RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
तनु रिश्ते की मर्यादा को लांघना नहीं चाहती थी इसलिए स्वयं ही अपने मन को स्थिर करती है ।
इधर सूरज भी तनु के प्रति उसका लगाव बढ़ गया था ।दोनों शांत बैठे थे तभी तनु बोलती है ।
तनु-" कहाँ चलना है सूरज"
सूरज-" पहले मार्केट चलते हैं फिर कहीं घूमने चलते हैं"
तनु का मार्केट जाने का मन नहीं था वो आज सूरज के साथ बात करना चाहती थी शैली के बारे में इसलिए तनु घूमने का प्लान बनाती है ।
तनु-" मार्केट रहने दो कहीं घूमने चलते हैं"
सूरज-" ठीक है दीदी बताओ कहाँ चले"
तनु-' कहीं भी चलो जहां शांती हो"
सूरज अपना दिमाग दौड़ता है तभी उसे याद आता है की शहर से दूर एक झरना है जहाँ बड़े बड़े पहाड़ भी हैं ।
सूरज-" दीदी चलो झरना देखने चलते हैं"
तनु-" हाँ चलो"
सूरज गाडी तेज दौड़ता है झरना लगभग 50 किलो मीटर दूर था शहर से ।
तभी सूरज के मोबाइल पर शैली की कोल आती है । सूरज तनु की बजह से शैली की कॉल को काट देता है ।लेकिन शैली के बार बार कॉल करने पर तनु पूछती है ।
तनु-" किसकी कॉल आ रही है बात कर लो"
सूरज-" दीदी शैली का फोन आ रहा है" ये सुन कर तनु को शैली पर गुस्सा आता है ।
तनु-" कामिनि कहीं की,हेण्डस्फ्री करके बात करो, में भी सुनूंगी क्या बोल रही है वो, फोन उठाओ, बताना मत की में भी साथ हूँ"
सूरज-" दीदी वो अच्छी लड़की नहीं है आप उसकी बात मत सुनो" सूरज को पता था की शैली खुले और गंदे शब्दों का प्रयोग करती है ।
तनु-" में सुनना चाहती हूँ की वो कामिनी क्या कहती है तुम फोन उठाओ" सूरज बेचारा क्या करता बो फोन उठता है और हेण्डस्फ्री करके रख देता है ।
गाडी के शीशे बंद होने के कारण शैली की आवाज़ गाडी में गूंजती है ।
शैली-" हेलो सूरज कहाँ हो"
सूरज-"झूठ बोलते हुए) कंपनी में हूँ"
शैली-" मैंने व्हाट्सअप पर मेसेज भेजे थे तुमने रिप्लाई नहीं किया तो सोचा बात ही कर लू तुमसे" तनु सूरज की ओर देखती है,
सूरज-" वो में बीजी था" सूरज नर्वस था
शैली-" ओह्ह्ह आह्ह्ह्ह सूरज घर आ जाओ न प्लीज़ आज घर पर कोई नहीं है" शैली सिसकारी भरते हुए बोली, तनु समझ जाती है की शैली चूत में ऊँगली कर रही होगी तभी उसकी कपकपाती आवाज़ निकल रही है ।
तनु को अब बहुत शर्म भी आ रही थी की सूरज के सामने शैली की गन्दी गन्दी आवाजे सुननी पड़ रही है ।
इधर सूरज का भी बुरा हाल था ।
शैली-" क्क्क्या हुआ सूरज बोलते क्यूँ नही हो" सूरज को समझ नहीं आ रहा था की तनु के सामने क्या बोले
सूरज-" हां सुन रहा हूँ, क्या हुआ आपको कोई परेसानी है क्या"
शैली-" हाँ सूरज बहुत परेसानी है, जबसे तुम्हारा लंड चूत में घुसवाया है तबसे मेरी चूत की प्यास और बढ़ गई है, आकर इस निगोड़ी चूत की भड़ास मिटा दो सूरज" शैली शायद स्खलन के चरम पर पहुँच गई थी इसलिए उसकी आवाज़ और सिसकारी तेज हो गई । तनु शैली की सिसकारी सुनकर खुद के फैसले पर गलत साबित हुई। तनु के कहने पर ही सूरज ने फोन को हैंड्सफ्री किया था ।फोन हेण्डस्फ्री करने का सुझाव तनु का ही था उसे नहीं पता था की शैली इस तरह सूरज से बात करेगी ।
