RE: Chudai Story लौड़ा साला गरम गच्क्का
" साली शादी शुदा हो कर भी लोंडिया के जेसे जींस पहनती हे ....चुतड मटका के चलती हे ....
गांड के छेद में ये खूंटा गाड कर गांड का होद बना दूंगा मादरचोद के ....साली लंड की चट्टी ....
हलक तक अन्दर ले इसे पूरा झड तक मुह में जाना चाहिए ..वर्ना रंडी तेरा मुह फाड़ दूंगा ....साली
कुत्ते की मूत मादरचोद .....तेरी माँ का भोस्ड़ा में ये बम्बू फंसा दूंगा ...!"
और वो उसके बालों को पकड़ कर उसके मुह को अपने लौड़े की तरफ दबाये जा रहा था साथ ही उसके कुल्हे भी
तेजी से आगे पीछे हो रहे थे ! लार बहकर उसके मुह को चिकना कर रही थी और उस चिकने मुलायम मुह को
शास्त्री बूर समझ कर खूब तेजी से चोद रहा था !
ऐसी बुरी तरह से की गई उसके मुह की चुदाई को महसूस कर तनु की आत्मा तक कांप गई थी !
लेकिन अपनी सुन्दरता से पंडित जी जेसे किसी सभ्य पुरुष को बौराते देख कर खुद भी मस्ता गई थी !
आखिर वो थी भी इतनी सुन्दर और कामुक की जब तक कोई उसे जानवर बन कर नहीं चोदे वो भी
तृप्त नहीं होती थी !
इसी लिए इन पति पत्नी का येही काम था किसी पुरुष को चुटिया बना कर उत्तेजित करे जिसे देख कर
दोनों मियां बीबी उत्तेजित हो जाते फिर अचानक आ कर मन उस पुरुष को ऐसे ही रख देता और घर जाकर तनु की
जानवरों की तरह चुदाई करता !
पर आज वो लेट हो रहा था शास्त्री जितना आगे कोई नहीं बढ़ा था आज तक !
आज क्या पता वो क्या करना चाहता था उसके मन को भी शास्त्री के लौड़े की मोटाई लम्बाई मंत्र मुग्ध कर रही थी !
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