RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
राज के जाने के बाद मैं थक कर सो गयी, सुबह स्कूल जाने के समय मुझे राज से आँखें मिलाने में शर्म आ रही थी । राज सारे रास्ते मुझे छेड़ता रहा, रात की चुदाई की बातें करता रहा । उसने कहा ,रात को मज़ा आया ना? फिर मेरे चूत की टाइट और सील टूटने की बात भी की, मेरी छातियों की और निपल्ज़ की तारीफ़ करने लगा। उसने पूछा, मेरा लंड पसंद आया? मैं शर्मा कर बोली , हाँ , और भाग कर क्लास में घुस गयी।
अब ज़िंदगी में एक नया मोड़ आ गया और हम हर रात चुदाई करते , और सुबह एकदम नोर्मल भाई बहन बन जाते। फिर १ महीने के बाद राज के चाचा आए और उसे अपने साथ कॉलेज में पढ़ाने के लिए शहर ले गए, मैं बहुत दुखी हो गयी।पर धीरे धीरे मैं उसे भूलने लगी और जब इक्सायटेड होती तो ऊँगली से अपने को संतुष्ट कर लेती । एक बात ज़रूर थी कि आजकल मौसाजी की नज़रें मेरे शरीर को घूरते रहती थी , पर मैने सोचा की ये मेरा भ्रम होगा , और ध्यान नहीं दिया । इसी तरह समय बीत रहा था ,एक दिन स्कूल से वापस आही तो तेज़ बारिश हो रही थी , मेरी स्कर्ट ब्लाउस पूरा भीग गया था और मैं भागते हुए घर पहुँची , जैसे ही घर में हाँफते हुई अंदर घुसी ,मेरा सीना ऊपर नीचे हो रहा था , वहाँ सामने मौसाजी खड़े थे और मेरे छातियों को घूर रहे थे। मैंने पूछा मौसीजी कहाँ हैं, तो वो बोले , वो तो पड़ोस के घर में एक पूजा कीर्तन में गयी है। वो बोले, जाओ जल्दी कपड़े बदल लो, मैं अपने कमरे में जाने लगी तभी मैंने देखा मेरी छातियों को बड़े ध्यान से देख रहे थे और फिर मैंने देखा की उनकी लूँगी में उनका लंड पूरी तरह उभरा दिख रहा था, मैं राज के जाने के बाद से लंड के लिए तरस रही थी और मौसाजी का तय्यार हथियार देखकर इतनी सर्दी में भी गरम हो गयी। फिर मैं अपने कमरे में पहुँच गयी।
मैंने अपने कमरे में आकर अपनी स्कर्ट और ब्लाउस उतारा और तौलिए से अपने बदन को पोछने लगी, शीशे में मैंने देखा की मैं चड्डी में मेरी चूत अलग से दिख रही थी , दोनों फाँकें साफ़ दिख रही थी ।ब्रा में भीगी हुई छातियाँ अलग ही नज़ारा दिखा रही थी ।तभी दरवाज़ा खुला और मौसाजी अंदर आए , और मेरे को आगे से शीशे में और पीछे से भी देख रहे थे। उनके लूँगी में उभार साफ़ दिख रहा था, वो आए और बोले , लाओ बेटी मैं पोंछ दूँ और तौलिए को मेरे हाथ से ले लिया । फिर वो मेरी पीठ पोच्चने लगे , फिर उन्होंने नीचे झुक कर मेरी नितम्बों पर तौलिया फिराया, और फिर जाँघ और पैर भी पोंछने लगे । मैं अब गरम होने लगी , फिर उन्होंने मेरी चड्डी को छूकर कहा, बेटी ये भी गोली हो गयी है , और उतर दिया, फिर मेरी चूत पोंछने लगे , फिर हाथ से चूत पर हाथ फिराया और बोले, देखो अब सूख गयी। फिर उन्होंने मेरी गिली ब्रा भी उतर दी और मेरी छातियों को पोंछने के बहाने उन्हें अछे से दबाने लगे , बाद मई उन्होंने अपने लंड को मेरे नितम्बों से सटा दिया और दबाने लगे। मेरी चूत गिली हो गयी थी । अब वो मेरी छातियों को दबा कर मुझे मस्त करहे थे । मैंने कहा , मौसीजी आ जाएँगी , वो बोले, अभी १ घंटा वो नन्ही आएँगीं। फिर उन्होंने मुझे घूमकर अपनी बाघों में भींच लिया , फिर मेरे होंठ चूसने लगे , और बोले, मेरा बहुत दिनों से तुम्हें चोदने का मन था , आज मेरी इच्छा पूरी कर दो बेटी। मैंने कहा , आप मुझे बेटी बोलते हो और ये बुरा काम चाहते हो ? वो बोले, मुझे बेटीचोद कहलाना पसंद है , पर तुम्हें चोदे बिना अब नहीं रह सकता, एसे बोलते हुए वो मेरी चूचियाँ चूसने लगे , और मेरा हाथ अपने लम्बे और मोटे लंड पर रख दिया, अब मैं पूरी तरह उनके वश मई थी ।उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी छूट चाटने लथोड़ी देर में वो मेरे साथ ६९ पज़िशन में आ गए और मेरे सामने उनका मस्त लंड था, मैंने उनके लंड सुपरा खोला और उनका लंड चूसने लगी, सुपर लाल था उसे चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था । वो भी पूरी जीभ अंदर डाल कर मेरी चूत में आग लगा रहे थे
थोड़ी देर ६९ में चाटने और चूसने के बाद वो मेरे ऊपर आ गए और अपने लंड को मेरी चूत में धीरे से डालने लगे , उनका मोटा लंड मेरी चूत में जैसे फँस गया , फिर उन्होंने धक्का लगाया और मेरे मुँह से चीख़ निकल गयी , और उन्होंने मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए , फिर मेरी चूचियों को चूसते हुए उन्होंने अपने कमर को दबाया और पूरा लंड मेरी चूत मई पील दिया । मई आह कर के रह गयी, फिर उन्होंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और पूरे ज़ोर शोर से मेरी चुदाई करने लगे, मैं भी अब नीचे से कमर उठाकर उनका साथ देने लगी। कमरा फ़च फ़चनिक आवाज़ से गूँज रहा था,और हम दोनों मस्ती से सरोबार हो रहे थे ,आख़िर मैं झड़ने लगी और फिर मौसाजी भी आह आह करके झर गए । फिर उन्होंने मुझे बड़ी देर तक चूमा चाटा। फिर वो बोले , ये मेरी ज़िन्दगी की सबसे मस्त चुदाई थी । फिर वो बोले , जानती हो जब मैं अंदर आया था , तुम ब्रा पैंटी में गिली खड़ी थी , एकदम फ़िल्म हेरोयन लग रही थी। मैं फिर हैरान रह गयी , ये क्या हो रहा है, क्यूँ सब मुझे हीरोइन दिखती हो, एसा क्यूँ बोलते हैं? मौसाजी बोले , देखना तुम एकदिन हीरोइन बनोगी, कहते हुए उन्होंने मेरे नितम्बों पर हाथ फेरा और चले गए। मैंने जल्दी से बाथरूम में अपनी सफ़ाई की और कपड़ पहन कर मौसीजी का इंतज़ार करने लगी ।
जीवन एसे ही चल रहा था , मुझे मौसाजी ८/१० दिन में जब मौक़ा मिलता मुझे छोड़ देते थे। एक दिन इतनी जल्दी सब कुछ हुआ की मेरी ज़िंदगी ही बदल गयी । एक अंकल आंटी हमारे घर आए और उनका बहुत स्वागत हुआ , मौसीजी ने उनका बहुत स्वागत किया , फिर मुझे सजाकर मौसीजी उनसे मिलवाई और तब मुझे पता चला की वो मुझे अपने बेटे के लिए पसंद करने आए थे, मैं हैरान हुई, मैंने कहा मैं अभी और पढ़ना चाहती हूँ , उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी और वो मुझे पसंद कर चले गए और रिश्ता पक्का कर गए । मैंने बाद में मौसाजी और मौसीजी से ख़ूब लड़ाई की पर उन्होंने समझाकरमुझे शांत कर दिया, लड़का शहर में नौकरी करता था और उनका देखा भला था । १ महीने के बाद मेरी शादी हो गई, शादी में राज भी आया था, हमें दो बार मौक़ा मिला और हमने जम कर चुदाई की। मौसाजी भी एक दो बार इमोशनल हो गए और बहुत प्यार किया उन्होंने भी।
