RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
चौधरी और उसके पालतू कुत्ते रेखा के घर के सामने पहुँचे ।
चौधरी-" हरिया बुला रेखा को।
हरिया-" जी मालिक अभी बुलाता हूँ ।
हरिया रेखा के दरवाजे पर दस्तक देता है जोर-जोर से ।
रेखा अपने कमरे में लेटी आराम कर रही होती है । पूनम घर की साफ़ सफाई में लगी हुई थी ।
तनु गाँव की सहेली के घर खेलने गई थी।
पूनम दरवाजे पर जोर से थपथपाने पर सहम सी गई । उसे आभास हो गया जरूर कोई बात है ।बहार हरिया जोर जोर से रेखा का नाम लेकर बुला रहा था।
पूनम तुरंत अपनी माँ को खबर देती है की बहार दरवाजे पर कोई है ।
रेखा भी सहम जाती है तुरंत दरवाजे के पास
पहुच कर पूंछती है-" कौन है?
हरिया-"रेखा दरवाजा खोल चौधरी साहब आएं है तुझे लेखा झोखा दिखाने" इतना कह कर हरिया जोर से ठहाके मारके हस्ता है।
रेखा भयभीत हो जाती है। वह समझ गई थी की आज ये हरिया जरूर कुछ षड्यंत्र पूर्वक ही आया होगा।
विधि का विधान तो देखो आज रेखा सर दर्द के कारण घर पर ही थी और सूरज जंगल में।
रेखा तुरंत दरवाजा खोलती है ।और चौधरी साहब को प्रणाम करती है ।
रेखा-"प्रणाम मालिक! आज कैसे आना हुआ?
रेखा सहमी सी बोली। घर के अंदर पूनम दरवाजे के पीछे खड़ी छुप कर सुन रही थी।
चौधरी-"क्यूँ री रेखा बहुत बोलने लगी है तू आजकल, तू हमपे शक करे है। लेखा जोखा देखेगी तू।
चौधरी कड़क आवाज़ में बोला रेखा भी शाम गई और अंदर पूनम भी यह बात सुनकर डर गई।
रेखा-"मालिक कई वर्षो से में कर्जा चुका रही हूँ । कितना रुपया जमा कर दिया कितना बाकी रह गया।यही देखने के लिए मैंने कहा।
क्या मेरा इतना भी हक़ नहीं है की में बकाया राशि देख सकूँ?
रेखा की आवाज़ में हक़ और अधिकार की बातें सुनकर चौधरी गुस्से से लाल हो गया।
चौधरी-"तेरी इतनी हिम्मत दू हमसे हिसाब मांगेगी।80 हज़ार रुपया बाँकी है ।तेरे आदमी ने 1 लाख रुपया कर्जा लिया था ।
रेखा-"मालिक अगर 1 लाख का कर्जा लिया तो मेरे पति ने मुझे क्यूँ नहीं बताया। अगर वो कर्जा लेते तो मुझे जरूर बताते।
चौधरी यह बात सुनकर और गुस्से में आ गया।हालांकि चौधरी भी जानता था की कर्जा तो झूठ है वास्तविक सच्चाई तो रेखा को भोगने की थी।वो रेखा को मजबूर करना चाहता था शारीरिक सम्बन्ध के लिए।
चौधरी-" देख रेखा कान खोल कर सुन ले कर्जा तो तेरे आदमी ने लिया था अगर तूने नहीं भरा तो तेरे घर में लाशें बिछा दूंगा।
रेखा और पूनम यह सुनकर डर गई ।
रेखा-"मालिक थोडा रहम करो,हम गरीब लोग हैं । दो वक़्त की रोटी खानी मुश्किल है ऐसे में हम कैसे आपका कर्जा चुकाएंगे? दो बेटियां शादी के लिए तैयार है। कहाँ से शादी करुँगी?