शैली की कामुक सिसकियाँ सुनकर तनु की चूत से भी कामरस बहने लगता है ।
सूरज का लंड भी पेंट में तम्बू बन गया था ।
सूरज और तनु दोनों एक दूसरे को देखते हैं तनु फोन काटने का इशारा करती है ।
सूरज-" दीदी बाद में बात करेंगे अभी व्यस्त हूँ"
शैली-" रररुक्को सुरज्जज्जज्ज में झड्डड्ड रहीं हूँ,ओह्ह्ह्ह्हो आह्ह्ह्ह्ह् सूरज i love youuuuuu, शैली झड़ जाती है, इतनी कामुक आवाज़ सुनकर सूरज की पेंट में लंड झटके मारता है और उसका वीर्य निकल जाता है । सूरज की पेंट गीली हो जाती है ।
यही हाल तनु का भी था उसकी चूत के रस से पेंटी गीली हो जाती है ।
शैली-" सूरज व्हाट्सअप पर मेरी कामुक चूत की सेल्फ़ी देखो, और हाँ अपने लंड की फोटो भेज देना प्लीज़"
शैली इतना ही बोल पाती है सूरज फोन कट कर देता है । और जोर से सांस लेता है ।
तनु भी गहरी सांस लेती है और सूरज की और देखने लगती है ।
सूरज तनु की ओर देखता है तो कभी मोबाइल की ओर ध्यान जाता है जो बार बार व्हाट्सअप पर शैली के मेसेज आने पर बज रहा था ।
तनु व्हाट्सअप पर शैली के फोटो और मैसेज देखना चाहती थी लेकिन सूरज शर्म की बजह से बोल नहीं पाती है ।
तनु और सूरज शैली की कामुक आवाज़ सुनकर असहज महसूस कर रहे थे ।
सूरज तो कुछ बोल नहीं पा रहा था तनु खामोसी को तोड़ते हुए बोलती है ।
तनु-" कितनी बत्तमीज लड़की है शर्म नाम की कोई चीज तो है ही नहीं शैली में, बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी"
सूरज से बोलती है ।
सूरज-" दीदी में तो आपसे पहले ही बोल रहा था की शैली बहुत गन्दी लड़की है"
तनु-" उसकी बातें सुनकर अच्छा ही हुआ,कमसे कम मुझे उसका असली रूप तो पता चल गया"
सूरज-" हाँ दीदी" सूरज पेंट में खड़े लंड को साइड में करता है चुपचाप ताकि तनु उसका तम्बू न देख ले, लेकिन तनु देख लेती है ।
तनु-" सूरज मेरे भाई तू शैली से बिलकुल बात मत करना वो तुझे बिगाड़ कर रख देगी" तनु सूरज को समझाती हुई बोलती है
सूरज-" दीदी आप भी तो उनके साथ रहती हो, आप भी उनके साथ मत रहा करो'
तनु-" में आज के बाद उससे अपनी दोस्ती छोड़ दूंगी"
सूरज-" हाँ दीदी वो दोस्ती के लायक नही है"
तनु-" तेरी और भी कोई गर्ल फ्रेंड हैं ? " सूरज चोंक जाता है तनु के इस प्रशन को सुनकर ।
सूरज-"नहीं दीदी, कोई नहीं है"
तनु-"शैली की जगह किसी और को गर्ल फ्रेंड बना लेना लेकिन शैली से बिलकुल बात मत करना और न ही उसके साथ कुछ करना" सूरज तनु की इस बात को सुनकर फिर से चोंक जाता है ।
सूरज-" ठीक है दीदी, में उनसे कोई मतलब नहीं रखूँगा आज के बाद" तनु खुश हो जाती है ।
तनु-" में जानती हूँ सूरज ये उम्र ही ऐसी होती है, इस उम्र में ये सब करने का बहुत मन करता होगा, लेकिन फिर भी अपने आप पर कंट्रोल रखो" तनु समझाते हुए बोलती है।
सूरज-" क्या सब दीदी समझा नहीं" सूरज गाडी चला रहा था इसलिए समझ नहीं पाया तनु की बात को।
तनु-"(शर्माती हुई) वही काम जो तू उस रात शैली के साथ कर रहा था, वो काम अब मत करना उसके साथ"
