RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
उस रात खान ने मेरी २ बार चूदाइ की, एक बार तो वो मुझ पर चढ़ कर चोदा और दूसरी बार मैं उसके ऊपर बैठकर चूदी , और वो मेरी चूचियों को दबाते हुए चूस रहा था,उसका मोटा लंड मेरे अंदर बाहर हो रहा था और मैं अपने चूतरों को ऊपर नीचे करके उसपर कूद रही थी। फिर उसने मेरे चूतरों को पकड़कर दबाना शुरू किया और मेरी गाँड़ में भी ऊँगली डालकर हिलाने लगा, मैं दुगुने मज़े से भर गयी। फिर उसने मुझे अपने पेट के बल किया और doggie पज़िशन में लाकर उसने अपना लंड एक ही धक्के में मेरी चूत में डाल दिया । मैं तो बस आह आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह ही करती रही, और अपने चूतरों को पीछे धक्के लगाकर उसको और भी मज़ा दे रही थी। मुझे हर हाल में आज उसको ख़ुश करना था। फिर मैं झड़ने लगी, बोली - आऽऽऽऽहहहह मैं गीइइइइइइइइइइइइइ। फिर मेरी चूत का पानी गिर गया।अब शायद चूत गीली होने के कारण खान को मज़ा काम आ रहा था तो उसने चूत से लंड निकाला और फिर मेरे मुँह के पास ले आया ।मैं समझ गई और मैंने अपना मुँह खोल दिया और उसने अपना लंड मेरे मुँह में दिया। अब वो मेरा मुँह चोदने लगा, और उसके धक्के बढ़ने लगे और फिर वो जल्दी ही मेरे मुँह मैं झड़ने लगा , मेरा मुँह उसके वीर्य से भरने लगा, और मैंने उसको पी लिया , और फिर उसका लंड चाट कर पूरा साफ़ कर दिया, खान बहुत संतुष्ट लग रहा था। वो मुझसे बोला कि, बेबी तुम बहुत मज़ा दी मुझको अब तो मुझे तुमको हेरोयन बनाना ही पड़ेगा। मैं khushi उससे लिपट गयी। फिर हम सो गए।
सुबह रहमान आए और मैं उनके साथ चली गई, पर उसके पहले खान एक फ़ोन किए और बोले, बेबी को फ़ाइनल कर लो हेरोयन के लिए, और मेरी ओर देखकर मुस्करॉ दिया।
घर पहुँचकर रहमान अंकल बोले- बेबी ,खान तो लगता है तुम्हारा दीवाना हो गया है, उसने तुम्हें अपनी हेरोयन बनाने को बोल भी दिया। मैं- अंकल मैंने उसको बहुत मज़ा दिया है , और वो बार बार इस मज़े को पाना चाहेगा । अंकल ने मुझे बाहों में लेकर चूम लिया, और बोले- देखो बेबी, तुम्हारा सपना सच हो गया। पर हेरोयन बनकर मुझे भूल तो नहीं जाओगी? मैं- अंकल आज के बाद ऐसा नहीं बोलना, आज मैं जहाँ भी हूँ, सिर्फ़ और सिर्फ़ आपकी वजह से हूँ, आपको कैसे भूलूँगी। ये कहते हुए मैं उनसे लिपट गयी। फिर उन्होंने मुझे सहलाते हुए कहा -चलो आज आराम कर लो कल तुम्हारी फ़िल्म का शुभारम्भ होगा। फिर रात की थकी हुई मैं नाश्ता करके सो गयी। दोपहर को उठी तो अंकल फ़ोन से बात करके बहुत कुछ तय कर रहे थे। नायडू, नंदजी और खान ने अपना समय दे दिया था, कल ११ बजे का मुहूर्त है, फ़िल्म का नाम " दिल के पास" हैं, और डिरेक्टर को लेकर कुछ तनाव है, पर जल्दी ही वो भी फ़ाइनल हो जाएगा। तुम्हारे कल के पहन्ने वाले कपड़े रात को आ जाएँगे। अंकल बहुत उत्तेजित और ख़ुश थे, ये तो उनका भी सपना था ना, जो कल पूरा होने जा रहा था।
मैंने अंकल से कहा- आप नहा लिए हो क्या? वो बोले- नहीं, फिर मुस्कुराते हुए बोले- चलो आज साथ ही नहाते हैं। मैंने शर्माकर कहा चलिए।