रेखा रोटी हुई बोली। पूनम भी बुरी तरह से डर रही थी । बेचारी करे तो क्या करे।
चौधरी-" देख रेखा तेरा कर्जा तो माफ़ कर सकता हूँ लेकिन मेरी एक शर्त है? चौधरी हवस की नजरो से रेखा के जिश्म को घूरता हुआ बोला।44 की उम्र में भी रेखा का बदन एक दम् सुडौल था उसके वक्ष स्थल पहाड़ियों के जैसी दो शिखर की तरह थी।उसका सुन्दर बदन आँखे ऐसी थी मानो जन्म जन्म की प्यासी हो।
रेखा सहमी सी बोली-" बोलिए मालिक आपकी क्या शर्त है। मेरे बश का होगा तो जरूर स्वीकार करुँगी। बस इस कर्जे से मुक्ति मिल जाए हमें ।
चौधरी-"देख रेखा तेरा मर्द तो अब रहा नहीं। तेरी भी बहुत सी इच्छाएं होंगी ।
में बस तुझे एक बार भोगना चाहता हूँ।
इसके बदले में तेरी बेटियो का भी ख्याल रखूँगा ।
रेखा की आँखे फटी की फटी रह गई।
चौधरी की बात पूरी होते ही रेखा ने एक तमाचा उसके गाल पर जड़ दिया।
रेखा-"कमीने तेरी हिम्मत कैसे हुई । गरीबो की क्या इज्जत नहीं होती है।
रेखा के प्रहार से चौधरी एक दम आग बबूला हो गया। हरिया ने तुरंत रेखा के बाल पकड़ कर जमीन पर धक्का दिया।
हरिया-"शाली हराम जादी तेरी इतनी हिम्मत मालिक पर हाथ उठाया ।
हरिया ने लाते बरसानी सुरु कर दी। पूनम दरवाजे से भाग कर अपनी माँ को बचाने लगी। दो आवला नारी बेचारी क्या करती चार पहलवानो के बीच। आस पास के लोग भी तमासा देखने के लिए आ गए थे। किसी ने रेखा के पक्ष में बोलने का साहस नहीं था। तनु अपनी सहेली के घर गप्पे लड़ा रही थी ।तभी गाँव के एक लड़की ने बताया की तनु को बताया की चौधरी और उसके आदमी तेरी माँ को बुरी तरह से पीट रहें है ।
तनु डर गई और घर की और न जाकर भागती हुई जंगल की और गई जहां सूरज लकड़ी काटने जाता है।
तनु भाग रही थी उसके आँखों से लगातार गंगा जमुना बह रही थी। माँ और पूनम दीदी की चिंता भी सता रही थी ।पता नहीं क्या किया होगा उन जालिमो ने ।तनु भागती हुई जंगल पहुची और सूरज को इधर उधर देखने लगी । उसकी साँसे फूल गई थी।
तभी उसने लकड़ी काटने की आवाज़ सुनी ।
कुल्हाड़ी की आवाज़ आ रही थी । तनु उसी दिशा में सूरज को खोजने लगी।
सूरज पेड़ की डाल पर बैठा दूसरी डाल को काट रहा था । तभी उसने देखा कोई उसे पुकार रहा है। सूरज तुरंत डाल से निचे उतरा उसने देखा कोई लड़की भाग कर उसके पास आ रही है । सूरज तुरंत कुल्हाड़ी लेकर उस लड़की की तरफ भागा
सूरज जैसे कुछ नजदीक आया उसके होश उड़ गए।
सूरज-"तनु दीदी का हुआ, काहे भाग रही हो।
तनु भाग कर सूरज के पास आई। उसकी साँसे उखड गई थी।
सूरज डर गया।उसने तुरंत तनु को अपने सीने से लगा कर बोला-"क्या हुआ दीदी, इतनी डरी हुई क्यूँ हो?
तनु साँसे को स्थिर करती हुई बोली
तनु-"सूरज माँ और दीदी को बचा ले, चौधरी उन्हें मार देगा" तनु के इतना बोलते ही सूरज गुस्से से कुल्हाड़ी लेकर घर की और भागा।
इधर रेखा जमीन पर पड़ी हुई थी।हरिया एक पैर रेखा के पेट पर रखा हुआ था ।
पूनम रोटी बिलखती चौधरी के पैर पकड़ कर रहम की भीक मांग रही थी।
चौधरी-" साली ने मेरे गाल पर तमाचा मारा है । अब देखता हूँ कौन तुझे बचाता है ।
पुरे गाँव से अब चुदवाऊँगा इस रेखा को और इसकी दोनों लड़कियों को"
हरिया-"मालिक आप कहो तो दोनो माँ बेटी को यही नंगा कर देता हूँ । बहुत फुदक रही थी बहनकी लोढ़ी । हरिया रेखा को जमींन से उठाता हुआ बोला।
पूनम-"मालिक मेरी माँ को छोड़ दीजिए।
हम सारा कर्जा चुका देंगे। में आपके पाँव पड़ती हूँ " रेखा बिलखती जा रही थी लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी । लोग मूक बधिरो की तरह तमासा देख रहे थे ।
चौधरी-"रेखा को पकड़ कर उठाता है। हवस भरी नजरो से -"में तेरी माँ को छोड़ दूंगा तू मेरे साथ प्यार से एक रात सो जा।बड़े प्यार से तेरी चूत मारूँगा" चौधरी पूनम से हलके स्वर में बोला ताकि कोई और न सुन ले" पूनम फुट फुट कर रोने लगी।
हरिया की लात खा कर रेखा भी अधमरी सी हो गई थी।
पूनम चौधरी की बात सुनकर दहाड़ती हुई बोली-" चौधरी होश में रह । ईश्वर देखता होगा, तेरी बेटी भी मेरी हमउम्र की है, अपनी उम्र और इज्जत का तो लिहाज कर, अगर मेरी माँ को कुछ हो गया तो तेरी खैर नहीं है" पूनम गुस्से से दहाड़ती हुई बोली।
