RE: Nangi Sex Kahani नौकरी हो तो ऐसी
मैं उसके निपल को मूह मे लेके मस्त चूस रहा था उधर प्रिन्सिपल ने अपनी छोटी बेटी रीना के मूह मे अपना लंड घुसेड के उसकी मस्त मुख चुदाई
चालू कर दी थी.. .. बाकी के दो शिक्षक रीना के दूध को अपने दोनो हाथो से पकड़ के मस्ती मे दबाए जा रहे थे....
मैं : "और तुम्हे क्या मिलता है ...."
रचना : "मुझे हाहाहा..... मुझे बहुत सारा मज़ा और कभी कभी सज़ा... कभी कभी तो 5-6 आ जाते है और मुझे कही खेत मे ले जाते है...
और इतना चोदते है साले कि मेरी जान निकलने को होती है....पर तब भी मैं नही रुकती चोदे जाती हू.... फिर सब ठंडे पड़ जाते है..."
अब मेरे धक्को की गति इतनी तेज हो गयी कि मुझे पता ही नही चला कि कब मैं चरम सीमा तक पहुचा और अपने रस की फुवारो को
रचना की चूत मे भर दिया.....
इतनी मस्त चुदाई के बाद दिल और दिमाग़ एकदम फुर्तीला नौजवान महसूस कर रहा था पर मेरा पूरा शरीर अब अकड़ने लगा था....
मेरी तरफ देखते हुए प्रिन्सिपल बोला "और मज़ा आया ..."
मैं "मज़ा तो बहुत आया और अब तो आता ही रहेगा... आप चिंता मत करना अभी.... आपका कर्तव्य करने मे मुझे अभी कोई भी बाधा नही आएगी..."
और मैने कपड़े पहेन लिए, रचना और रीना को गाल पे मस्त चूम लिया..... "और चलता हू फिर मिलते है " कहके पूरे दिन के बारे मे सोचते हुए हवेली की तरफ निकल पड़ा.
क्रमशः.......................
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