम गयी....कामिनी की भी जोकि शत्रुजीत के साथ खड़ी थी.
"हॅट..",ठुकराल ने इनस्पेक्टर को धकेला & गन लहराई,"..कामिनी..हराम्जादि!मुझे बर्बाद करके खुद मज़े से रहेगी ....नही!",उसने रेवोल्वेर तान के ट्रिग्गर दबा दिया.कामिनी ने डर से आँखे बंद कर ली & ज़ोर से चीखी मगर उसे गोली नही लगी क्यूकी उसके ठीक सामने ढाल बनके पाशा आ गया था.
"बेटा!",शत्ृजीत ने गिरते हुए पाशा को पीछे से थाम लिया.ठीक उसी वक़्त 1 कॉन्स्टेबल ने अपनी राइफल से गोली चलाई जोकि सीधा ठुकराल की खोपड़ी मे लगी.शैतान & हवस के पुजारी जगबीर ठुकराल का खेल हमेशा-2 के लिए ख़त्म हो गया था.
क्रमशः.................................
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