RE: Chudai Story लौड़ा साला गरम गच्क्का
शास्त्री अपने हाथ में मुत्ते लौड़े को पकड़ कर घुमा घुमा कर तनु के पुरे बदन को भिगोने लगा खसक कर उसने उसके मुह पर तेज
धार छोड़ी थी जो तनु ने मुह बंद करते करते उसके नमकीन पानी का स्वाद मह्सुस कर लिया था !
था तो विभत्स , पर तनु उस चांडाल शास्त्री की इस हरकत से थरथराने लगी थी !
इतने वहशी पुरुष की कल्पना तो वो सपने में ही नहीं कर सकती थी !
पर पुरुष दो चीजों के लिए ही जीता हे -
पहला -स्त्री ,
दूसरा - अभिमान
और पुरुष तभी अभिमानी होता हे जब अपने पोरष से वो किसी सुन्दर, कोमल स्त्री के सोंदर्य मान
को अपनी हवस से कुचल दे !
खिड़की से अन्दर झांक रहा मन एक बार स्खलित हो चूका था ,पर वो अभी भी अपनी
जगह पर जडवत खड़ा था !
|