चौधरी गुस्से में आकर पूनम के गाल पर तीन चार थप्पड़ मार देता है। थप्पड़ इतना तेज था की पूनम के मुह से रक्त की धारा बह गई।
चौधरी-"हरिया इन दोनों माँ बेटी को नंगा कर पुरे गाँव में नंगा घुमा, साली दोनों माँ बेटी बहुत जवान लड़ा रही हैं ।
हरिया ने तुरंत रेखा की साडी को उतारने लगा । पूनम बिलख रही थी ।
हरिया ने रेखा की साडी को उतार कर फेंक दी।
अब जैसे ही हरिया ने रेखा के ब्लाउज को पकड़ा वैसे ही हरिया के सर के दो टुकड़े जमीन पर फड़फड़ाने लगे। चौधरी और उसके आदमी आँखे फाड़े खड़े के खड़े बुत से बन गए थे। जो लोग खड़े अब तक तमासा देख रहे उनमे अफरा तफरी मच गई। सब अपने घरो की ओर भागने लगे।
जैसे ही हरिया ने रेखा का ब्लाउज पकड़ा तुरंत ही सूरज भागते हुए अपनी कुल्हाड़ी से हरिया के सर में दे मारी। हरिया के सर के दो टुकड़े जमीन पर पड़े हुए थे। इतनी तेजी से सूरज ने प्रहार किया लोगों के पसीने छूटने लगे ।
पलक झकपकते ही खून की पिचकारी बहने लगी ।
पूनम ने देखा सूरज क्रोधित होकर गुस्से से चौधरी की तरफ लपका ।
सूरज-" चौधरी तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी माँ और बहनो को छेड़ने की । आज तेरी लाश जाएगी यहां से" सूरज का रोद्र रूप देख कर चौधरी भयभीत हो गया। चौधरी के दो आदमी हरिया की सर कटी लाश देख कर भाग गए । अकेला चौधरी ही बचा था ।
पूनम-" सूरज आज इस चौधरी के कुत्ते को छोड़ना मत । तुझे राखी की सौगंध है भाई।
इसने माँ को बहुत जलील किया है । बहुत शोषण किया है हम दोनों का। आज इस शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए तुझे इसका नरसंहार करना होगा भाई ।
पूनम रोती बिलखते हुए बोली ।
चौधरी की हवा खुसक हो गई थी । डर उसके माथे पर पसीना बन कर बह रहा था ।
सूरज-"चौधरी तेरे पापो का अंत हो चुका है । एक माँ की इज्जत से खेलने का दंड तुझे जरूर मिलेगा" सूरज कुल्हाड़ी लेकर चौधरी के पास पहुचा
चौधरी-"कपकपाता हुआ बोला "बेटा सूरज मुझे माफ़ कर दे । में सारा कर्जा माफ़ कर देता हूँ । मेरी जान बक्स दे"लेकिन सूरज तो अपना आपा खो बैठा था । उसे तो सिर्फ बदला दिखाई दे रहा था।
सूरज ने एक जोर का तमाचा चौधरी के गाल पर मारा । तमाचा पड़ते ही चौधरी बिलबिला उठा । लकड़ी काटने से सूरज का बदन पत्थर की तरह हो गया था ।
चौधरी जमीन पर गिर पड़ा । सूरज चौधरी को मारने के लिए जैसे ही कुल्हाड़ी उठाता है रेखा तुरंत सूरज को रोकती है।
रेखा-"सूरज ठहर जा, तुझे मेरी कसम है ।
इसको छोड़ दे, भगवान् इसे सजा देगा।
सूरज-" नहीं माँ नहीं इस कमीने ने तुम्हे बहुत लज्जित किया है । में इसको जिन्दा जमीन में गाड दूंगा ।सूरज बहुत क्रोधित होते हुए बोला, चौधरी पसीने से लथपथ हो चूका था, कभी सूरज को देखता तो कभी हरिया को देखता जो खून से लथपथ पड़ा था ।
रेखा-" नहीं सूरज । तुझे मेरी कसम..... इतना कह कर दर्द से कराह उठी रेखा और बेहोस सी हो गई ।
सूरज तुरंत रेखा की ओर भागा ।
रेखा को उठाते हुए अपने गोद में सर रख लेता है रेखा का । पूनम माँ की साड़ी को उठाकर रेखा के अधनंगे शारीर पर डाल देती है ।
चौधरी मौका देख कर भाग जाता है । सूरज उसे पकड़ने के लिए उठने लगता है तभी तनु उसे रोक लेती है
तनु-"नहीं सूरज रहने दे । पहले माँ को देख क्या हो गया है माँ को।
पूनम जल्दी से भागती हुई पानी लेकर आती है और माँ के चेहरे पर डालती है ।
गाँव के लोग अपने घरो की छत से छुप कर तमासा देख रहे थे ।तभी सूरज दहाड़ता है ।
सूरज-" तुम लोगों में इंसानियत मर चुकी है । सब के सब नपुसंको की तरह तामासा देख रहे थे । किसी ने भी आ कर बचाने का साहस नहीं किया । कान खोल कर सुन लो गांव वालो आज मेरे परिवार के साथ किया है कल तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होगा ।
सूरज की आवाज़ सुन कर गाँव वाले अपने घरो में कैद हो गए ।
रेखा को होश आ चुका था ।
रेखा-" सूरज चौधरी कहाँ गया, क्या मार दिया तूने उसे भी ?