सुरज-"ठीक है दीदी नहीं करूँगा अब" तभी झरने वाली जगह आ जाती है सूरज गाडी को पहाड़ के बीच बने रास्ते पर ले जाता है और बड़े बड़े पहाड़ो के बीच गाडी रोक देता है ।तनु और सूरज जैसे ही गाडी से बहार निकलते हैं वहां का सुन्दर वातावरण देख कर खुश हो जाते हैं ।
दो बड़े पहाड़ो के बीच विशाल नदी जिसका पानी ऊँचे पहाड़ की चट्टान से गिर रहा था
जगह इतनी सुन्दर और शांत थी की घंटो बैठकर उस जगह का आनंद लिया जा सकता है । तनु तो उस झरने को देख कर खुश हो जाती है और तुरंत छोटे छोटे पहाड़ो पर चढ़कर उस झरने के पास जाकर देखती है ।
झरने का पानी जैसे ही नीचे गिरता उसकी बौछार तनु के ऊपर आती ।सूरज और तनु उस सुन्दर वातावरण को देखने लगते हैं ।
दो चार प्रेमी प्रेमिका भी आए हुए थे जो उस झरने का आनंद ले रहे थे और नदी के बहते पानी में नहा रहे थे । एक प्रकार का पर्यटन स्थल था ये झरना जहां पर सिर्फ प्रेमी प्रेमिका आकर मौज मस्ती किया करते थे ।
झरने के नीचे नहाते लोगों को देख कर तनु का बहुत मन कर रहां था नहाने का लेकिन सूरज और अन्य प्रेमी प्रेमिका के होने की बजह से शर्मा रही थी कहने में ।
सूरज-" दीदी चलो नहाते हैं"
तनु-" नहीं में कपडे लेकर नहीं आई हूँ"
सूरज-" दीदी आप चाहो तो किसी चट्टान की आढ़ में बैठ कर नहा लो, मेरा तो बहुत मन कर रहा है नहाने का, में तो नहाऊंगा"
तनु-' नहाने का मन तो मेरा भी कर रहा है लेकिन मेरे पास कपडे नहीं है" दुखी होकर बोलती है ।
तनु और सूरज घूमते घूमते झरने से दूर निकल आते हैं जहां शांत वातावरण होता है । तनु और सूरज नदी के पास एक चट्टान पर बैठ जाते हैं ।
सूरज-" दीदी यहाँ पर नहालो कोई नहीं है में दूर जाकर नहा लेता हूँ" तनु शर्म के कारण मना कर देती है ।
सूरज-" तो फिर दीदी आप बैठो में नहाने जा रहा हूँ" सूरज अपनी पेंट और शर्ट उतारता है । जैसे ही सूरज को कच्छे में देखती है तो तनु शर्मा जाती है ।सूरज फ्रेंची कच्छा पहना था जिसमे उसके लंड का उभार साफ़ दिखाई दे रहा था । तनु की नज़र सूरज के कच्छे पर लगे वीर्य के निसान पर जाती है जो अभी भी गीला सा था और सफ़ेद रंग का द्रव्य लगा हुआ दिखाई देता है । तनु समझ जाती है की ये शैली की कामुक बातें सुनकर निकाला हुआ कामरस है ।
सूरज की नज़र तनु पर जाती है जो उसके कच्छे की ओर देख रही थी सूरज शर्मा जाता है और घूम कर पानी में छलांग मार देता है । तनु अपना ध्यान हटाकर सूरज को नहाते हुए देख रही थी ।उसका बहुत मन करता है वो भी पानी में कूद जाए और तन बदन को ठंडा कर दे । सूरज पानी में तैरते हुए तनु को आवाज़ लगाता है ।
सूरज-" दीदी आ जाओ बहुत मजा आ रहा है"
तनु-" तुम ही नहाओ" तभी तनु को पिसाव लगती है वह चट्टान से उतर कर थोड़ी दूर जाती है और एक चट्टान के पास अपनी जीन्स और पेंटी खोलती है । तनु अपनी पेंटी को देखती है जो बुरी तरह से चूत के रस से गीली थी । तनु की चूत पर काले घने बाल चूतरस से भीग चुके थे पूरी चूत पानी से चिपचिपा रही थी । तनु देख कर हैरान थी की इतना पानी तो ऊँगली करने के बाद भी नहीं निकलता है । तनु बैठ जाती है एक तेज सिटी की आवाज़ के साथ मूतने लगती है । मूतने के बाद तनु जैसे ही पेंटी पहनने लगती है तभी दूसरी ओर से एक लड़की की सिसकारने की आवाज़ आती है