ख़ैर शादी के बाद हम शहर पहुँचे, वहीं मेरी सुहागरत की तय्यारी की गयी , और रात में जब मेरे पति रमेश मेरे पास आए और मेरा घूँघट उठाया ,तब मैंने पहली बार उन्हें देखा, सीधे साधे से थोड़े कमज़ोर से लगे । फिर थोड़ी देर बात करने के बाद बोले, मेरी तो क़िस्मत खुल गयी , तुम तो एकदम हीरोइन दिखती हो। मुझे अच्छा लगा कि मेर पति ने एसा ही कहा , जैसे सब बोलते हैं। फिर उन्होंने मुझे चूमा और मेरे कपड़े खोल दिए, जब वो अपने कपड़े उतारे तो मैं थोड़ा निराश हुई , क्यूँकि उनका खड़ा लंड मौसाजी और राज के लंड से बहुत छोटा और पतला था, ख़ैर रमेश ने मेरी चूचियों को दबाकर मुझे मस्त कर दिया, और बाद में अपने लंड को मेरे चूत मई डाल दिया , ८/१० धक्कों के बाद वो झाड़ गया । मैं तो प्यासी ही रह गयी, और रमेश करवट बदल कर सो गए । मैंने ऊँगली से ख़ुद को शांत किया । बाद में ये ही सिलसिला चल पड़ा , रमेश अपनी मस्ती झाड़ कर सो जाता और मुझे प्यासी छोड़ देता। एक दिन मैंने उससे खुलकर बात की , तो वो शर्मिंदा होकर बोला कि पता नहीं मैं क्यूँ इतनी जल्दी झड़ जाता हूँ , मुझे माफ़ कर दो । मैं क्या कहती? मैं बहुत दुखी रहने लगी । तभी मेरी ज़िंदगी में रहमान अंकल आए, और मेरा जीवन ही बदल गया ।
मेरा १९ वाँ जन्म दिन था , मेरे पति रमेश ने बड़े धूम धाम से मनाया , शाम को पार्टी थी ,जिसमें उनके ऑफ़िस की लोग भी आए, और एक क़रीब ४० साल के रहमान अंकल भी आए जो फ़ोटो ग्राफ़्ट थे, जिनको रमेश ने फ़ोटो लेने के लिए तय किया था । रमेश ने मुझे रहमान अंकल से मिलाया और बताया ये इस शहर के अछे फ़ोटो ग्राफेर माने जाते हैं ।ख़ैर पार्टी अच्छी रही और रमेश के ३ दोस्त डिनर के लिए रुक गए, उन्मे रहमान अंकल भी थे। डिनर के बाद जब उनके डोनो दोस्त अपनी पत्नियों के साथ चले गए , तो मैंने रहमान अंकल से कहा की आप मुझे आज की फ़ोटो दिखायीये ना , वो बोले चलो कैमरा कोटीवी में कनेक्ट कर के दिखाता हूँ। रमेश बाहर थे अपने दोस्तों को विदा कर रहे थे, अंकल ने फ़ोटो त व पर दिखानी शुरू किया, फिर एक फ़ोटो जिसमें केक काटने के कारण मैं झुकी हुई थी , इस से मेरी सारी का पल्लू गिर गया था और मेरे उभार जैसे ब्लाउस के बाहर आने के लिए फटे जा रहे थे ,को उन्होंने फ़्रीज़ कर दिया, और मुस्कुराते हुए बोले, देखो इसमें तुम किसी हीरोइन से कम लग रही हो क्या ? मैं शर्मा गयी, फिर उन्होंने एक फ़ोटो और दिखायी जिसमें मई एक महिला को चाय का कप दे रही हूँ, ये फ़ोटो मेरे पीछे से ली गयी थी , इसमें मेरी सारी में कसे गोल पुष्ट नितम्ब चड्डी फँसे साफ़ दिख रहे थे, इस फ़ोटो को भी उन्होंने फ़्रीज़ कर दिया , और शरारत से मुस्कुराते हुए बोले, देखो तुम्हारा फ़िग्यर ,किसी हेरोइन को भी मात देगा । मैंनेशर्माकर उनको देखा, तो वो मेरी फ़ोटो घूरते हुए अपना लंड पैंट में अड्जस्ट कर रहे थे । पैंट की साइड में उनका लंड जाँघ के साइड में उभरा हुआ अलग दिख रहा था। इतने दीनो की प्यासी मेरी चूत ये देख कर गिली हो गयी। तभी रमेश के वापस आने की आवाज़ से हम चौंके और अंकल ने फ़ोटो आगे बढ़ा दी , और अपने लंड को अड्जस्ट किया , मैंने भी एसा दिखाया की जैसे सब नोर्मल है। फिर अंकल कल फ़ोटो लाने का कहकर चले गए। उस रात रमेश से चुदवाते वक़्त मैं रहमान अंकल के लंड के उभार का ही सोच रही थी।
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