RE: XXX Chudai Kahani माया ने लगाया चस्का
मेरे लोडे को मुठियाने लगी ही थी की माया आकर बोली…
माया: एई सरू की बच्ची तूने सिर्फ देखने का वादा किया था. इसे छोड साली…. वो मेरा पति है… तू साली सिर्फ आधी घरवाली है समजी…छोड़ इसे….
सरोज: आधी उसकी और तेरी तो पूरी हू. और साली मादरचोद आधी तो हूँ ना….बस चूत चाटने काम आये और अन्दर की थोड़ी खुजली मिटा दे तो भी चलेगा…. क्यों जानू..????.
हमसब जोर से हंस पड़े और मेन गेट पे ताला लगा के हम कमरे में गए..माया ने अपने कमरे से दो बड़े बिस्तर को बाजु वाले बड़े कमरे में निचे डाल दिए थे ताकि किसीको बहार आवाज न आये.. वो कमरा अन्दर कोने में था और बड़ा साफ़ सुथरा और खाली था. वहा पानी की ठंडी बोतल, तेल बोतल और क्रीम पड़े थे. मैंने अपने जेब से पान और कंडोम भी वहा रख दिए. माया ने अच्छा प्लानिंग किया ताकी निचे तीनो आराम से सो और चोद भी सके.
सरोज बड़े प्यार से मुजे लिपट कर चूमने लगी.. धीरे धीरे उसने मेरा टी शर्ट को उतर फेका, उसकी जबान मेरे मुह घुस के चपक चपक चल रही थी. उसकी नशीली आंखे मेरी आँखों में तडपते हूँ ए देख रही थी. गजब की प्यास थी और बड़ा गर्म था उसका बदन, सांसे तेज और वो वासना की मारी कॉप रही थी साली. अहिस्ता से उसने अपना एक हाथ से मेरी बरमूडा को जटके के साथ खीच निचे उतार दिया. में अब में केवल अपने काले निक्कर में था. उसने निक्कर के ऊपर से ही मेरे तने हूँ ए लौड़े को दबोचकर मुझे तडपना सुरु कर दिया. में काप रहा था, मेरे बदन से मानो बिजली का २३० वोट का करंट पास हूँ आ हो, मेरे लंड में गजब की गुदगुदी हो रही थी और मेरे लौव्ड़े के अन्दर से जटके आ रहै थे. में आंखे मूंद पाव फेलाकर मजे ले रहा था, आह्ह क्या एहसास था..!! तभी माया ने उसको पीछे से जकड़ा और उसकी चुचिया पिछेसे जोर से रगड़ते हूँ ए उसके कंधे को चूमना सुरु कर दिया. सरोज की यह कमजोरी वो जानती थी, सरोज एकदम कसमसा उठी और उसने मुझे छोड़ माया को लपका.. जोकि उसकी फेवरिट थी. उसने जोर से माया को अपनी बाहों लिया और उसे लिप लॉक किस कर दी. और अपनी जबान उसके मुह में डाल माया की जबान को जोर से खीच बड़ी बेदर्दी से उसे चूस रही.. दोनों जोस में एक दूसरेको बेतहासा चूमने लगी और में तो बस साइड कलाकार हो कर दोनो तड़प और प्यार महसूस कर उसे देखने का लुफ़्त ले रहा था. दोनो एक दुसरे की जबान को चूसे जा रही थी. चप चप पुच पुच. चप चप गपक गपक गपाक, साथ में अहिस्ता अहिस्ता मीठी आहै बहर रही थी..ऊऊम्म्म…..स्स्सल्ली इस्सस मा….आउच…आःह्ह्ह, काट मत…सुरु..उम्म्म्म सी स चप चप चप पुच…पचाक..चप सी सीस स्स्स्स माँ.. या… तू…. ने…… मु… जे…. इ.. तना….. त.. ड…. पा.. या… क्यों…….. जा…. न…. आह्ह्हह्ह. वो दोनो इतनी मदहोश होक चूम रही थी के शायद मुझे भूल गयी हो…सरोज माया के बालो को तो कभी उसके मांसल बूब्स को सहलाते सहलाते धीरे धीरे उसके गाउन की ज़िप खोलने लगी और उसने माया की गाउन फक से उतार फेकी. माया ने अन्दर कुछ नहीं पहना था तो साली पूरी की पूरी नंगी हो चुकी. माया को नंगी देख सरोज और भी नशे में मस्त हो गयी. वो उसके को पागलो की तरह उसके बड़े बड़े जुलते स्तनों को जोर दबोच उसकी गुलाबी टाइट निप्पलो काट ने लगी…
माया: आउच…सुरु यार धीरे…खून निकलकर पी जाओगी क्या??? ओह्ह्ह्ह सुरु मजा आ रहा है…. यार तेरे काटने से मेरी चूत में लवक लवक जटके आ रहै है, अन्दर गुदगुदी होती है.. अरे साली रंडी धीरे…..ओह्ह्ह्ह माँ फिर काट लिया सीस सीस ओह्ह माँ….. सीस आआआआआआआह्ह्ह..
सरोज उसे भूखी शेरनी की तरह बेदर्दी से नोच के खा रही थी…मैंने सोचा अगर औरते ऐसे आपसमे चुदवाने लगी तो साला हम मदों का क्या होगा… पर असल में सरोज माया को मेरे लिए तैयार कर रही थी.. उसे एक्दम गर्म कर राही थी और बिच बिच में मुझे आख मर रही थी…
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