RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
मैं तो आनंद से भीगी हुई चिल्ला रही थी आह और चोदो और फाड़ो , वो भी मस्ती में बेबी आह बेबी आह चिल्ला रहे थे , फिर मैं चिल्लायी, मैं झड़ रही हूँ तो वो और ज़ोर से धक्के मारने लगे और हम साथ साथ ही झड़ गए। फिर वो मुझे चूमते रहे और मेरे साइड में लेट गए, और मेरे गालों को चूमते हुए और एक चुचि दबाते हुए बोले, बेबी मज़ा आया? मैं शर्माकर उनकी बालों से भरी छाती में मुँह छिपाकर बोली, जी बहुत। वो ख़ुश हो गए और मेरे चूतरो पर हाथ फेरते हुए बोले मस्त माल हो बेबी तुम , बहुत हिट हेरोयन हो जाओगी, फिर मेरे चूतरो की दरार में ऊँगली डालकर गाँड़ के छेद सहलाते हुए बोले, बेबी ये भी चोदना है। मैं बोली, जिस दिन पिक्चर की पहली शूटिंग करेंगे उसी दिन इसकी भी शूटिंग कर लीजिएगा , वो ख़ुश होकर बोले, बस एक हफ़्ते में पिक्चर भी चालू हो जाएगी और तुम्हारी इस मस्तानी गाँड़ में मेरा लंड भी घुस जाएगा। तभी मुझे नायडू का ख़याल आया , वो अब भी पलंग के पास कुर्सी पर बैठा अपना लंड पैंट के ऊपर से दबा रहा था! अब स्वामी नायडू से बोला, ठीक है ना नायडू? हम अगले हफ़्ते पिक्चर चालू करेंगे ना? नायडू की आँख स्वामी की उँगली पर थी जो मेरी गाँड़ में अंदर बाहर हो रही थी।
नायडू बोला, हाँ हम अगले ही हफ़्ते बेबी की फ़िल्म चालू करेंगे , मैं बिस्तर से उठी और नायडू की गोद में बैठकर उसका मुँह चूम लिया और बोली थैंक यू सर , मैं आपकी हमेशा आभारी रहूँगी , नायडू मेरा हाथ सहला कर बोले जाओ अभी बाथरूम होकर आओ । मैं नंगी ही बाथरूम दोड गयी और वहाँ से फ़्रेश होकर आयी तबतक स्वामी ने कपड़े पहन लिए थे । मैंने भी अपने कपड़े पहने और हम सब बाहर ऑफ़िस में आ गए। नायडू ने खान को फ़ोन किया और बोला, स्वामी ने बेबी का टेस्ट ले लिया है और वो उससे बहुत प्रभावित है, अब बोलो क्या बोलते हो? फिर नायडू फ़ोन पर बोला , हाँ हाँ क्यूँ नहीं , वो आ जाएगी , हाँ हाँ बहुत समझदार है वो , तुम वो बहुत अच्छी लगेगी , ठीक है मैं उसे भेज दूँगा। फिर फ़ोन रख दिया और मुझे बोला, बेबी , परसों तुम्हें खान से मिलना है , उसने तुम्हें अपने फ़ार्म हाउस में उसने रात को ९ बजे बुलाया है । मैं बोली , इतनी रात को क्यों? स्वामी बोले, बेबी, वो भी तो तुम्हें taste करेगा और मेरी गाल की चुटकी ले ली! मैं शर्मा गयी तो स्वामी ने मुझे गोद में खिंचकर मेरी चुचि दबा दी । फिर स्वामी चला गया , तब नायडू बोला , बेबी तुम और तुम और रहमान कल रात हमारे घर डिनर पर आओ । मैंने हाँ में सर हिला दिया, मैं पूछना चाहती थी कि तुमने मुझसे मज़ा क्यूँ नहीं लिया , पर मैंने कुछ पूछा नहीं। मैं रहमान का इंतज़ार करने लगी , नायडू भी चला गया । रहमान पूरे २ घंटे बाद आया और हम घर के लिए निकल गए। मैंने रास्ते मैं रहमान को स्वामी की चूदयी की पूरी रिपोर्ट दी और पूछा की नंदजी ने आपको उनकी बेटी डाली से मिलाया? वो मुस्करकर बोले, हाँ मिलाया और बात आगे बढ़ गयी है! मैंने पूछा मतलब? वो मेरे चूतर थपथपा कर बोले, चलो घर चल कर पूरी बात बताऊँगा ।
