RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
दीदी-मज़ा आया भाई,,,,,,,,,,
मैं--हाँ दीदी बहुत मज़ा आया,,,,,,,,,
भाई तेरे को चूत मे ज़्यादा मज़ा आता है मेरी या गान्ड मे,,,,,,,,
मुझे तो आपकी चूत ऑर गान्ड दोनो मे मज़ा आता है दीदी लेकिन गान्ड मे कुछ ज़्यादा ही मज़ा आता है,,
मुझे भी भाई तेरे इस मूसल को चूत मे लेने से ज़्यादा गान्ड मे लेने मे आजा आता है,,,,
मैं-सच मे दीदी,,,,,,,,,,
दीदी-हाँ मेरे भाई,,,,,,,,,,,तेरा ये बड़ा मूसल जब गान्ड की दीवारों को रग्गड़ता हुआ अंडर बाहर होता है तो इतनी मस्ती चढ़ती है कि क्या बताऊ तुझे,,,,,,,तेरे इस मूसल ने तो मुझे इतना पागल कर दिया है कि अब बुआ के वो नकली ऑर छोटे लंड लेने को दिल ही नही करता,,,,,दिल करता है कि तेरे ही इस मूसल को चूत गान्ड ऑर अपने
मुँह मे लेती रहूं,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--दीदी एक बात पुछु,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--पूछो मेरे राजा भैया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--आपने कभी मेरे लंड के अलावा कोई ऑर लंड का मज़ा भी लिया है क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी कुछ देर सोचने लगी,,,,,,हाँ लिया है ना भैया बुआ के उस नकली लंड का,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--,नकली नही दीदी मैं असली लंड की बात कर रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--नही भाई असली लंड तेरे सिवा ऑर किसका लेना,,,,बाहर जाके लंड लेने से डर लगता है बदनामी का मुझे इसलिए तो तेरे लंड की दीवानी हूँ मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--दीदी बाहर की नही अपने घर की बात कर रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी कुछ देर चुप रही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--बोलो ना दीदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--नही भाई तेरे अलावा किसी का लंड नही लिया आज तक ऑर भला लेती भी तो किसका लेती,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--क्यू दीदी भाई है ना,,,आपका दिल नही किया कभी भाई का लंड लेने को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--नही सन्नी ये तो बुआ के साथ रहने से मुझे चुदाई के बारे मे पता चला था ऑर बुआ ने ही छोटे लंड से मेरी सील खोली थी उस से पहले कभी दिल नही किया था लंड लेने को लेकिन अब दिल करता है,,,,लेकिन अब क्या फ़ायदा अब तो भाई बाहर चला गया है,,,,,वैसे मेरी बात को छोड़ तू बता तेरा कभी दिल किया मेरे ऑर बुआ के अलावा घर की किसी औरत को चोदने क लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,मैं भी कुछ देर चुप रहा,,,,,,,,,सोचा कि इसको बता दिया कि मैं माँ को चोदता हूँ तो पता नही क्या बोलेगी ऑर मुझे शक था ये भी डॅड से चुदाई करती है क्यूकी बुआ ने पूजा ऑर मनीषा की चुदाई करवा दी थी डॅड से तो लाजमी बात थी दीदी भी बुआ के पास रहती थी ज़्यादा टाइम तो हो सकता था दीदी भी डॅड से चुदाई करती हो,,,,,,
मैं--दीदी मेरा दिल तो करता है चुदाई करने को लेकिन डरता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--अच्छा किसकी चुदाई करने को दिल करता है मेरे भाई का,,माँ की चुदाई करने को,,,,,,,,,,,,,,
मैं--क्या बोल रही हो दीदी मैं भला माँ के साथ ये सब कैसे कर सकता हूँ,मेरा दिल तो सोनिया के साथ चुदाई करने को करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी-क्यू अगर तू मेरे ऑर बुआ से चुदाई कर सकता है तो माँ के साथ क्यू नही,,,ऑर अब तो तेरा दिल सोनिया की चुदाई को भी करने लगा है तो भला माँ की चुदाई से क्यूँ डरता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--माँ से डर लगता है दीदी लेकिन दिल भी करता है,,सोनिया से डर नही लगता ऑर चुदाई का पूरा पूरा दिल करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--देख सोनिया के साथ तो मैं कुछ नही कर सकती लेकिन तुम बोलो तो माँ के साथ मैं तुम्हारा खेल शुरू करवा सकती हूँ,,,लेकिन अगर तुम बुआ को इस बारे मे कुछ नही बताओ तो,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--माँ के साथ कैसे शुरू कर सकती हो तुम दीदी,,,ऑर सोनिया के साथ क्यूँ नही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी-देख सन्नी माँ को तैयार कर सकती हूँ इस बात का मुझे यकीन है लेकिन सोनिया के साथ तू सोचना भी नही वो तेज छुरि से बात भी करना मुश्किल है इस बारे मे,,,,,,,,
दीदी सच कह रही थी सोनिया थी ही इतने गुस्से वाली कि सब डरते थे उस से,,मैं भी,,,,,,,,,,,,,,,
मैं---तो ठीक है दीदी आप मेरे लिए माँ को तैयार करो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--बदले मे मुझे क्या मिलेगा सन्नी,,,,,,,,
मैं--जो भी आप चाहो दीदी
दीदी-तो ठीक है तू भी मेरे लिए किसी बड़े मूसल का इंतज़ाम कर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--बड़े मूसल का ,,वो कैसे दीदी मैं बड़े मूसल का इंतज़ाम कैसे करूँ,,ऑर किसके मूसल की बात कर रही हो आप,,,,,,,,,,
दीदी-मैं तोतेरे को इंतज़ाम करने को बोल रही हूँ फिर वो मूसल किसी का भी हो,,,,,बस बदनामी नही हो,,,,,,,,अब तू देख तेरी नज़र मे कोई मूसल है क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--ऐसा तो फिर एक ही मूसल है दीदी ,,मैने अपने मूसल की तरफ इशारा किया ऑर दीदी हँसने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--ये अब तेरा नही मेरा मूसल है सन्नी जो अब रात भर मेरी चूत मे रहने वाला है इतने मे ही दीदी ने मेरे लंड को मुट्ठी मे पकड़ लिया ओर सहलाना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,,,,
मैं--,दीदी क्या आप सच मे माँ को मेरे लिया तैयार कर सकती हो,,,लेकिन कैसे दीदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--वो मेरी टेन्षन है अब तू बाकी बातें छोड़ ऑर एंजाय कर
दीदी ने जल्दी से लंड को फिर से मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उस रात मैने दीदी को सुबह 6 बजे तक 4 बार चोदा ऑर सुबह अपने रूम मे जाके सो गया..........
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