RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
थका सा मैं घर पहुचा ,शहर के भीड़ भाड़ ने मुझे बहुत ही थका दिया था ,आज काजल घर में ही मौजूद थी,
मेरे आते ही उसने मेरा स्वागत एक बड़े ही मनमोहक मुस्कान से किया,और मैं बस उसे देखता ही रह गया….
यही वो औरत है जो कुछ दिनों में ही एक बिकाऊ लड़की की तरह व्यवहार करने वाली है ,ना जाने किसका बिस्तर गर्म करेगी,लेकिन वो मेरी बीवी है,जो बहुत ही मासूम है,जो मुझे इतने प्यार के देख रही थी,काजल को ये सब सहना पड़ रहा है और मैं सबकुछ जानते हुए भी उससे कोई भी बात शेयर नही कर सकता,कितनी बड़ी बदकिस्मती थी मेरी,जिसे मैं दिलोजान से प्यार करता था,जिसे मैं शायद दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करता था,जिसके एक मुस्कान से मेरी पूरी थकान दुर हो जाती ,जिसके चहरे के नूर पर मैं दुनिया की हर दौलत लुटा सकता था,उसके ही दुख को जानकर भी मुझे अनजानों से व्यवहार करना पड़ रहा था,जिसे कभी दुख ना पहुचने की कसमे मैंने खाई थी वही मेरी जान इतने खतरे में जा रही थी और मैं उसे बस देखने के सिवा क्या कर रहा हु,इंतजाम भी किया तो बस देखने का…..
उसके दर्द को देखकर कैसे मैं खुस हो पाऊंगा,एक बारी तो मेरे मन में आया की मैं सबकुछ उसे बता दु पर,अपने को बहुत मुश्किल से काबू में कर पाया,और मुस्कुराने की कोसीस में ही मेरे आंखों से कुछ बून्द गिर गए,मैं भी इंसान हु और कब तक मैं अपनी भावनाओ को काबू में रखता ……..
मेरे आंखों का पानी तो काजल के जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन थी,वो तो हर खतरे को खुद ही सहन करना चाहती थी,मुझतक कोई भी आंच आये ये उसे मंजूर नही था,और अचानक मेरी आंखों में आया पानी ???????
वो दौड़ती हुई मेरे पास आयी और मेरे गालो को अपने हाथो से सहलाने लगी…..
“जान क्या हुआ ,”उसने बहुत ही करीब से मुझे देखा वो मेरी आंखों में कोई सच तलाशने लगी थी ,
“क्या हुआ बताओ ना क्यो रो रहे हो कुछ हो गया क्या “अब तो उसका भी गाला भर गया था,
उसकी मसुमियत और मेरे लिये उसका प्यार देखकर मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई और उसके बालो में हाथ फेरता हुआ उसकी आंखों में झांका ,वो असीम प्यार से भरी हुई गीली आंखे जो मेरा दुख देख भी नही सकती थी,
“i love you जान “
मेरे मुह से फूटे वो कुछ शब्दो ने काजल को मेरे ठीक होने का कोई भी आश्वासन नही दिया
“प्लीज् बताओ ना क्या हुआ,कोई प्रॉब्लम है क्या “
“हा बहुत बड़ी प्रॉब्लम है …….”
वो सांस रोके मूझे देखने लगी,
“प्रॉब्लम ये है की ………….”
मेरी खामोशी उसके लिए जान लेवा थी
“की मुझे तुमसे प्यार हो गया है,और कुछ भी हो जाय मैं तुम्हे खोना नही चाहता “
काजल ने मुझे के अजीब नजरो से देखा उस नजर में प्यार था ,लेकिन शिकायत भी थी,और वो मुझसे लिपट गई ,
“किसने कहा की आप मुझे खो दोगे “
“मेरे दिल ने “
“झूट बोलता है आपका ये दिल ,मैं आपकी हु जान ,ये जिस्म ये सांसे ,ये मन ये रूह सबकुछ आपका है ,और दुनिया की कोई भी ताकत मुझे आपसे अलग नही कर पाएगी,मैं आपके लिए अपनी जान भी दे दूंगी….”
काजल के बातो में वो सच्चाई और प्यार था जो मेरे दिल को चीरता हुआ सीधे मेरे रूह तक पहुचा...वो मुझसे ऐसे लिपटी थी जिसे कोई सांप किसी पेड़ से ,कोई अमरबेल के लताओं की तरह उसका बदन मेरे बदन से मिल गया था….
