RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
दर्शन उसे मनाते हुए बोला "नही नही नेहा, तुम जो कहोगी वो करूँगा."
"शादी के बाद मेरी गुलामी करनी पड़ेगी. मैं जो कहूँ वो बिना हिचकिचाहट के करना पड़ेगा. तेरे साथ काफ़ी प्रयोग करना है मुझे. मॅगज़ीन और इंटरनेट पर इतने तरीके देखे है कि विश्वास नही होता कि लोग ऐसा भी करते है. उसमे से कुछ मुझे बहुत भा गये, तेरे साथ करूँगी अकेले मे. इसी शर्त पर मैं हां कर रही हूँ शादी को ये याद रखना. और इसमे से कुछ भी मा और प्राची मौसी को मत बताना, ये सिर्फ़ मेरे तेरे बीच मे है. अब मूह खोल जल्दी. अपनी पैंटी तेरे मूह मे ठूंस देती हूँ नही तो तेरा कोई भरोसा नही, दर्द से चिल्लाने लगोगे कि मा, नेहा से बचाओ. कोई सुन लेगा तो आफ़त हो जाएगी. अब आदत कर लो, मैं बहुत बार तुझे चीखने पर मजबूर करने वाली हूँ"
दर्शन ने चुपचाप मूह खोल दिया. अपने भावी पति के मूह मे अपनी पैंटी को गोल करके ठूंसते हुए नेहा शैतानी के स्वर मे आगे बोली "अभी पैंटी से काम चला रही हूँ तेरे ऊपर दया करके, मुझे मालूम है कि मेरी चूत के स्वाद का तू कितना दीवाना है. वैसे तेरे मूह मे ठूँसने लायक बहुत सी चीज़े है मेरे पास, धीरे धीरे पता चल जाएगा तुझे. देख क्या हालत करती हूँ तेरी शादी के बाद, अपनी चप्पलें चटवाऊन्गि तुझसे, मैनली ब्रा और पैंटी मूह से सॉफ करवाऊन्गि, ये तो ज़रा सी शुरुआत है, उसके बाद .... खैर जाने दो. और एक बात, मैं जो खिलाऊं पिलाऊं, वो प्यार से खाना. बहुत स्वाद आएगा तुझे. अब तैयार हो जा."
दर्शन के मूह मे पैंटी ठूंसकर नेहा ने अपनी निकाली हुई ब्रा उसके मूह पर कस कर बाँध दी. फिर दर्शन पर चढ़ कर उसकी गान्ड मे डिल्डो पेलने लगी. डिल्डो का सिर अंदर जाते ही दर्शन कसमसा उठा. हाथ पैर और मूह बँधे होने के कारण बेचारा विवश था. नेहा ने जब एक झटके से तीन चार इंच डिल्डो उसके चूतडो के बीच उतार दिया तो उसके मूह से एक अस्फुट
सीत्कार निकल पड़ा. अब उसकी आँखों मे पानी उतर आया था. पर उसका लंड कस के खड़ा था, उसमे इतनी मीठी कसक हो रही थी कि दर्शन अपनी कमर हिलाकर उसे बिस्तर पर रगड़ने लगा.
"अरे ठहर, पूरा तो डालने दे पहले, फिर कितना मज़ा आता है देखना" कहकर नेहा ने पूरा डिल्डो उसकी गान्ड मे उतार दिया. कुछ देर वह वैसे ही झुक कर बैठी रही फिर दर्शन पर लेट कर उसकी गान्ड मारने की तैयारी करने लगी.
शोभा ने धीरे से दरवाजा लगा दिया. प्राची की ओर देख कर बोली "चलो, आख़िर ये लड़की शादी को तैयार तो हुई. मुझे उम्मीद कम ही थी. पर दर्शन इतना चिकना है कि .... वैसे ये लड़की बेचारे दर्शन की हालत खराब कर देगी प्राची. उसे निचोड़ डालेगी, कचूमर निकाल देगी उसका. बड़ा परवर्टेड माइंड है उसका. तुझे अटपटा तो नही लग रहा है ना प्राची? वैसे मेरी नेहा उसे सुख भी बहुत देगी, ऐसा सुख जो शायद ही कुछ मर्दों को मिलता हो"
अपने बेटे पर ज़बरदस्ती करती हुई उस सुंदर दुष्ट भावी बहू के कारनामे देख कर प्राची काफ़ी उत्तेजित हो गयी थी. "दर्शन पर किसी ने ज़बरदस्ती नही की, वह खुद ही खुशी खुशी यह कर रहा है तो यह सब सहना ही चाहिए उसे, आख़िर अप्सरा जैसी सुंदर पत्नी भी तो मिल रही है उसे. कोई ज़रूरत नही दर्शन पर दया करने की. नेहा जो करे सो ठीक है. पर शोभा,
अब आज रात मुझे इसकी कीमत देनी पड़ेगी. दर्शन को मैने ही कहा था की नेहा को शादी के लिए राज़ी कर लो तो फिर मेरी गान्ड ..."
शोभा ने उसका मूह अपने मूह से बंद कर दिया और उसे चूमते हुए अपने बेडरूम मे ले गयी. "घबरा मत प्राची. उसमे भी सुख है. मुझे तो अब मज़ा आता है दर्शन से गान्ड मराने मे, बस उसे ज़्यादा नही मारने देती कि मेरी गान्ड घर की मुर्गी डाल बराबर ना हो जाए उसके लिए. तुझे भी आदत हो जाएगी और मज़ा आने लगेगा. पर अभी क्यों चिंता करा रही है, रात मे बहुत देर है. और अब तो हम दोनो समधन बन गयी है. ज़रा सेलेब्रेट करते है." और प्राची को उसके अपने बिस्तर मे खींच लिया.
- समाप्त –
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