RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
दोनों एक दुसरे को कैसे सकल दिखाएंगे यही सोच रहे थे ।
सूरज शर्म की बजह से बहीं सोफे पर लेट जाता है ।
शैली भी बहुत थक चुकी थी एक बार तनु की ओर देखती है की तनु गहरी नींद में सो रही थी उसे बहुत सुकून मिलता है और वह भी सो जाती है ।
सूरज रात भर सोचता रहता है उसे नींद नहीं आ रही थी यही हाल तनु का भी था ।
सुबह के पांच बजे सोचते सोचते दोनों लोग सो जाते हैं ।
सुबह 7 बजे शैली कोफ़ी बना कर तनु को जगाती है फिर सूरज को ।
सूरज और तनु की आँखे लाल थी रात में जागने के कारण नींद पूरी नहीं हो पाई थी ।
तनु और सूरज फ्रेस होकर डायनिंग टेबल पर कॉफी और नास्ता के लिए पहुचते है।
तनु और सूरज घबरा रहे थे । बहुत शर्म भी आ रही थी की दोनों एक दूसरे का सामना कैसे करेंगे ।
शैली," अरे तनु रूम में ही घुसी रहेगी जल्दी आ नास्ता कर ले, सूरज तुम भी बाथरूम से जल्दी आओ कितनी देर लगा रहे हो" सूरज बाथरूम में कपडे पहन कर शीशे में अपने आपको देख रहा था ।
अब शैली को क्या पता की तनु उन दोनों की चुदाई की रासलीला देख चुकी है । सूरज ने शैली से यह बात छिपा ली थी की तनु ने हम दोनों को देख लिया है ।
शैली के बार बार बुलाने पर में डायनिंग टेवल पर गया और चाय नास्ता करने लगा।
तनु से कैसे नज़रे मिला पाउँगा बस यही बात दिल दिमाग में बार बार गूंज रही थी ।
पहली बार शैली के हुस्न को भोगने की ख़ुशी से ज्यादा मुझे तनु के देख लेने का डर था ।जिस बहन को में सबसे ज्यादा प्यार करता हूँ उस बहन से कैसे नज़रे मिलाऊंगा।
तनु कितना प्यार करती है । हमेसा मेरा ख्याल रखती है, आज उसी बहन की नज़रो में गिर सा गया था ।
इधर तनु भी रूम में बैठी अपने आपको कोष रही थी "क्या जरुरत थी शैली और सूरज को सम्भोग करते हुए देखने की, कसूर सूरज का नहीं शैली का है जिसने सूरज को उकसाया होगा, सूरज गलत नहीं है, उसकी भी उम्र है,इस उम्र में अक्सर लड़के बहकने लगते हैं,मुझे सूरज को समझाना होगा" इसी को सोचते हुए तनु भी डायनिंग टेवल पर पहुँचीं।
तनु-"Good morning शैली and सूरज" तनु हिम्मत करके सूरज को देखते हुए बोली
सूरज तनु के सामान्य तरीके से बात करते हुए ख़ुशी होती है ।
सूरज-"good morning तनु दीदी" सूरज भी हिम्मत जुटा कर बोलता है,हालांकि तनु सूरज को बड़े गौर से देखती है ।सूरज का चेहरा मासूमियत भरा देख कर हलकी सी मुस्करा जाती है ।
सूरज को बड़ा सुकून मिलता है ।
दोनों बहन भाई चाय नास्ता करके शैली से विदा लेते है। और गाडी में बैठ कर घर की और निकल जाते हैं।
सूरज गाडी चला रहा था तनु भी आगे सीट पर बैठी रात की घटना सोच कर गुमसुम थी। सूरज भी कभी आगे देखता कभी गुमसुम बैठी तनु को देखता ।
समझ नहीं आ रहां था की तनु से कैसे माफी मांगे।
तनु भी सूरज की खामोसी को महसूस करती है, लेकिन शर्म की बजह से कुछ बोल नहीं पा रही थी ।