मैं उसके सर पर हाथ फेर रहा था और अपनी आंखे बन्द किये उसके सर पर अपने सर को टिका दिया ,उसके बालो की नाज़ुकता मेरे गालो को सहला रही थी,वो सुबक रही थी ,और उसके आंसू मेरे कंधे को भिगो रहे थे,मैं उसके सर पर एक चुम्मन दिया और उसे अपने से अलग करने को उसकी बांहे पकड़ी लेकिन वो मुझसे अलग होने को तैयार नही थी मेरे होठो में भी एक मुस्कान आयी और मैं उससे लिपट गया….
कुछ देर तक हम ऐसे ही लिपटे रहे ,
वो मेरे आंखों में देखने लगी
“आपके मन में ये कहा से आया ,”उसकी प्यारी आवाज ने मुझे उसके गालो पर किस करने को मजबूर कर दिया,कितनी अजीब है काजल जब प्यार दिखाए तो इतनी प्यारी है और जब गुस्से में आये तो …..फाड़ ही देती है..
“बस मुझे कुछ काम से बाहर जाना पड़ेगा कुछ दिनों के लिए ,मैं जाना तो नही चाहता लेकिन ऊपर से बहुत ही प्रेशर है,मिश्रा जी से बात की पर वो भी कुछ नही कर पाएंगे,”
बेचारी काजल क्या बोलती ,ये प्लान तो मिश्रा का ही था,अगर मैं यहां रहता तो काजल कैसे शहर जाकर रहती,लेकिन मिश्रा को ये नही पता था की मैं उसके प्लान को समझ गया हु और वहां के इंचार्ज से बात करके सेटिंग कर चुका हु,की मैं वहां कम ही आऊंगा,काम कितना लंबा चलेगा मुझे बताया नही गया था ,और कोई जिम्मेदारी का काम भी नही था,वरुण को सम्हालने को मेरे पास रेणु थी ,बाकी डॉ ने सेटिंग कर रखी थी,मिश्रा और मैं दोनो ही एक गेम खेल रहे थे ,बस मिश्रा मुझसे कुछ कदम पीछे था.
“कितने दिनों के लिए जाओगे …”इसबार काजल ने अपना सर झुका लिया शायद उसे इस बात की ग्लानि थी की उसके कारण मुझे बाहर जाना पड़ रहा है,
“पता नही ,कोई फिक्स टाइम तो नही बताया गया है,वही से काम करने का आदेश दिया गया है,ऐसे वहां सब सेटिंग हो गई है,रखना खान सब लेकिन काश तुम मेरे साथ चल सकती ...ये होटल का काम “
काजल अब भी अपना सर नीचे किये हुई थी,उसकी आंखों से पानी की कुछ बूंदे फिर से निकल गई ,
“अपने साथ रेणु और वरुण को भी ले जाने को कह रहे थे लेकिन तुम्हारे लिए प्रॉब्लम हो जाएगी इसलिए मैं माना कर दिया”
वो अब भी सर गड़ाए थी शायद नजर मिलाकर झूट बोलना उसके लिए आसान नही था,
“नही जान आपको उनकी जरूरत पड़ेगी,और मेरी फिक्र मत कीजिये मैं कुछ दिनों के लिए होटल में शिफ्ट हो जाऊंगी,वहां भी तो हर तरह की फेसिलिटी है और गेस्ट लोगो के साथ टाइम का पता भी नही चलता.”
“जान अगर तुम्हे कोई प्रॉब्लम हो तो मैं मना कर दूंगा,भाड़ में जाय ऐसी नॉकरी “
इसबार काजल ने सर उठाया वो सचमे रो रही थी ,उसकी आंखों में पानी भरा हुआ था,वो मेरे नजर में देखने लगी,शायद इस बार वो सच बोलने वाली थी,
“क्या पता जान की आपके इस काम से इतने लोगो की जिंदगी सुधार जाय,कोई बहुत मुसिबित में होगा तो ,आपको जाना चाहिये ….”काजल ने बातो ही बातो में अपने इस मिशन में जाने की वजह बता दी थी,..