बाथरूम में अंकल ने मेरे टॉप को उतार दिया और मेरे ब्रा के बाहर झाँक रही चूचियों को चूम लिया और फिर लोअर भी उतार दिया, और मेरी जाँघों और पेट को सहलाए और फिर पैंटी के ऊपर से चूत को मसल दिए।मेरे मुँह आह निकल गयी। उसके बाद वो मेरी ब्रा भी खोले और चाचियों और निपल्ज़ को दबाने लगे और फिर दोनों चूचियों को बारी बारी se चूसा । फिर नीचे बैठकर मेरी पैंटी भी उतार दी, और मेरी चूत को मुग्ध दृष्टि देखते हुए उसको सूँघने लगे, और बोले -बेबी क्या मस्त ख़ुशबू है, फिर वो उसको चूमने लगे। फिर मुझे घूमकर मेरे पिछवाड़े को चूमने लगे और दबाते हुए बोले- बेबी मस्त बड़ेंनहो गए हैं तुम्हारे चूतar , क्योंकि लगातार चुद रही हो ना आजकल। खान ने गाँड़ भी मारी क्या? मैं बोली- नहीं मारी, पर अगली बार ज़रूर मारेगा , यहाँ ऊँगली डालकर कह रहा था, मस्त गाँड़ है बेबी तुम्हारी , अगली बार इसको देना। अंकल बोले- तुम क्या बोली? मैं बोली -जी कर लीजिएगा वहाँ भी, और क्या बोलती,मुझे तो हर हाल में उसकी हेरोयन बनना था। अंकल बोले- आज मैं तुम्हारे तीनों छेदों का मज़ा लूँगा, ठीक है? मैं बोली- अंकल ये सब आपका ही है, जैसे चाहे और जहाँ चाहे मज़ा लो। वो सुनकर ख़ुश होगाए और मेरी गाँड़ की भी चुम्मी ले ली। फिर वो खड़े हुए तो मैंने उनका टी शर्ट को उतार दिया , उनकी बालों वाली मस्त मर्दानी छाती मेरे सामने थी, फिर मैंने उनका लोअर उतार दिया, और उनकी चड्डी में फूला लंड अलग से दिख रहा था, फिर मैंने उनके सामने बैठकर उनकी चड्डी भी खोल दी, अब उनका लंड खड़ा हुआ ऊपर नीचे हो रहा था,जिसे मैंने प्यार से चूम लिया और उनके बॉल्ज़ भी मस्त दिख रहे थे, मैंने अपना munh उसके अंदर डाल दिया, और उनको सूँघते हुए उनको चूमने चाटने लगी। फिर मैं खड़ी हुई और उनसे चिपक कर बोली- चलिए अब नहा लिया जाए।
बाथरूम में आकर रहमान अंकल ने मुझे अपनी बाहों में खिंच लिया और और चूमते हुए प्यार करने लगे।फिर उसने शॉवर चालू किया,और हम दोनों पानी में गीले होकर एक दूसरे से लिपटे हुए थे। फिर अंकल ने साबुन लेकर मेरे शरीर पर लगाना शुरू किया, सबसे पहले मेरे कन्धों से ,फिर गर्दन और फिर पेट पर साबुन लगाया ।फिर मुझे घूमकर मेरी पीठ में सबूत लगाए, उसके बाद मेरी टांगों पर साबुन लगाया। फिर वो मेरी चूचियों पर साबुन लगते हुए उनको ख़ूब मसले।उसके बाद उन्होंने मेरे चूतरों पर साबुन लगाया, और फिर मेरी गाँड़ के छेद में भी साबुन मले और गाँड़ में एक ऊँगली डाल दी। फिर मेरी चूत के पीछे पड़ गए, उसे मसल कर लाल कर दिया, मैं तो बस सिसकारियाँ ही भर रही थी मज़े के मारे। फिर वो बोले, तुम मुझे साबुन लगाओगी या मैं ख़ुद ही लगा लूँ? मैंने हँसते हुए कहा की मैं लगाऊँगी।अब मैं भी उनके छाती se करके उनके सब अंगों पर लगायी और आख़री में उनके चूतरों को मलने लगी, फ़र मैंने भी उनकी गाँड़ साफ़ की और उनके गाँड़ में एक ऊँगली डाल दी, वो हँसने लगे। अब उनका लंड पूरा खड़ा था और अब उसकी भी सफ़ाई शुरू की,और बॉल्ज़ ki भी। फिर हम दोनों शॉवर के नीचे आकर नहाए , फिर दोनों ne दूसरे को तौलिए से सुखाया, और फिर बेडरूम में आकर मुझे नीचे पटककर बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गए।