हालांकि सुबह शैली के सामने सामान्य होने का नाटक तनु ने बखूबी किया ताकि शैली को रात वाली बात पता न चले ।
सोचते सोचते फ़ार्म हाउस आ जाता । सूरज गाडी रोकता है तनु बिना बोले गाडी से उतर जाती है । सूरज भी फ़ार्म हाउस न जाकर सीधे नऐ घर(संध्या माँ) की और गाडी दौड़ देता है ।
तनु बहुत दुखी होती है की सूरज शायद गुस्से में चला गया ।उसे अपनी खामोसी पर गुस्सा आता है ।
इधर सूरज बहुत दुखी था तनु ने एक बार भी घर चलने के लिए नहीं बोला और बिना बोले चुपचाप चली गई ।रात वाली बात पर गुस्सा है ।
सूरज घर आकर माँ से मिलता है ।
रात भर जागने के कारण उसे नींद आ रही थी वो रूम में जाकर सो जाता है ।
इधर तनु भी पूनम और माँ से बात करके अपने रूम में सो जाकर सो जाती है ।
रात के 8 बजे सूरज की नींद खुलती है ।
सूरज नीचे जाकर खाना खाता है ।
खाना खाने के बाद सूरज रूम में चला जाता है ।
तभी उसे फिर से तनु की याद आती है ।
इधर तनु भी गुमसुम सी थी सूरज से बात करना चाहती थी लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी ।तनु अपना फोन उठाकर व्हाट्सअप पर सूरज को देखती है ।
सूरज ऑनलाइन था ।
इधर सूरज भी तनु को ऑनलाइन देखता है । तनु हिम्मत करके सूरज को hi लिख कर मेसेज भेजती है । सूरज तनु का मेसेज देखकर खुश हो जाता है ।
तनु-"hi
सूरज-" hi दीदी"
तनु-"सूरज......." हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी सिर्फ नाम ही लिख पाई
सूरज-" ??????" सूरज भी सोचता है कैसे रात वाली बात पर sorry बोलू समझ नहीं आ रहा था।
तनु-" घर क्यूँ नहीं आए सुबह" खामोशी तोड़ते हुए लिखती है
सूरज-' sorry दीदी" हिम्मत करके बोलता है ।
तनु-"?? किस बात के लिए सॉरी?
सूरज-" रात आपने मुझे उस हालात में देख लिया उसके लिए" सूरज हिम्मत करके बोलता है
तनु-" गलती मेरी थी,मुझे छुप कर नहीं देखना था"
सूरज-'" दीदी में भी बहक गया था प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो, में अपनी ही नज़रो में गिर गया हूँ" सूरज की आँख से पानी आ गया
तनु-" कोई बात नहीं है सूरज, परेसान मत हो, ये उम्र ही ऐसी होती है,अक्सर लड़के बहक जाते हैं"
सूरज-" थैंक्स दीदी,
तनु-"गलती मेरी भी थी तुम्हे शैली के घर लेकर नहीं जाना चाहिए था, वो बहुत कमीनी लड़की है"
सूरज-" दीदी रात में मुझे वियर नहीं पीनी थी, ये सब वियर के नशे में हुआ"
तनु-"हाँ उस कामिनी ने जानबूझ कर ऐसा किया होगा" तनु को शैली पर बहुत गुस्सा आ रहा था
सूरज-" दीदी गुस्सा तो नहीं हो आप मुझसे"
तनु-" नहीं भाई बस थोड़ी सी शिकायत है तुमसे"
सूरज-" बोलो दीदी,में आपकी हर सज़ा को कबूल करूँगा"
तनु-" एक बात पुछु?"
सूरज-" हाँ बोलो दीदी"
तनु-" सुरुआत तुमने की या शैली ने?
सूरज-"मतलब?"
तनु-" पहले तुमने उसके साथ कुछ किया या उसने??"
