Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
12-26-2018, 10:54 PM,
#31
RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
नाड़ा खुलते ही काले रंग की पैंटी में वो मेरे सामने खड़ी थी।

मैं अपने बेडरूम में बेड पर चढ़ गया ताकि वो भी मुझे पूरी तरह देख सके।

मैंने अपनी पैंट की जिप खोल दी और उसको बदन से अलग कर दिया। मेरा लण्ड मेरे काबू के बाहर हो रहा था और मेरे अण्डरवीयर से बाहर निकलने की नाकाम कोशिश कर रहा था।

वो अपनी पैंटी उतारने लगी और तभी उसकी नज़र मेरे ऊपर पड़ी और थोड़ा मुस्कुरा कर शरमा दी।

उसकी पैंटी उतरते ही उसकी चूत मेरे सामने आ गई।

उस पर थोड़े बाल थे जो मुझे पसंद नहीं थे, मुझे बाल वाली चूत अच्छी नहीं लगती है।

फिर मैंने उसको घूमने के लिए बोला और मैं उसकी गाण्ड को देखता ही रह गया।

फिर मैंने उसको अपने लण्ड की तरफ इशारा किया और अपना अण्डरवीयर उतार दिया।

उसके सामने 7 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लण्ड खड़ा था जो काफी कड़क और लाल हो गया था।

वो शरमा गई और उसका चेहरा एकदम लाल हो गया।

मैंने उसके सामने ही लण्ड हिलाया और उसको बोला- तू थोड़ा नीचे झुक जा ताकि मैं चूत और गाण्ड को एक साथ देख सकूँ।

उसने वैसा ही किया और मैं अपने लण्ड को सहलाने लगा।

मैंने उसको बोला- अब रहा नहीं जा रहा और किसी भी तरह मिल ! ताकि मैं तुझसे प्यार कर सकूँ।

थोड़ी देर में छत पर मिलने का वादा करके उसने कपड़े पहन लिए, मैं लण्ड हिलाता हिलाता बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा।

छत पर मिलने पर उसने मुझे एक पता बताया और अगले दिन वहाँ मिलने को कहा।

दूसरे दिन दोपहर को मैं स्वीटी के बताये हुए घर पर चला गया।

वह उसकी एक सहेली का घर था जो गाँव के थोड़ा बाहर कलोनी में था।

मेरे वहाँ जाते ही स्वीटी ने दरवाजा खोला, वो जन्नत की परी लग रही थी। काले रंग के सूट में काफी सजी हुई थी। उसके भूरे बाल उसके आँखों के सामने आ रहे थे जो उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे।
उसने बोला- राहुल, आज यहाँ इस घर में कोई नहीं है, हम दोनों बहुत सारी प्यार की बातें कर सकते हैं।

मेरे लिए बातें करना अलग बात थी, मैं तो उसको चोदने के मूड में था।
मैंने पहले पूछा- कितनी देर के लिए तेरी सहेली बाहर है?

तो उसने बोला- 4-5 घंटे तक वह नहीं आने वाली है।

मैंने मन ही मन में सोचा कि आज स्वीटी को कम से कम 2 बार तो चोद सकता हूँ।

फिर मैंने उसको बोला- कुछ ठंडा हो जाये।

वह अन्दर जा कर ठंडा बनाने में लग गई तब तक मैं जो कंडोम और उसके लिए गिफ्ट लाया था उसको गाड़ी में से निकालने के लिए चला गया।

वह ठंडा ले कर आ गई और मैंने उसको फूलों का गुलदस्ता, लव का ग्रीटिंग कार्ड और गोल्ड प्लेटिड इयरिंग व पेंडेंट दिया जो मैंने कुछ पैसे बचा कर उसके लिए ख़रीदा था।

वह उसको देखते ही मेरे गले लग गई और बोलने लगी- राहुल, आज मुझे बहका दो।

मैंने कहा- देख, मेरी और तेरी शादी मुमकिन तो नहीं है और मैं तेरा इस्तमाल करना नहीं चाहता हूँ, अगर तेरी इजाजत है तो ही मैं तुझे हाथ लगाऊंगा।

स्वीटी ने कहा- राहुल, वह तो मुझे भी पता है पर मैं तुम्हें दिल दे चुकी हूँ, मुझे तुम्हारे सिवा और किसी से अपने जीवन का पहला सेक्स नहीं करना है।

मेरे लिए यह चीज़ बहुत बड़ी थी पर यह मेरा उसूल है कि मैं लड़की को बिना उसकी मर्ज़ी के कभी छूता नहीं हूँ। अगर लड़की साथ दे, तभी सेक्स का मज़ा है वरना हम जानवर तो नहीं हैं जो कही भी लग जाएँ।
मैंने उसको सोचने के लिए 15 मिनट का वक्त दिया और बोला- मेरे लिए भी यह पहली बार है, हाँ मैंने कई ब्लू फिल्में देखी हुई हैं।

और फिर बोला- चलो ठंडा पीते हैं और बातें करते हैं।

मैंने उसको पूछा तो उसने बताया कि मेरी यह जो सहेली है उसने 2-3 बार किया है और उसने ही बताया था कि पहली बार में बहुत दर्द होता है।

मैं फिर उसकी तारीफ करने लगा, मैंने बोला- आज तुम बहुत अच्छी लग रही हो।

उसने बोला- आज के दिन मैं तुम्हारे लिए खास सज धज कर आई हूँ।

फिर मैंने उसको बताया- मुझे नीचे बाल अच्छे नहीं लगते हैं।

उसने बोला- यह मुझे पता चल गया था इसलिए आज ही मैंने मेरे सभी बाल साफ़ कर दिए हैं।

मैंने कहा- कैसे?

तो उसने बोला- उस दिन जब तुम मुझे खिड़की से देख रहे थे तब मेरी पैंटी उतारते ही तुम्हारा मूड थोडा ख़राब हो गया था।

मैंने बोला- वाह, तुम तो मुझे अच्छा पहचानने लग गई हो।

तो उसने बताया- प्यार में इतना तो पता चल ही जाता है।

करीब 15 मिनट इधर उधर की बातें करके उसने बोला- राहुल, मैं तैयार हूँ। मुझे कोई परेशानी नहीं है, तुम मेरी प्यास बुझा दो, आज तक मेरे इस बदन को मैंने किसी को छूने नहीं दिया है, मैं तड़प रही हूँ, मुझे अपना बना लो।

और ऐसा कह कर के वह मेरे गले से लिपट गई और रोने लगी।
उसको घर पर बहुत समस्याएँ थी उसकी माँ की वजह से और वह अपना दिल हल्का कर रही थी।

मैंने उसके सर को चूम लिया और उठा कर उसके लिए पानी लेने गया, फिर पानी देकर उसको अपनी गोद में बिठाया और उसके गले पर हाथ फेरने लगा।

वह थोड़ी मदहोश हो रही थी और मैं धीरे धीरे उंगली घुमा रहा था। मैंने फिर उसके दुपट्टे को अलग किया और सोफे पर बैठे-बैठे ही उसके जिस्म को अपने हाथ से मापने लगा।

धीरे धीरे मैंने उसके पीठ के ऊपर हाथ फिराना शुरू किया, वह मुझे चूमने लगी और मेरी होंठों को अपने होंठों ले लिया। हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे।

वह काफी गर्म हो चुकी थी पर मेरे लिए यह शुरुआत थी, मैं धीरे धीरे अपने हाथों को उसके वक्ष पर ले गया और कमीज़ के ऊपर से ही उसकी चूची को सहलाने लगा।
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