लड़की-" ओह्ह्ह्ह फ़क मी फास्ट, और तेज तेज करो,,, तनु समझ जाती है की जरूर यहां चुदाई हो रही है । तनु जल्दी से पेंट पहनकर चट्टान की दूसरी ओर जाती है जहां एक लड़की घोड़ी बनी हुई थी और एक लड़का अपना लंड पेल लड़की की चूत में पेल रहा था। तनु के तो होश ही उड़ गए उसकी चूत से फिर पानी बहने लगा ।तभी लड़की तेज तेज चीखने लगती है
लड़की-"चोद मेरे भाई और तेज पूरा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दे, मेरी चूत फाड़ दे मेरे भाई, अपने बच्चे की माँ बना दे मुझे, ओह्ह्ह चोदो"
लड़का-" ओह्ह्ह्ह दीदी तेरी चूत बड़ी मस्त है, मजा आ गया आज तुझे चौद कर, तू मेरे बच्चे को जन्म देना दीदी ओह्ह्ह्ह"
लड़की-" हाँ मेरे भाई तेरा बच्चा मेरी ही चूत से जन्मेगा, तेरा जीजा तो नपुसंक है, एक बच्चा पैदा नहीं कर पाया वो, आअह्ह्ह्ह्ह चोद्द्फ्फ् आह्ह्ह गई में हह्ह्ह्हो,
में झड़ गई मेरे भाई"
लड़का-" आह्ह्ह्ह्ह् दीदी मेरा पानी भी निकल गया" तनु समझ गई की लड़की शादी शुदा है इसका पती बच्चा पैदा नहीं कर पा रहा है इसलिए अपने भाई से सेक्स करवा रही है । तनु की चूत पानी छोड़ने लगती है उसका मन कर रहा था की चूत में ऊँगली डाल कर अपनी प्यास बुझा ले लेकिन तभी उसे सूरज का ख्याल आता है और उसी चट्टान पर चढ़ने लगती है ।
सूरज अभी भी नहा रहा था ।
तनु जैसे ही उसी चट्टान पर ऊपर चढ़ती है उसका पैर फिसल जाता है और नदी के बहते पानी में गिर जाती है ।
सूरज जैसे ही कुछ गिरने की आवाज़ सुनता है तो देखता है तनु पानी में गिर गई है । नदी ज्यादा गहरी नहीं थी तनु के बूब्स तक पानी था । सूरज तैरता हुआ आता है और तनु को उठाता है ।
तनु के पैर फिसलने से सीधे बहते हुए पानी में गिरती है ।
नदी ज्यादा गहरी नहीं थी । गिरने के कारण तनु पानी के अंदर गिर पड़ती है कुछ पानी उसके मुँह के द्वारा अंदर चला जाता है ।
सुरज जल्दी जल्दी तैर कर आता है और तनु को पकड़ कर उठाता है ।
तनु की कमर को पकड़ कर उल्टा झुकाता है ।जैसे ही तनु के पेट को दबाता है
तनु को एक तेज ठसा सा लगता है सारा पानी उसके मुँह से निकल जाता है ।तनु थोड़ी देर में सामान्य हो जाती है ।सुरज अभी भी उसको बाहों में थामे हुए था, तनु सूरज के नंग्न जिस्म और मजबूत बाँहों में अभी तक चिपटी हुई थी ।पहली बार किसी पुरुस के जिस्म को महसूस कर रही थी वो भी उसका छोटा भाई । तभी उसके जहन में पहाड़ो के पीछे भाई बहन की चुदाई बाला पल याद आ जाता है । तनु की सांसे तेजी से धड़कने लगती हैं उसकी चूत से पानी रिसने लगता है तनु को इसका आभास होता है वह सूरज से अलग हटती है । सूरज तो सुबह से ही शैली की बातें सुनकर गर्म हो गया था उसका लंड अभी भी अकड़ा हुआ था । तनु के जिस्म को छूकर उसका लंड कब खड़ा हो जाता है उसे पता भी नहीं चलता ।जब तनु सूरज से अलग हुई तब सूरज ने अपने लंड की अकड़न को महसूस किया । सूरज हैरान था की एक बहन को छु लेने से उसका लंड क्यूँ खड़ा हो गया । सूरज मन को नियंत्रण करता है और तनु से पूछता है ।
सूरज-" दीदी चोट तो नहीं आई?