सूरज को शर्म भी आ रही थी बोलने में
सूरज-" शैली दीदी ने"
तनु-" बहुत बड़ी कमीनी है वो, में जानती थी मेरा भाई अपनी तरफ से कुछ भी ऐसा वैसा नहीं करेगा" ��
सूरज-" दीदी प्लीज़ घर पर किसी को मत बताना" ��
तनु-" पागल है ये बात भी भला बोलने की होती है, में किसी को कुछ नहीं बताउंगी"
सूरज को बड़ा सुकून मिलता है ।
सूरज-" थॅंक्स दीदी, आप बहुत अच्छी हो"
तनु-" वो तो में हूँ"हंसने ��वाली फिलिंग्स के साथ,
सूरज अब टेंसन फ्री हो गया था ।
सूरज-" दीदी आप शैली के साथ मत रहा करो वो अच्छी नहीं है"
तनु-" रात तो तुम उसे बहुत प्यार कर रहे थे,अब बुरी लड़की लग रही है"
सूरज-" दीदी रात पता नहीं ऐसा क्या हो गया था मुझे खुद पता नहीं, प्लीज़ दीदी मेरा विस्वास करो"
तनु-"तुम खुद पर कंट्रोल तो कर सकते थे, या उसकी शिकायत मुझसे कर देते, में उसे डाँट मार देती"
सूरज-'दीदी में आपसे कैसे बोलता की वो...?"अधूरी बात बोलता है ।शैली जानबूझकर अपनी चूत दिखा रही थी, गन्दी गन्दी हरकते कर रही थी ये बात तनु से कैसे बोलता
तनु-" hmmmm उसने जरूर तेरे साथ कुछ गलत किया होगा तभी तुझपर कंट्रोल नहीं हुआ, लेकिन अब अगर शैली कुछ कहे तो तुम मुझसे खुल कर बोल देना"
सूरज-" दीदी आपसे कैसे बोलूंगा"
तनु-" मुझे अपना दोस्त समझकर बोल देना"तनु जानबूझ कर बोलती है ताकि सुरज शैली की हर बात तनु को बता दे, तनु को शैली से जलन भी हो रही थी ।
सूरज-"ठीक है मेरी प्यारी दीदी,you are best sister and best friend"
तनु-" थैंक्स मेरा प्यार भाई"
सूरज-" दीदी सुबह घर आऊंगा, कल मार्केट घूमने चलेंगे ok"
तनु-" okk आ जाना"
सूरज-" okk bye दीदी
तनु-"bye bro"
व्हाट्सअप पर बात करके तनु और सूरज को बड़ा सुकून मिलता है ।
आगे कल सुबह देखते हैं नई दोस्ती में क्या क्या होता है ।
सूरज और तनु की अगली मुलाक़ात...
सूरज सुबह 8 बजे । संध्या माँ ने सूरज को जगाया ।
संध्या-' सूर्या बेटा उठो आज स्कूल नहीं जाना है क्या"
सूरज-" बस माँ थोड़ी देर और सोने दो" सूरज दूसरी ओर करवट बदल कर लेट गया
संध्या-" नहीं बाबू उठ जा मेरा प्यारा बेटा"संध्या प्यार से उसे उठाती है ।
सूरज-" माँ जब तक दीदी को उठा दो"
संध्या-" अरे बेटा तान्या तो सुबह ही आज कंपनी की जरुरी मीटिंग के लिए दिल्ली चली गई, बेचारी बहुत मेहनत करती है"
सूरज-" माँ कुछ दिन की बात और है मेरा कोर्स पूरा होते ही में तान्या दीदी की सारी जिम्मेदारी अपने हाँथ में ले लूंगा"
संध्या-"मेरा प्यारा बेटा कितना समझदार हो गया है-"संध्या सूरज के माथे को चूमते हुए बोली । सूरज संध्या माँ से बहुत प्यार करने लगा था।
सूरज बेड उठ कर फ्रेस होने के लिए बाथरूम चला जाता है । संध्या माँ किचेन में नास्ता तैयार करती है ।