रास्ते में अंकल ने खाना पैक करवाया और घर पहुँच के मैं सीधा बाथरूम में घुस गयी और आधा घंटा मज़े से नहायी , फिर नाईटी पहन कर बिना ब्रा और पैंटी के मैं हॉल में पहुँची तो अंकल खाना मेज़ पर लगा चुके थे। हमने खाना खाया और जब बाद में टी वी देखते हुए मैंने पूछा , अंकल बताओ ना नंदजी के यहाँ क्या हुआ ? वो बोले, बहुत कुछ , और पूरी बात बताने लगे।
आगे की कहानी , अंकल के शब्दों में-----
बेबी, तुम्हें नायडू के पास छोड़ कर मैं नंदजी की कर से उनके साथ उनके घर के लिए रवाना हुआ, रास्ते में मैंने पूछा , आपने कितने कैमरा लगाए हैं घर पर। वो बोले , एक मेरे बाथरूम में, जहाँ मैं पत्नी को नहाते और हस्त मैथुन करते हुए देखता हूँ ! दूसरा मैंने बेटी डॉली के बेडरूम में लगाया है। वो बोला, तुम्हें याद होगा जब से मैंने डॉली को पहली बार अपने बाथरूम में नहाते देखा था तभी से मैं उसे पाने के लिए पागल हो रहा हूँ। इसीलिए मैंने उसके बेडरूम में कैमरा लगाया है, अब मैं उसे कई बार कपड़े बदलते हुए और नंगी भी देख चुका हूँ। वो भी हस्थ मैथुन करती है। वो बोला, पिछले तीन दिनों मैं वो एक boy friend से दो बार अपने कमरे में चूदवॉ भी चूकी है। मैंने कहा, अरे वो तो अभी काफ़ी छोटी है, दसवीं में है ना , आपने बताया था, क्या वो लंड अंदर जाने पर चिल्ला नहीं रही थी? वो बोला, अरे नहीं वो लड़का भी तो छोटी उम्र का था , उसका लंड भी छोटा और पतला था , वो उसे आराम से ले रही थी, मुझे पक्का मालूम है कि वो अपनी सील पहले ही फड़वा चुकी थी , क्यूँकि वो उस लड़के से मज़े से चूदवॉ रही थी! क़सम से उसे चूदवाँते देख कर मेरी इच्छा हो रही थी कि उस लड़के को हटाकर मैं ही चढ़ जाऊँ उस पर, ऐसे बोलते हुए वो अपने लंड को पैंट पर से मसल रहा था।
उसके घर पहुँचने पर उसकी बीवी , लाली से मुलाक़ात हुई, उसने सारी पहनी थी, क़रीब ३५ साल की गोरी भरे बदन की बहुत मादक औरत थी , मेरा लंड उसके ब्लाउस में क़ैद बड़े उरोज और गोरे पेट को देखकर खड़ा हो गया था। वो भी मुस्कराहट कर मिली । नंदजी अभी आता हूँ डॉली को लेकर , कहकर कमरे के बाहर चले गया। लाली फिर उठ कर फ्रिज से पानी निकलने के लिए झुकी और उसके बड़े चूतरों को देखकर मैं जैसे स्तब्ध रह गया। जब वो पानी का ग्लास मुझे दे रही थी, उसकी एक बड़ी चुचि पूरी साड़ी से बाहर थी और ऊपर से आधी नंगी चुचि भी ब्लाउस के बाहर झाँक रही थी। मैंने सोचा की नंदजी इतने मस्त माल को छोड़कर क्यूँ बाहर मुँह मरता है!! जब मैं उसकी चुचि को घूर रहा था, वो मुझे ऐसा करते देख मुस्करायी और मेरे खड़े लंड की तरफ़ देखा और फिर मेरी तरफ़ देखा। मैं लंड के ऊपर हाथ रख दिया । वो शरारत से मुस्करायी और सोफ़े में बैठ गयी।