तनु-" चोट तो नहीं आई है सूरज लेकिन मेरे सारे कपडे भीग गए, अब में भीगे कपडे पहन कर घर कैसे जाउंगी" तनु चिंतित होती हुई बोली
सूरज-" दीदी पहले आप नहा लो फिर यहीं कपडे सुखा कर घर चलेंगे"
तनु-" कपड़े सूखने में 2 घंटे लगेंगे जब तक में क्या पहन कर बैठूंगी"
सूरज-" तब तक आप पानी में नहाओ, 2 घंटे तक पानी के अंदर ही रहो'
तनु-" ओह्हो सूरज इतने ठन्डे पानी में 2 घंटे तक रहूंगी तो मेरा राम नाम सत्य जरूर हो जाएगा"
सूरज-" दीदी चलो पहले नहा लो अब भीग तो गई ही हो, कपड़ो के बारे में बाद में सोचेंगे" सूरज तनु का हाथ पकड़ कर झरने की तरफ ले जाता है । झरने के पास आते ही पानी की बौछार उसके जिस्म पर गिरने लगती है । तनु मदहोश होकर उस हसीन प्राकृतिक वातावरण का आनंद लेने लगती है । जल जंगल पहाड़ और झरना सबका एक संगम जिसको देख कर तनु बहुत खुश थी ।
जैसे ही पानी की हलकी बौछार उसके ऊपर पड़ती तनु का शारीर उछालने लगता । तनु पानी में तैरती हुई नदी के दूसरे छोर तक चक्कर लगाती है । सूरज भी पानी में तैरते हुए तनु के पास आता है और हाथ से पानी को तनु के ऊपर उछालने लगता है । तनु भी सूरज के ऊपर पानी डालती है । दोनों काफी देर मस्ती करते हैं ।
तनु-" सूरज कितना अच्छा लग रहा है पानी में और इस जगह को देखकर ऐसा लगता है जैसे धरती का स्वर्ग ये ही है"
सूरज-" हाँ दीदी ये जगह इतनी खूबसूरत निकलेगी मुझे भी पता नहीं था, किसी दिन सबको घुमाने लाऊँगा यहां पर"
तनु-" नहीं सूरज परिवार के लायक यहां का माहोल ठीक नहीं है। ये जगह देखने के लिए तो अच्छी है लेकिन यहाँ पर सिर्फ प्रेमी और प्रेमिका के लिए ही है" तनु जानती थी यहाँ पर सिर्फ कपल्स मस्ती करने के लिए आते है और पहाड़ियों के पीछे सेक्स भी करते है।
सूरज-" क्यूँ दीदी ऐसा क्या है यहाँ पर की घर परिवार के लोग नहीं आ सकते हैं?"
तनु-" अरे यार यहां सिर्फ कपल्स आते हैं और कपल्स को जहाँ जगह मिले वहीँ रोमांस करने लगते है ऐसे में परिवार के साथ ठीक नहीं है" पहली बार तनु के मुह से यार शब्द सुनकर सूरज हैरानी हुई थी लेकिन अच्छा भी लगा ।
सूरज-" हाँ दीदी ये बात तो ठीक है ये जगह कपल्स के लिए ज्यादा ठीक है, मस्ती और मनोरंजन के हिसाब से, मुझे तो यहाँ बहुत अच्छा लग रहा है, अब तो में यहाँ आया करूँगा घूमने"
तनु-" रोमांस करने आया करोगे?
