RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
"मिलर्ड,इस पॉइंट पे गौर कीजिए,मुलज़िम ने उतनी ही शराब पी जितनी की वो आमतौर पे पीता था मगर उसे नशा ज़्यादा हुआ,साथ ही शराब का स्वाद भी अजीब लगा..ये फोरेन्सिक रिपोर्ट है जिसमे करण के खून मे शराब की मात्रा के बारे मे लिखा है & साथ ही ये है सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर की साइंड रिपोर्ट जिसमे 2 पेग विस्की के बाद करण जैसे इंसान के खून मे शराब की मात्रा के बारे मे लिखा है..दोनो को मिलाने से सॉफ ज़ाहिर है की करण की विस्की से छेड़-छाड़ कर उसे जान बुझ के ज़्यादा नशा करवाया गया था.",कोर्ट पीओन ने जड्ज को दोनो काग़ज़ात थमाए.
"मिलर्ड..",विकास फिर खड़ा हुआ,"..वकील साहिबा क्या साबित करना चाहती हैं?..अगर मुलज़िम को धोखे से शराब पिलाई भी गयी तो भी सीक्ट्व फुटेज से सॉफ ज़ाहिर है की पुराणिक जी पे गोली उसी ने चलाई थी."
"युवर ऑनर,मैं उस मुद्दे पे भी आऊँगी मगर उस से पहले मैं ज़रा उस रोज़ मिस्टर.पुराणिक के साथ गये त्रिवेणी ग्रूप के उन 3 लोगो से कुच्छ पुच्छने की इजाज़त चाहती हू."
"इजाज़त है."
कामिनी को तीनो से बात करने की ज़रूरत ही नही पड़ी क्यूकी सबसे पहले गवाह ने ही उसका काम कर दिया,"मिस्टर जुनेजा,आप त्रिवेणी ग्रूप के किस प्रॉजेक्ट पे काम कर रहे थे?"
"जी,माहरॉशट्रे कोस्ट पे महलन नाम की जगह पे सेज़ बन रहा है,उसी मे."
"आपका काम क्या है एग्ज़ॅक्ट्ली?"
"मैं इन्वेंटरी सूपरवाइज़र हू."
"थोड़ा तफ़सील से बताएँ."
"साइट पे सारे कन्स्ट्रक्षन मेटीरियल्स & बाकी ज़रूरत के समान को मँगवाने & उसके रख-रखाव की ज़िम्मेदारी मेरी है."
"ये समान वाहा कैसे आता है."
"ट्रक्स से."
"तो ये ट्रक्स भी आप ही को रिपोर्ट करते होंगे."
"सीधे नही,पहले करीम को..",उसने अपने दूसरे साथी की ओर इशारा किया,"..ये ट्रक्स का इंचार्ज है..फिर ये मुझे."
"वो समान रखा कहा जाता है?"
"वेर्हाउसस & स्टोर्स मे."
"उनका इंचार्ज कौन है?"
"भूषण.",उसने तीसरे साथी की ओर इशारा किया.
"पॉइंट नोट कीजिए,मिलर्ड की तीनो क्या काम करते थे & उसके साथ-2 इन काग़ज़ो पे भी 1 नज़र डालिए.",उसके कहने पे मुकुल ने पुराणिक के पहुँचवाए हुए काग़ज़ो का पुलिंदा कोर्ट पेओन के हाथ सौंप दिया.
"सर,इन काग़ज़ो को देख कर & पुराणिक जी का मेरे नाम खत पढ़ कर आपको सारी साज़िश समझ आ जाएगी मगर मैं सरकारी वकील साहब & यहा मौजूद बाकी लोगो के लिए इतना बता दू की ये तीनो 1 बहुत गंदे धन्दे मे लगे हुए थे.महलन के कोस्ट पे दूसरे मुल्क से आने वाली हेरोइन ड्रग उतरती है जिसे ये अपने ट्रको मे डाल कर बोम्बे के बाहर तक पहुँचाते हैं जहा से ये पूरे देश मे फैला दी जाती है.."
"सर,महलन से कुच्छ दूरी पे बुक्शिटे की खदाने हैं जहा से निकले हुए ओर को उन ट्रक्स से,जोकि सेज़ के लिए सप्लाइस लेके आते हैं,वापस बॉमबे के पास त्रिवेणी ग्रूप के प्लांट मे भेजा जाता है.बस उन्ही ट्रक्स मे ओर के साथ-2 ये ड्रग्स भी चले जाते थे."
"य-ये..सब..झ-झूठ है..",अनेजा का बदन पसीने से भीग गया था.जड्ज कोई 15 मिनिट तक काग़ज़ो को देखते रहे,"ऑफीसर..",उन्होने कोर्ट मे मौजूद पोलीस ऑफीसर को तलब किया.
"सर."
"इन तीनो को हिरासत मे लीजिए & अदालत ये हुक्म देती है की इन सबूतो के आधार पे इन तीनो के खिलाफ मुकद्दमा चलाया जाए & इस मामले की पूरी छानबीन की जाए."
"सर.",उस अफ़सर ने तीनो को हिरासत मे ले लिया.
"मिलर्ड..वकील साहिबा ने मुल्क की अवाम को बर्बाद करने के इस गलीज़ काम का पर्दाफाश करके क़ाबिले तारीफ काम किया है मगर हम यहा पुराणिक साहब के क़त्ल के केस पे बहस कर रहे हैं नकी महलन मे हो रही ड्रग रन्निंग की."