सूरज -" नहीं माँ भाग गया साला ।
सूरज अपनी माँ को उठा कर घर के अंदर ले आता है ।
इधर चौधरी गाँव के 100-200 लोगों को इकठ्ठा कर सूरज को मारने के लिए लोगो को इकठ्ठा करने लगता है । हरिया की मौत का बदला लेने के लिए गाँव के सरपंच और सभी बुजुर्ग को इकठ्ठा कर सूरज के घर की और आने लगता है ।
चौधरी गाँव वालो को सूरज और रेखा के विरोध में कान भरने लगता है ।
चौधरी-" सरपंच जी में रेखा से अपना कर्ज मागने गया था, लेकिन रेखा ने मना कर दिया और बोली की कर्जे के बदले आप मेरे साथ सारीरिक सम्बन्ध बना लीजिए।
में भला शरीफ आदमी मैंने रेखा को तमाचा मार दिया । सूरज ने आकर हरिया की कुल्हाड़ी मार कर हत्या कर दी, बताओ मैंने क्या बुरा किया""
चौधरी ने झूठ बोलकर गाँव के लोगो को अपनी ओर कर लिया ।
गाँव के लोग जोर जोर से बोलने लगे की
रेखा बदचलन औरत है इसको गाँव से बहार निकालो बरना हमारे बच्चे बिगड़ जाएंगे।
गाँव के सभी लोग आक्रोशित होकर रेखा के घर की तरफ बड़ने लगे ।
पुरे गाँव में ये अफवाह फ़ैला दी की रेखा बदचलन है और उसकी दोनों लड़कियां भी ।
गाँव का एक शरीफ आदमी भोला भागते हुए सूरज के घर आया और उसने सारी बातें सूरज को कह दी ।
सूरज 5-6लोगों से तो लड़ सकता था लेकिन पुरे गाँव से नहीं ।
भोला की बातें रेखा और पूनम तनु ने भी सुन ली थी ।
रेखा-" सूरज अब इस गाँव से चलो कहीं और रह लेंगे । इस गाँव के लोग गरीबो की बात नहीं सुनेंगे ।
पूनम-"हाँ भैया चलो अब इस गाँव से और बेज्जती सहन नहीं होगी मुझसे ।
तनु भी रोते हुए यही बोली ।
सूरज -" चलो माँ अब मेरा भी इस गाँव में रहने का दिल नहीं कर रहा है ।
सूरज ने अपनी बहनो से कहा की जरुरत का सामान रख लो । बैग तैयार कर लो ।
पूनम और तनु ने आनन् फानन में कपडे और जरुरत का सामान बाँध लिया और घर के दरवाजे पर ताला मार कर शहर की और चल दिए ।घर के पास ही शहर को जाने वाली सड़क पर आकर एक बस में सवार होकर अपने गाँव को अलविदा कह दिया ।
जब चौधरी रेखा के के घर के पास आया तो देखा दरवाजे पर ताला लगा हुआ था ।
चौधरी-"देखा गाँव वालो रेखा अपने बच्चों को लेकर भाग गई ।
गाँव वाले चौधरी की बात का यकीन करने लगे ।
गाँव वाले-" चौधरी साहब रेखा कभी तो आएगी गाँव वापिस लौट कर आएगी ।
जब भी आएगी हम सब लोग उस बदचलन औरत से आपका बदला जरूर लेंगे ।इतना कह कर गाँव के लोग अपने घरो की ओर लौट गए ।
हरिया की लाश को ले जा कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया ।
अब देखते हैं शहर में रेखा और सूरज की ज़िन्दगी कैसे गुज़रती है....
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