फ्रेस होकर सूरज नास्ता करता है तभी उसे याद आता है की आज तनु दीदी के साथ घूमने जाना है । सूरज जल्दी से नास्ता करता है और व्हाट्सअप ओन करता है ।
व्हाट्सअप ओन करते ही बहुत सारे मेसेज शैली के आते हैं ।सूरज शैली के द्वारा भेजे गए मेसेज को खोलता है तो चोंक जाता है शैली ने अपनी बहुत सारी फोटो भेजी थी ।
शैली के मेसेज-" hi suraj
Tum to bhul hi gaye
Ek bhi msg nahi bheja tumne
Aaj ghar par aa jaayo
Koi nahi hai ghar par"
Tumhaare land ki bahut yad aa rahi hai suraj
Meri chut ki aag bujha jayo
सूरज जैसे ही मेसेज पढता है उसका लंड झटके मारने लगता है ।
शैली ने फोटो भी भेजी थी जिसमे शैली अपनी चूत में ऊँगली डाले हुए थी।
इस प्रकार की बहुत सी कामुक फोटो भेजी थी । सूरज का लंड खड़ा हो जाता है ।
सूरज शैली को कोई रिप्लाई नहीं करता है ।
और जल्दी से गाडी लेकर तनु को लेने फ़ार्म हाउस चला जाता है ।
सूरज फ़ार्म हाउस पहुचता है ।
रेखा सूरज को देख कर खुश हो जाती है ।
रेखा-" बेटा कहाँ रहता है तू,तेरी सकल देखने के लिए तरस जाती हूँ में"
सूरज-" माँ कंपनी में काम बहुत है समय नहीं मिल पाता है" तभी पूनम रूम से निकल आती है ।
पूनम-" अरे सूरज तू आ गया"
सूरज-" हाँ दीदी कैसी हो आप, आपकी पढ़ाई कैसी चल रही है"
पूनम-" अभी तो बिलकुल सही चल रही है,
सूरज-" ठीक है दीदी,मेहनत से पढ़ती रहो"
पूनम-" हाँ मेरे भाई"
सूरज-" माँ और दीदी यहां कोई परेसानी तो नहीं है आपको?"
रेखा-" नहीं बेटा ये जगह तो स्वर्ग है यहां कोई परेसानी हो ही नहीं सकती है"
सूरज-" हाँ माँ ये बात तो ठीक है"
माँ तनु दीदी कहाँ है?
तभी तनु फ्रेस होकर रूम से आती है ।
तनु-" सूरज बस 10 मिनट में तैयार हो रही हूँ" तू जब तक खाना खा ले" तनु मेक्सी पहनी थी उसके गीले बालो से पानी टपक रहा था । अभी सीधे बॉथरूम से नहा कर निकली थी ।
पूनम रेखा और सूरज बाते करते हैं जब तक तनु जीन्स और टॉप पहन कर आती है ।
पूनम-" सूरज आज कहाँ जा रहे हो"
सूरज-" तनु दीदी को आज घुमाने ले जा रहा हूँ जल्दी ही आ जाऊँगा"
पूनम-" मुझे भी कल लेकर जाना सूरज"
सूरज-' ठीक है दीदी"
तभी तनु और सूरज दोनों घर से निकल कर गाडी में बैठकर मॉर्केट की ओर निकल जाते हैं ।
तनु का नजरिया सूरज के प्रति थोडा बदल सा गया था । शैली के साथ सम्भोग करते हुए और सूरज का लंड देख कर तनु खुद हवस की आग में जली थी और खुद अपनी चूत की आग को शांत करने के लिए उसने उंगलिओ से हस्तमैथुन किया था ।
तनु उस पल को भी नहीं भुला पा रही थी जब बाथरूम में उसने सूरज के कच्चे पर लगे सूरज के लंड से निकला कामरस को उंगलिओ से लेकर चाटा था हालाँकि उसे ये पता नहीं था की वो सूरज का वीर्य है लेकिन कहीं न कहीं सूरज के प्रति उसका रवैया और नजरिया बदला था ।
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