RE: Chudai Story लौड़ा साला गरम गच्क्का
तभी तनु को अपनी हथेली के मध्य किसी गर्म वास्तु का अहसास हुआ !
उसने पलकों को खोल कर देखा और बस -
"उई मम्मी ...ये क्या हे ?..."
उसकी हथेलियों के मध्य शास्त्री का नो इंच का काला और विकराल मोटा मुसल जेसा लंड था जिसे उसने अपनी
लंगोट के बाहर निकाल कर तनु के हाथ में थमा दिया था !
" स्त्री की योनि को छेदने वाला ओजार .....और देहात में इसे कहते हे लोंडिया की बूर को फाड़ कर
उसकी चूत का भोसड़ा बनाकर ....उस भोसड़ी में बीज उगलने वाली मशीन ...यानि लौड़ा ....!"
शास्त्री कितना कामी पुरुष था ये उसकी भाषा से स्पष्ट था !
इस तरह की भाषा शेली कभी तनु ने नहीं सुनी थी इसलिए उत्तेजने और डर की वजह से उसके दिल
की धडकने काफी तेज हो गई थी !
" बच्चा पैदा करना चाहती हे ?...'
शास्त्री की भाषा अब सत्कार वाली नहीं दुत्कार वाली थी !
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