सूरज-" रोमांस के लिए मेरे पास अब गर्ल फ्रेंड कहाँ है दीदी" सूरज हँसते हुए बोलता है
तनु-" गर्ल फ्रेंड चाहिए ? शैली है तो उसी के साथ रोमांस कर" तनु चिढ़ते हुए बोलती है ।
सूरज-" अरे हाँ शैली को तो भूल ही गया में" मजाक करते हुए बोलता है ।तनु चिढ जाती है ।
तनु-" बिलकुल नहीं उस चुड़ैल के साथ आया तो उसकी टाँगे तोड़ दूंगी"
सूरज-" ओह्ह दीदी मजाक कर रहा हूँ, उसके साथ नहीं आऊंगा लेकिन जब भी मेरा मन करेगा यहां घूमने का तब आप मेरे साथ जरूर आना"
तनु-" ठीक है, मुझे भी यह जगह बहुत पसंद है इसलिए में भी आ जाया करुँगी" सूरज यह सुनकर खुश हो जाता है ।सूरज तनु से मजाक करते हुए बोलता है ।
सूरज-" वैसे दीदी शैली इतनी बुरी भी नहीं है गर्ल फ्रेंड सब शैली जैसे ही होनी चाहिए जो बॉय फ्रेंड का पूरा ख्याल रखे"
तनु-" तुझे क्या पता शैली के बारे में तेरे जैसे कितने आए उसकी ज़िन्दगी में और चले गए"
सूरज-" दीदी हो सकता है मेरे जैसा कोई न आया हो अब तक" सूरज अपने मोटे और लंबे लंड पर घमंड करते हुए बोलता है ये बात तनु अच्छी तरह समझ रही थी उसे शर्म और मजा दोनों की अनुभूति हो रही थी
तनु-" हाँ ये हो सकता है लेकिन शैली बहुत गन्दी लड़की है तूने उस रात उसकी मुह से गन्दी बाते नहीं सुनी क्या?
सूरज-" कौनसी बातें दीदी" तनु को बताते हुए बड़ी शर्म भी आ रही थी की कैसे उन बातों को भाई के सामने दोहराया जाए ।
तनु-" जब तू उसके साथ वो कर रहा था तब वो तुझे भाई बोल रही थी" स्पष्ट नहीं बोल रही थी, सूरज भी सब समझ रहा था लेकिन वो जानबूझ कर तनु से मजा ले रहा था, सूरज तनु के बूब्स को देखता है टीशर्ट में जिसमे उसके निप्पल खड़े थे इसका असर सूरज के लंड पर पड रहा था ।
सूरज-" वो क्या दीदी, समझा नहीं में" तनु शर्म से मरी जा रही थी तभी तनु की नज़र सूराज के कच्छे पर पड़ती है उसका लंड खड़ा हुआ था । नदी का पानी साफ सुथरा था इसलिए उसे साफ़ साफ़ उभार दिख जाता है ।तनु भी सूरज से बात करते हुए उसकी चूत में चींटिया रेंगती हुई महसूस करती है ।
तनु-" जब तू उसके साथ सम्भोग कर रहा था तब शैली तुझे भैया बोल रही थी इसी कारण शैली मुझे पसंद नहीं है"
सूरज-" सम्भोग मतलब सेक्स कर रहा था तब मुझे तो ध्यान ही नहीं वो क्या क्या बोल रही थी" सूरज अनजान बनते हुए बोला
तनु-" तुझे कैसे पता होगा तू तो खुद उसके साथ गन्दी गन्दी बाते कर रहा था"
सूरज-" मैंने क्या बोला दीदी"
तनु-" तू भी उसके साथ सेक्स करते हुए उसे दीदी बोल रहा था, मैंने सब सुना था, कितनी गन्दी हरकत कर रहा था तू उसके साथ"
सूरज-" सॉरी दीदी मुझे पता नहीं चला, लेकिन दीदी गंदी हरकत मैंने क्या की?' सूरज का लंड झटके पर झटके मार रहा था । यही हाल तनु का भी था ।
तनु-" तू उसकी गन्दी जगह को जीव्ह से चाट रहा था" तनु बोलते हुए शर्मा रही थी ।
