RE: Chudai Story लौड़ा साला गरम गच्क्का
एकाएक ,
एक कच्चा रास्ता दायीं तरफ जाता दिखाई पड़ा -
"क्या ..यहीं हे ?....." मादा ने पूछा !
" हाँ .....!"
और कर उस कच्चे रास्ते पर हिचकोले खाती आगे बढ़ गई !
ये आंवले का एक सघन बाग़ था !
हर तरफ चांदनी मिश्रित अंधकार और सन्नाटा पांव पसारे खर्राटे ले रहा था !
लगभग पांच मिनिट बाद -
"यहीं वाला घर हे ...!" नर की आवाज़ !
सामने दायीं तरफ आंवले के बाग़ में झोंपड़ी नुमा एक मकान बना हुआ था !
इकलोता लकड़ी का दरवाज़ा बाद था पर खिड़की से लालटेन की श्रीर्ण रौशनी बाहर तक
लहरा रही थी !
प्रकाश की किरने कांप रही थी !
स्पष्ट था , हवा धीरे धीरे सरसरा रही थी !
कार को कच्चे रास्ते पर छोड़ कर वे दोनों प्राणी बाहर निकले !
नर के हाथ में टार्च थी , और मादा के कंधे पर लेडिज बेग झूल रहा था !
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