RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
ये दूसरी बार हुआ था कि किसिने मुझे हीरोइन जेसी ब्यूटिफ़ुल कहा हो । पहली बार मेरे पिछले स्कूल के मेरे एक टीचर ने कहा था । वो जब भी क्लास मई आते पूरे टाइम मुझे ही देखते रहते थे , मुझे एसा लगता था की उनका ध्यान मेरे ब्लाउस में फँसे मेरे उभारों पर रहता था , वो मेरे पास आते और पीठ पर हाथ रखकर मुझे अछ्चि तरह से सवाल समझाते थे । मैंने कई बार महसूस किया की वो मेरे ब्रा की स्ट्रैप्स को भी टच करते थे । एक बार उन्होंने मुझे स्टाफ़ रूम में आने को कहा , जब मैं वहाँ पहुँची तो वो अकेले बैठे पेपर पढ़ रहे थे, उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और बोले , बेटी , तुम मुझे बहुत प्यारी लगती हो । कहते हुए वो मेरे बालों पर हाथ फेरने लगे ,मैं उनके पास ही खड़ी थी, उन्होंने हाथ नीचे लाया और पीठ सहलाने लगे, मैंने पूछा, सर क्या काम है , वो बोले मई चाहता हूँ कि तुम्हारे अछे नम्बर आएँ, एसा कहते हुए उनका हाथ मेरे मोटे नितम्बों तक पहुँच गया , और मैंचौंक गयी, मैंने पीछे होने की। कोशिश की , पर वो बोले डरो मत बेटी , मैं तुम्हें कुछ कष्ट नहीं दूँगा, तुम्हें सिर्फ़ मज़ा आएगा, आख़िर मेरे उम्र अब ५५ साल की है , तुम्हें मुझसे डरने की ज़रूरत नहीं है। एसा कहते हुए उन्होंने मुझे अपने पास खिंच लिया और और मेरे छातियों पर हाथ फेर दिया, मैं सिहर उठी, सर बोले , बेटी एक बात बोलूँ, तुम इतनी सुन्दर हो की तुम्हें फ़िल्मों में हीरोइन बनना चाहिए। मैंने जल्दी से अपने आप को छुड़ाया और बाहर भाग गयी। और आज फिर राज ने वही मुझसे कहा कि तुम्हें हीरोइन बनना चाहिए। मैं सोच रही थी क्या एसा हो सकता है?
मैंने राज की तरफ़ देखा और बोली , एसा क्या है मुझमें की तुम्हें लगता है कि मैं हीरोइन बन सकती हूँ? राज बोला, तुम्हारा रंग बहुत गोरा है, तुम्हारा चेहरा बहुत सुंदर है , और मेरे उभारों को देखकर बोला की तुम्हारी फिगर भी बहुत मस्त है , फिर मेरे जाँघों की तरफ़ देखा और बोला देखो स्कर्ट से बाहर निकलीं हुई ये तुम्हारे जाँघे किसी हीरोइन के मस्त जाँघों से कम है क्या ? ऐसे बोलते हुए उसने मेरी जाँघों पर हाथ फेर दिया और हल्के से दबा दिया, मैंने कहा कि राज सभी लड़कियों के ऐसी ही जाँघे होतीं हैं, और हंस दी, मैंने धीरे से उसके पैंट की तरफ़ देखा, जहाँ एक उभार बन चुका था। मुझे भी चड्डी मैं गीला सा लगा ।इतने में मौसी आ गयी और हम थोड़ा सा दूर होकर बैठ गए । मैं उठकर अंदर चली गयी।