सूरज-" कौनसी गन्दी जगह दीदी, शैली तो बहुत साफ़ सुथरी लड़की है मैंने तो कुछ भी गन्दा देखा नहीं"
तनु-" अरे नहीं पागल तू उसकी उस जगह को चाट रहा था जहां से लड़कियां पिसाव करती हैं कितनी गन्दी जगह होती है वो"
सूरज-" आह्ह अच्छा दीदी आप इसे चाटने की बात कर रही है"सूरज तनु की चूत की और इशारा करते हुए बोला जिससे तनु शर्मा जाती है ।
तनु-" hmm बड़ा बत्तमीज हो गया है तू, शैली ने तुझे एक रात में ही बिगाड़ दिया"
सूरज-" दीदी सेक्स करते समय पता नहीं क्या हो गया था मुझे, उसकी इस जगह को चाटने में मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था" सूरज फिर से तनु की चूत की और इशारा करता है तनु की चूत से कामरस बहने लगता है।इधर सूरज भी तनु के साथ खुलता जा रहा था उसे बात करने में बहुत मजा आ रहा था अब।
तनु-" बहुत बिगड़ गया है तू सूरज शहर आकर,तेरी शादी जल्दी करवानी पड़ेगी अब" हँसते हुए बोलती है ।
सूरज-" दीदी क्या आपने उस रात पूरी रासलीला देखि थी मेरी और शैली की"
तनु सोचती हुई बोलती है
तनु-" हाँ उस रात मुझे नींद नहीं आ रही थी, में जानती थी की शैली तेरे साथ गलत हरकत जरूर करेगी इसलिए नज़र रख रही थी"
सूरज-" ओह्ह्हो दीदी आपने तो मुझे भी नंगा देख लिया और सेक्स करते हुए भी देख लिया में तो मुह दिखाने के लायक ही नहीं रहा" नाटक करते हुए बोलता है, तनु हंस जाती है ।
तनु-" खुले में ये काम करोगे तो कौन नहीं देखेगा" हँसते हुए बोलती है ।
सूरज-" दीदी एक बात पूछु?
तनु-" हाँ पूछो"
सूरज-" दीदी आपका मन नहीं करता है ये सब करने का" तनु के होश उड़ जाते हैं सूरज के इस सवाल से ।तनु सोचती हुई बोलती है ।
तनु-" हाँ मन तो करता है "' तनु शर्मा कर बोलती है ।
सूरज-" जब मन चलता है तो अपने आपको कैसे शांत करती हो" इस सवाल को सुनकर तनु हैरान रह जाती है समझ नहीं आ रहा था की क्या जवाब दे, चूत में ऊँगली या मूली डाल कर शांत करती हूँ ये कैसे बोले सूरज से।
तनु-" मुझे नहीं पता, तू मेरा भाई है तेरे सामने बोल नहीं सकती हूँ"
सूरज-' दीदी प्लीज़ बताओ न, आप मेरी प्यारी दोस्त भी तो हो आपके सामने में अपनी हर परेसानी को शेयर कर सकता हूँ तो आप क्यूँ नहीं दीदी"
तनु-" ठीक है तुझे बता देती हूँ,लेकिन ये बातें तेरे और मेरे बिच में ही रहेगी"
सूरज-" ठीक है दीदी बोलो"
तनु-" ऊँगली से अपने आपको शांत कर लेती हूँ" तनु की चूत से कामरस बहने लगता है । सूरज का भी पानी छोड़ने लगता है और सोचता है दीदी कैसे अपनी चूत में ऊँगली करती होंगी
सूरज-" दीदी उंगली तो बहुत पतली होती है उससे कैसे मजा आता होगा,
तनु-" धत् पागल कुछ भी बोलता रहता है चल अब देर हो रही है मुझे अपने कपडे भी सुखाने हैं ।
सूरज और तनु पानी से निकल कर चट्टान पर आ जाते है ।
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