RE: Chudai Story लौड़ा साला गरम गच्क्का
फिर तो शास्त्री ने तनु के लिपस्टिक से सजे मुलायम होंटो को अपने खुरदरे होंटों और दांतों से कुचलना शुरू कर दिया !
मानो किसी भिखारी को छप्पन भोग की थाली मिल गई हो !
सोचिये - वो क्या खायेगा क्या गिराएगा !
और शास्त्री तो सोच रहा था आज जो मजे लेना हे लेलो क्या पता फिर कब ऐसा मौका आये आज उसके भाग्य
पंद्रह साल बाद जागे हे !
कुछ देर होंट चुसे ,गाल चूमे फिर दोनों को कच कचा कर काट खाए !
भयानक चूमा चाटी के बाद जब शास्त्री ने उसे गोद में उठा कर चारपाई पर पटका
तब तक श्रृंगार से सजा उसका चेहरा , होटों की फेली लिपस्टिक ....जगह शास्त्री के दांतों के निशान और
उसके मुह के थूक से बुरी तरह सन चूका था !
पुरुष का किसी पागल कुत्ते की तरह ऐसा आक्रमण तनु के लिए एक नया रोमांच था !
स्त्री को भोगने के लिए ऐसा जानवर पन आज तक नहीं देखा था !
तनु डर के मारे सहम गई !
वो कुछ कुछ पछताने भी लगी थी रोमांच को पाने के लिए उसकी हालत ख़राब हो रही थी पर
बिलकुल नया हो रहा था जो आज तक उसके जीवन में नहीं हुआ था !
उसे इन्तजार था अपने पति "मन " का जो किसी भी वक़्त यहाँ आकर उसे शास्त्री के
हाथों से तितर -बितर होने से बचा लेगा !
पर उसका पति मन था कहाँ ...?
वो झोंपड़े की खिड़की के पास खड़ा होकर भीतर का भयानक नज़ारा देख कर .......
खुद उत्तेजित हो कर हस्तमैथुन कर रहा था .....!
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