तभी कमरे में नंदजी आए साथ में एक जींस टॉप में डॉली भी थी, उसे देखकर मैं हैरान रह गया । वो भी अपनी माँ की तरह गोरी और सुंदर थी , उसकी बड़ी चूचियाँ उसके टॉप में समा नहीं रही थी । और उसका निचला हिस्सा अभी किसी कुँवारी लड़की जैसा ही था , छोटे गोल चूतरों को देखना बड़ा प्रिय लग रहा था जो उसके जींस पैंट से चिपके हुए थे । मेरा हाल बुरा हो गया , ये जानकर की इस कली को मैं बहुत जल्दी मसलने वाला हूँ। और उसकी माँ को तो मैं चोद कर रहूँगा । फिर नंदजी ने मेरा परिचय दिया, बोले, डॉली बेटी ये रहमान अंकल हैं , ये तुम्हें शारीरिक चुस्त रखने की ट्रेनिंग देंगे , इनको जिम का भी बहुत अनुभव है । डॉली ख़ुश हो कर बोली, पापा आपको धन्यवाद , मैं कबसे आपको इसके लिए बोल रही थी । मैंने कहा की डॉली मैं आपको अच्छी तरह से ट्रेन कर दूँगा। मैंने नोटिस किया, लाली अभी भी मेरे पैंट के तंबू को ध्यान से देख रही थी।
फिर मैं बोला चलो तुम्हारा जिम देखते हैं, वो ख़ुश हो कर बोली चलिए और हम दोनों बाहर निकले हाल से , नंदजी मुझे देख कर आँख मारी। मैं हैरान था कि कैसा आदमी है जो अपनी बेटी को मुझसे चूदवाँने के लिए फँसा रहा है ताकि वो ख़ुद अपनी बेटी को चोद सके। मैं और डॉली जिम में पहुँचे , वहाँ सभी महँगी मशीन थी और वह बड़े उत्साह से मुझे सब दिखा रही थी और मेरा ध्यान उसकी उम्र से बड़ी हो गयी चूचियो पर थी। फिर मैंने उसे कुछ नए तरीक़े से करने वाले व्यायाम के बारे में बताया , वो काफ़ी ख़ुश लग रही थी। मैंने उसके हाथ को पकड़कर उसे ऐरोबिक्स भी सिखाया , ऐसा करते हुए मेरा और उसका शरीर कई बार टकराया , मैंने ध्यान दिया की उसे मेरे मज़बूत शरीर को छूने में मज़ा आ रहा है , फिर वो बोली, अंकल आपके बाहों की मसल कितनी मज़बूत हैं, मैंने उसको कहा की तुम मेरी बाँह में लटक जाओ , मैं तुम्हें उठता हूँ । ऐसा कहते मैंने अपनी बाँह मोड़कर मछली उभार कर दिखाया और वो मज़े से लटक गयी । मैंने उसे हवा में उठा लिया और थोड़ा झुलाकर अपने से सटा लिया । फिर उसके गाल चूम लिए और बोला , बेटी तुम बहुत स्वीट हो । वो शर्मा कर परे हो गयी। मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरकर कहा , डॉली तुम बहुत प्यारी और बहुत सुंदर हो । अब चलें , मैं कल से रोज़ कितने बजे आऊँ सिखाने ? वो बोली, मेरा स्कूल दोपहर दो बजे से शुरू होता है , आप दिन में कभी भी आ जयिये।
हॉल में आकर मैंने नंदजी से पूछा कल से कितने बजे आऊँ ? वो बोले, १० से १२ बजे के बीच कभी भी आ जाओ । फिर मैंने लाली और डॉली को बाई कहा और नंदजी के साथ बाहर आ गया । बाहर आते ही नंदजी बोले, कुछ बात बनी? मैं मुस्कराहट से बोला की हाँ तीन चार दिन मैं पटा लूँगा , यह सुनकर वो बहुत ख़ुश हो गया और बोला, मुझे भी दिलवा दोगे ना उसकी मस्त बुर ? मैं बोला की पक्का , वो बहुत ख़ुश होकर अपना लंड दबाने लगा । क्या बाप है , मैंने सोचा , अपनी बेटी को चोदने को मारा जा रहा है। फिर मैं तुम्हारे पास आ गया नायडू के यहाँ । अबतक बस यही हुआ है , कहते अंकल ने मेरी चूचियाँ दबाने लगे , फिर उन्होंने मुझे नंगा करके मेरी भरपूर चूदायी की। फिर मैं उससे चिपक कर सो गयी।