रात मैं खाना खाने के बाद मैंने पढ़ने की कोशिश के पर बार बार राज के पैंट का उभार मुझे डिस्टर्ब कर रहा था , मैंने सोने की कोशिश के पर नींद भी नहीं आ रहे थी , आख़िर तंग आकर मैं किचन की तरफ़ गयी पानी पीने के लिए । पानी पीकर जब मैं वापस आ रही थी अपने कमरे की तरफ़ , तभी मुझे कुछ अजीब सी आवाज़ आयी , मैंने देखा कि आवाज़ मौसाजी के बेड रूम से आ रही थी, मैं समझ गयी की सेक्स चल रहा है , मैं मन ही मन में मुस्करायी और सीधे अपने कमरे की तरफ़ जाने लगी, फिर पता नहीं मेरे मन में क्या आया कि मैं राज के कमरे की तरफ़ चल पड़ी। वहीं मैंने खिड़की से अंदर झाँक , मैंहैरान रह गयी, बिस्तर पर राज था ही नहीं? वो कहाँ गया ? ------
मैंने धीरे से आँगन का दरवाज़ा चेक किया , वह खुला हुआ था , मैंने धीरे से बाहर झाँका , वहाँ राज एक स्टूल पर खड़ा था और वो खिड़की से ऐंडर झाँक रहा था , अपने पिता और माता के कमरे में, जहाँ से सेक्स की आवाज़ें मैंने अभी अभी सुनी थी। मई शाक में आ गयी, ये क्या कर रहा है? मैंने अंधेरे मैंने देखने की कोशिश की , मैं चौंक गयी क्यूँकि उसका लोअर नीचे था और वो नीचे से नंगा था , और वो अपने लिंग को अपने हाथ से आगे पीछे कर रहा था। मैं चुपके से पीछे हो गयी और अपने कमरे मई चली गयी । मुझे राज से ये उम्मीद नहीं थी कि वो अपने ही माता पिता को सेक्स करते हुए देखना चाहेगा ? और उसका खड़ा लिंग जो वो हिला रहा था , बार बार मेरे आँखों के सामने झूल रहा था , और मैं बेचैन हो रही थी, आख़िर मैंने अपनी चड्डी नीचे की और अपने योनि में ऊँगली डाल कर धीरे से सहलाना शुरू किया, साथ ही मैंने अपने छातियों को भी दबाना शुरू कर दिया ,मैंने अपने निपल्ज़ को भी मसलना शुरू किया, अबमैं उत्तेजित हो गए थी , मेरे मुँह सिसकियाँ निकालने लगी । और ५ मिनट में ही मैं अपनी क्लिट को सहलाती हुई क्लाइमैक्स को प्राप्त किया । अब मैं शांत हो गयी थी , और धीरे से नींद की आग़ोश में सो गयी ।
दूसरे दिन जब हम दोनों स्कूल जा रहे थे , तभी मैंने राज से कहा कि रात को में तुम्हारे कमरे में दवाई माँगने आयी थी , पर तुम कही दिखाई नहीं दिए , आख़िर कहाँ थे तुम? वो थोड़ा घबरा गया और बोला , मैं शायद बाथरूम गया हूँगा , मैंने कहा , पर बाथरूम का दरवाज़ा खुल हुआ था और वहाँ कोई नहीं था । वो फिर हड़बड़ा गया और इधर उधर देखने लगा, मैं मन ही मन मुस्करायी, क्यूँकि मैं सच जानती थी । मैंने कहा की मुझे सब पता है, छि छी तुम ऐसा कैसे कर सके? अपने ही माता पिता के कमरे में झाँक रहे थे ? उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया , और उसने मेरे आगे हाथ जोड़कर बोला , प्लीज़ किसको नहीं बताना , नहीं तो मुझे बहुत मार पड़ेगी । मैंने कहा की मैं किसिको नहीं बताऊँगी । थोड़ी देर हम यूँ ही चलते रहे , फिर राज बोला , इसका मतलब तुमने मुझे नंगा देख लिया होगा? मैं मुस्करायी और दूसरी ओर देखने लगी , राज समझ गया कि मैंने सब देख लिया है , अब वो थोड़ा खुलकर बोला, जो देखा , अच्छा लगा ना ? मैं शर्मा गयी औ कुछ नहीं बोली , तभीस्कूल आ गया और हम अपनी अपनी क्लासिज में चले गए ।
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