“तुम्हारे बिना कैसे रहूंगा अकेला”
वो मेरे होठो पर अपने होठो को ले आती है,
“मैं आपसे दूर ही कब रहूंगी ,”वो फुसफुसाकर बोली
उसके होठो की नरमी और महकती सांसो ने मेरे होठो का दीवार खोल दिया और उसकी जीभ मेरे होठो में धसती चली गई,वो गीले गीले होठ पंखुड़ियों से नाजुक मैं उसे बस चूसने लगा,उसके जीभ को अपने जीभ से छेड़ने लगा,वो अपना प्यार मुझपर बरसने लगी और मैं उसके प्यार की हर एक रस को अपने अंदर ले जाने दिया…….
उसके गुलाबी साड़ी से झलकता उसका यौवन शायद किसी को भी दीवाना बना देता पर मेरे लिए तो वो प्यार की एक मूरत थी जिसकी मैं पूजा करता था,हम दोनो ही अपने को एक दूसरे के होठो में दबाये जा रहे थे,मेरा हाथ उसके सर के पीछे चला गया था और उसकी बालो में फंसकर मेरी उंगलिया उसे अपनी ओर और जोरो से खिंच रही थी वही हाल काजल की उंगलियों का भी था,जब सांसे उखड़ी तब तक आंखों में आया पानी सुख चुका था और उसकी जगह एक प्यारे मुस्कान ने ले ली थी,
हम दोनो ही एक दूसरे के चहरे को देख रहे थे,
“मुझे कल ही जाना है”मैंने उसके चहरे का रंग बदलते देखा वो कुछ मायूस सी हो गई ,
“ह्म्म्म “
“तो आज रात ….”मेरे होठो की शरारत ने काजल के चहरे पर एक मुस्कान ला दी और वो मेरा हाथ खिंचते हुए सीधे बैडरूम में ले गई जैसे मुझसे ज्यादा उसे जल्दी हो ,मैंने ना ही अभी हाथ पैर ही धोया था ना ही कुछ खाया था,वो सीधे मुझे बिस्तर में ले जाकर बिठा दी,मैं उसके हुस्न को देखता ही रह गया,
पिंक साड़ी में पिंक टाइट ब्लाउज़ ,जिससे उसके तने स्तनों की सुंदरता झांक रही थी,और नंगा पेट जो दूधिया सा चमक रहा था,भरा हुआ होने के कारण वो बहुत ही कामुक लग रहा था,कमर से नीचे भी उसने बड़े सलीके से साड़ी को मोड़ा था,उसके जिस्म का हर मोड़ दिखाई दे,साड़ी में भी कमाल की हसीना लग रही थी,मांग में हल्का सिंदूर था और हाथो में कुछ चूड़ियां,चहरा ………………..
चहरे पर नजर जाते ही सब कुछ भूल जाने का दिल करता ,वो मासूमियत और प्यारी सी हँसी,बालो की कोमलता और होठो की वो शरारते,मेरी जान किसी जन्नत के हूर से कम ना थी,बड़ी काली आंखों में सब कुछ लुटाने का समर्पण वो प्यार की दरिया थी,और मैं एक प्यासा ….
वो मेरे ऊपर झुकी मैं उसके जिस्म को हाथ लगता उससे पहले ही उसने मुझहे रोक दिया और पलटकर दर्पण के पास गई,वो अपने बेग से सिंदूर की डिबिया और अलमारी से चूड़ियां निकलने लगी,पिक कलर की ही चूड़ियों से उसने अपने हाथो को भर लिया और माथे में लगे हल्के सिंदूर को उसने गढ़ा कर लिया जब वो पलटी तो उसके बाल खुले हुए थे और वो कयामत की सुंदर लग रही थी ,मेरा मुह उसे देखकर ही खुल गया जो खुला ही रहा ,वो मुझे ऐसे देखता पाकर कुछ शर्मा गई और धीरे से मेरे पास आकर मेरे सामने खड़ी हो गई,मैं मेरा सर उसकी कमर के पास था,वो नीचे देखती हुई खड़ी थी ,मेरा मुह अनायास ही उसके नंगे नाभि पर चला गया और..
“आह “
वो मेरे सर को अपने हाथो से पकड़ ली,मैं उसके पेट पर हल्के हल्के से अपने होठो को चलाने लगा,वो भी मेरे बालो को सहलाती हुई हल्के से अपनी ओर दबाने लगी,
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