सुबह मैंने रहमान अंकल को बताया की शाम को हम दोनों को नायडू के यहाँ डिनर पर जाना है, तो वो सोचते हुए बोले, मुझे ये समझ बही आया की उसने तुम्हें क्यूँ नहीं चोदा , जबकि उसके सामने स्वामी तुम्हारी बजा रहा था! फिर बोले, चलो शाम को पता चल ही जाएगा । फिर वो बोले बेबी, आज मुझे १० बजे फिर डॉली को ट्रेनिंग देने जाना है। मैंने उनके पजामा के ऊपर से लंड को दबाते हुए कहा की इसकी ट्रेनिंग ? तो वो हँसकर बोले, हाँ इसकी ही ट्रेनिंग देनी है , कहते हुए मेरी चुचि दबा दिए। फिर बोले, वो बेचारी अभी छोटी है, मेरा लंड लेने में उसे तकलीफ़ तो होगी, तब मैं बोली, उसकी फाड़ने में ही तो आपको मज़ा आएगा । वो बोले, मैं तो ये माल इस लिए तय्यार कर रहा हूँ ताकि इसका बाप इससे मज़े ले सके और हमसे ख़ुश होकर फिर तुम्हारी फ़िल्म में पैसा भी लगाए । फिर वो एक मस्त टी शर्ट और एक जींस की पैंट पहनकर डॉली के घर के लिए चले गए और मैं नहाने चले गयी ।
रहमान अंकल ५ बजे वापस आए और मुस्कुरा रहे थे। मैंने पूछा क्या हुआ? वो बोले सब हो गया और मुझे बाहों में लेकर चूम लिया । मेरे पूछने पर उन्होंने जो बताया ---
रहमान अंकल के शब्दों में----
मैं जब डॉली के घर पहुँचा तो वह उसी समय नहा कर आयी थी , और स्कर्ट टॉप में छोटी सी बच्ची दिख रही थी , सिवाय उसके उभारों के जो उसके चेहरे के भोलेपन के हिसाब से बहुत बड़े दिख रहे थे , मेरी जींस में हलचल शुरू हो गयी । तभी उसकी माँ भी आ गयी और सलवार कुर्ते मैं वो भी भरा हुआ माल दिख रही थी। मैंने सोचा कि आज अगर भाग्य ने साथ दिया तो दोनों से मज़ा लूँगा । फिर अभी हम बातें ही कर रहे थे कि लाली का फ़ोन बजा और उसे किसी ने कीटी पार्टी के लिए बुलाया तो वो बोली लेकिन पार्टी तो कल है , फिर थोड़ा विरोध करने के बाद वो आज ही जाने को राज़ी हो गयी। मेरे लंड ने अपना भाग्य पढ़ लिया और झटके मारने लगा। लाली बोली, मुझे अभी जाना पड़ेगा पर मैं लंच तक आ जाऊँगी और मुझे बोली कि हम सब लंच साथ ही करेंगे । मैंने भी हाँ में सर हिला दिया । वो तय्यार होने चले गयी और मैं डॉली के साथ जिम वाले कमरे में आ गया । डॉली अदा से बोली , आज क्या सिखाएँगे रो मैं बोला चलो ऐरोबिक्स से ही शुरू करते हैं । थोड़ी देर के बाद वो थक गयी और एक कुर्सी में बैठ गयी। मैंने उससे कहा मैं बाथरूम से आता हूँ और बाहर हॉल में आया तभी लाली तय्यार हो कर आयी और मैं उसे देखता ही रह गया । मैंने कहा की भाभीजी आज किस पर बिजलियाँ गिराओगी , तो वो बोली , वहाँ कोई देखने वाला नहीं होगा क्यूँकि लेडीज़ की पार्टी है। मैं बोला, मुझ पर तो आपने बिजली गिरा ही दी तो वो शर्मा गयी, और बोली , सच मैं क्या सुंदर दिख रही हूँ? मैं बोला, आप तो अप्सरा दिख रही हो, अगर मैं नंदजी की जगह होता तो आपको दिन भर अपने से चिपकाए रहता और ख़ूब प्यार करता । यह सुन कर उसके गाल लाल हो गए और वो बोली , मक्खन लगाना तो कोई आपसे सीखे । मैंने कहा की एक बार हमारा मख्ख्न चख तो लीजिए , आप हमारी दीवानी हों जाएँगी । उसने मेरे द्वी अर्थी बात को नहीं समझने का नाटक किया और बोली, मैं १ बजे आ जाऊँगी , हम साथ ही खाना खाएँगे , आप हमसे बिना मिले चले मत जयिगा ।फिर मेरी तरफ़ तिरछि निगाहों से देखते हुए सेक्सी अन्दाज़ मैं अपने होंठ चबाते हुए कमर मटका कर चली गयी।
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