"हूँ,कामिनी जी हम मुद्दे से थोड़ा भटक रहे हैं."
"मिलर्ड,ये मुद्दे से जुड़ी हुई ही बात है.मिस्टर.पुराणिक को सारी बात का पता चल गया था इसलिए उनका मुँह बंद करने के लिए ये चाल चली गयी थी.अब मैं शीना जी से कुच्छ सवाल करना चाहती हू & फिर अदालत के सामने सारी सॉफ हो जाएँगी.",जड्ज ने उसे आगे बढ़ने का इशारा किया.
"शीना जी,आप क्या करती हैं?"
"मैं पढ़ती हू..एमबीए कर रही हू."
"कहा से?"
"लंडन के 1 कॉलेज से."
"तो आपने उसके पहले की भी पढ़ाई लंडन से ही की है?"
"नही..उसके पहले तो मैं आवंतिपुर मे रहती थी & वही के ए.पी.कॉलेज से पढ़ाई की है."
"अच्छा..तो फिर आप लंडन कैसे चली गयी?"
"मुझे एमबीए तो करना ही था,फिर मेरी बुआ वही रहती थी..इसलिए वाहा चली गयी."
"सिर्फ़ यही बात थी कि कोई और भी वजह थी?"
"जी..",शीना के माथे पे शिकन पड़ गयी,"..और क्या वजह हो सकती है?"
"सच बताइए आप दिल से लंडन जाना चाहती थी?"
"ऑफ कोर्स.",शीना अब परेशान दिख रही थी.
"अदालत मे झूठ बोलना भी गुनाह है शीना जी & किसी का क़त्ल करना भी."
"आप कहना क्या चाहती हैं!"
"आप सिर्फ़ इतना बता दीजिए की आप आवंतिपुर से लंडन क्यू गयी थी?"
"कहा ना..!पढ़ाई के लिए."
"झूठ!शीना जी,ये बताइए की आप किसी समीर नाम के लड़के को जानती हैं?"
"नही..",शीना ने कामिनी से नज़रे चुरा ली.
"मेरी तरफ देख के बोलिए!",कामिनी की आवाज़ सख़्त हो गयी.
"नही!",शीना उसके तरफ देख के चीखी.
"तो फिर हर रोज़ उस से फोन पे लंबी-2 बाते क्यू करती थी?",कामिनी की भी आवाज़ ऊँची हो गयी.कोर्ट मे बिल्कुल सन्नाटा था & सभी लोग दम साधे ये जिरह देख रहे थे.
"क्या सबूत है आपके पास?"
"ये कॉल डीटेल्स..",कामिनी ने काग़ज़ जड्ज को थमा दिए,"..अब ये नंबर तो आप ही का है ना."
"मिलर्ड,शीना जब ए.पी.कॉलेज मे पढ़ती थी तब इन्हे & समीर नाम के 1 लड़के को 1 दूसरे से प्यार हो गया मगर इनके घरवाले इस रिश्ते के सख़्त खिलाफ था लेकिन ये दोनो 1 दूसरे को दीवानगी की हद तक चाहते थे.घरवाली की बंदिशे बढ़ी तो शीना समीर के साथ भाग गयी."
"..इनके पिता ने इन्हे ढूंड निकाला & जब समीर के घरवालो को इस बात का पता चला तो उन्होने भी उसे खूब लताड़ा.नतीजा ये हुआ की दोनो को अलग कर दिया गया,उसके बाद समीर को कभी आवंतिपुर मे नही देखा गया & शीना को लंडन रवाना कर दिया गया.वक़्त के साथ दोनो के घरवालो ने सोचा की उनकी मोहब्बत की आग ठंडी पड़ गयी है..",शीना अब हाथो मे चेहरा च्छुपाए सूबक
रही थी & करण बस माथे पे हाथ रखे सब सुन रहा था.
"..मगर ऐसा नही था वो आग बस रख के नीचे दबी हुई थी..घरवालो को बस रख दिख रही नीचे सुलगते शोले नही..इन्ही शोलो ने पुराणिक जी की जान ली & बेगुनाह करण को सलाखो के पीछे पहुँचाया."
"मगर युवर ऑनर,बात अभी भी वही की वही है..",विकास बीच मे बोला,"..सीक्ट्व फुटेज मे सॉफ दिखता है की क़त्ल करण ने किया है."
"जी,हां..आप सही कह रहे हैं..मगर ज़रा 1 नज़र इस फुटेज पे डालिए..",कामिनी के इशारे पे मुकुल ने 1 कोने मे रखी मेज़ पे से कपड़ा हटाया & 1 कंप्यूटर को नुमाया किया,फिर उसने उस पाँचवे कमेरे की फुटेज चला दी जिसे देखते ही कोर्ट मे बैठे सभी लोगो-जड्ज कवास के भी गले से बस हैरत भरी आवाज़े निकल गयी.
ये कॅमरा बार के पीछे लगा था & इस से पहली फुटेज से बिल्कुल उल्टा आंगल दिख रहा था.सॉफ दिख रहा था की जॅकेट थमाते हुए शीना ने गन करण के हाथो से च्छुआ दी जिसने उसे फ़ौरन हाथ मे थामा & सामने तान दी.गन देख पुराणिक के साथ के तीनो लोग बस ज़रा से पीछे हुए & शीना गन खींचने की कोशिश करने लगी.ऐसा करते हुए उसने करण की जॅकेट दोनो के हाथो पे कर दी इस से पहली फुटेज को बस केरेन का बंदूक थामे हाथ दिख रहा था बाँह नही.
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