कमरे में आकर अंकल ने मुझे बिस्तर पर लिटाकर मेरे ऊपर आकर मेरे होंठों को चूसा और मेरे उभारों को दबाना शुरू किया फिर मेरे निपल्ज़ को उमेठने लगे, मैं सी सी कर उठी।फिर मेरे दूध को चूसते हुए मेरी चूत में दो ऊँगली डाल दिए, मैं अब पूरी गीली हो गयी थी, फिर वो मेरे ऊपर ६९ की पज़िशन में आ गए और मेरी टाँगें फैलाकर उनको ऊपर उठाया और अपना मुँह बीच में डाल दिया और मेरी चूत से लेकर मेरी गाँड़ का हिस्सा चूमने और चूसने लगे, मैं भी उनका मोटा लंड चूसने लगी।उनके बड़े बालस भी मेरे मुँह पर थे, मैंने उनको भी चूसा और चाटा ,उनके बॉल्ज़ मुझे वैसे भी बहुत सेक्सी लगते हैं। तभी अंकल ने मेरी गाँड़ चाटी और उसने पहले एक फिर दूसरी ऊँगली डाल दी, मैं समझ गयी आज वो मेरी गाँड़ मारेंगे, मुझे भी कई दिन हो गए थे गाँड़ मरवाए हुए, मुझे भी वहाँ खुजली हो रही थी।तभी उन्होंने अपने चूतरों को ऐसा अजस्ट किया की उनकी गाँड़ का छेद मेरे मुँह पर आ गया, मैं समझ गयी की वो क्या चाहते हैं। मैंने अपनी जीभ निकाली और उनकी गाँड़ को अपनी जीभ से चोदने लगी।वो और मस्त होकर मेरी चूत चाटते हुए मेरी गाँड़ को उँगलयों से ढीला करने लगे।फिर वो मेरे पैरों ke बीच आ गए और मेरे पैरों को घुटनों से मोड़कर मेरी छाती पर रख दिया, और मेरी कमर की नीचे तकिया लगाकर ,मेरी गाँड़ में ख़ूब सा तेल लगाय, और फिर मेरे थूक से गीले अपने लंड पर भी तेल लगाया और अपना सुपाड़ा मेरी गाँड़ पर रखा और धीरे से अंदर करने लगे। मैं दर्द से कराहि और बोली- अंकल थोड़ा धीरे से। वो प्यार से बोले- हाँ बेबी प्यार से ही करूँगा, और कहते हुए मेरे होंट चूसते हुए मेरे दूध दबाने लगे।फिर लंड अंदर करते गए।क़रीब दो मिनट बाद मैं मज़े में आने लगी, और दर्द की जगह चूदाइ का सुख लेने लगी।अब अंकल भी पूरी मस्ती से चूदाइ करने लगे, और हम दोनों की सिसकारियाँ कमरे में भर गयीं।फिर वो मेरे चूत के दाने से खेलने लगे, मेरी उफ़्फ़्फ। आऽऽह्ह्ह्ह्ह से वो और मस्त होकर मेरी बहुत ज़बरदसत तरीक़े से गाँड़ मारने लगे।फिर दस मिनट में हम दोनों झड़ गए। और वो मेरे बग़ल में लेटकर मेरा दूध चूसते बोले- आज मेरी बेबी की पहली फ़िल्म अनाउन्स होगी और वो हेरोयन बन जाएगी। मैं बोली-अंकल ये सब आपकी मेहनत का फल है। वो हँसते हुए बोले- अरे तुमने और तुम्हारी इसने भी बहुत मेहनत की है। कहते हुए मेरी चूत को मुट्ठी में दबाकर बोले। मैं भी हँसते हुए बोली- सच है अंकल, बिना इसके कुछ होना बहुत मुश्किल था।पर आपने मुझे इतनी अच्छी चूदाइ की ट्रेनिंग दी की मैं अपने सब उन मर्दों को जो मुझे हेरोयन बनने में मदद कर सकते थे, रिझाने में सफल रही।वो प्यार से मेरे नितम्बों पर और छाती पर हाथ फेरकर बोले- तुम्हारे ये दो अंग बहुत सेक्सी हैं, इन्हें हमेशा सुडौल रखना। यही तुम्हारी असली पहचान है, बेबी, समझी।इनके ऊपर तुम्हारे सुन्दर चेहरा तुमको और भी आकर्षक बना देता है। और हाँ हेरोयन बनकर मुझे भूलना मत। मैं भावुक होकर उनके होंठ चूमने लगी और बोली-अंकल ऐसा कभी नहीं हो सकता, और वो मैं तो आपकी और इसकी दीवानी हूँ।कहते हुए मैंने उनके नरम लंड को पकड़ लिया। वो हँसने लगे, और बोले चलो लंच करते हैं। फिर आराम करके शाम को फ़िल्म के उधाघटन में चलेंगे। मैं भी सपनों में खो गयी, आख़िर मेरा सपना आज शाम पूरा जो होने जा रहा था, मैं बहुत ख़ुश थी।
समाप्त
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