RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
रात की बात सोचते सोचते कब नींद आ गई , पता नहीं चला की क्या रमेश ने मुझे जेठ जी के साथ चुदाई करते देखा था ! मैं सुबह उठकर चाय लेकर भैया के पास गई , भैया जाग चुके थे ! मैंने रात की बात भैया को बताई , भैया सोच में पड़ गए , कहा कि मैं देखता हूँ !उसके बाद चाय के साथ मैंने रमेश को उठाया , मुस्कराते हुए उठते हुए उसने मुझे बाँहों में लेकर किस किया और और अपने ऊपर खींच लिया ! मैं रमेश के ऊपर लेटी थी और हम दोनों किस कर रहे थे , धीरे धीरे मैंने अपने चूत के ऊपर रमेश के लौड़े को अनुभव किया जो अब खड़ा हो रहा था ! रमेश में अचानक आये बदलाव से मैं खुश थी , पहले ऐसा नहीं होता था , एक बार चुदाई के बाद हम हफ्ते तक दूर ही रहते थे ! अभी चुदाई का वक़्त नहीं था, रमेश को दफ़्तर भी जाना था , और अधूरी चुदाई के बाद मुझे चैन नहीं आता , सो मैंने दूर होना ही ठीक समझा और रमेश को जोरदार किस के साथ अलग होकर घर के काम में लग गई ! भैया और रमेश अपनी अपनी चाय लेकर गार्डन में बैठ कर बातें करने लगे ! पता नहीं दोनों क्या बातें कर रहे थे , मेरे वहां जाते ही बात बदल देते थे !
रमेश के दफ्तर जाते ही मैं जेठ जी के कमरे में आ गई , वो मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे ! बिस्तर पर उनकी बाँहों में घुस कर मैंने चुम्मियों कि बौछार कर दी ! थोड़ी देर कि चुम्मा चाटी के बाद हम बातें करने लगे ! भैया के हाथ मेरी ब्लाउज के अंदर घुसे हुए थे और मेरी चूचियों से खेल रहे थे !
भैया : तुम्हारा शक सही था ,वो रमेश ही था !
मैं : क्या ? मैं शर्म से पानी पानी हो रही थी , रमेश ने मुझे जेठ जी के साथ चुदाई करते हुए देखा था !
भैया : देखो , उसके अंदर अब बहुत चेंज आ रहा है , वो जल्दी ठीक हो जायेगा ! एक घंटे के अंदर उसने दो बार अपने लण्ड से पानी निकाला, इसका मतलब है कि वो अब शारीरिक रूप से बिलकुल फिट है , सिर्फ तुम साथ दो तो वो बिलकुल नार्मल हो जायेगा !
मैं : वो कैसे ? मैं क्या कर सकती हूँ ? आप बताइये , रमेश के लिए तो मैं जान भी दे सकती हूँ !
भैया : देखो , तुमको किसी और से चुदते देखकर उसमे बहुत उत्तेजना आ जाती है , और उसको मज़ा आता है ! अब हमें करना ये है कि उसके सामने चुदाई करनी है , और जहाँ तक हो सके उसको भी अपनी चुदाई में शामिल करना है !
मैं : ये कैसे हो सकता है , मैं ये नहीं कर सकती !
भैया : देखो सोनी , मेरी उम्र अब ढल रही है , और मैं यहाँ रहता भी नहीं ! तुम्हें अब चुदाई कि आदत पड़ गई है , अपना पति ही ठीक कर लो,नहीं तो इधर उधर मुंह मारोगी !
मैं सोच में डूब गई, क्या मैं ऐसा कर पाउंगी ? अकेले अकेले तो मैं दोनों भाई से चुदवा लेती हूँ पर क्या इकट्ठे चुदवा पाउंगी ! पर मैंने सोच लिया कि चाहे जो हो जाये अब मुझे अपने पति को ठीक करना है ! बातों बातों में भैया मेरी ब्लाउज उतार चुके थे , और साड़ी भी ! पैन्टी और ब्रा मैंने पहनी नहीं थी , सिर्फ पेटीकोट में रह गई ! भैया पेटीकोट उठा कर मेरी चूत में मुंह मारने लगे ! पहले से गीली चूत को चाट चाट के साफ़ किया और चूत कि परतें खोल खोल के जीभ को अमृत पान कराने लगे ! चूत चाटते हुए भी वो मेरी चूचियों को मसलना नहीं भूले थे , और लगातार मसल मसल कर चूचियों को लाल कर दिया था ! मैं भैया के लंडपान को तरस रही थी , भैया ने मेरी इच्छा समझते हुए 69 कि मुद्रा ली और लण्ड मेरे मुंह में ठूंस दिया ! उधर भैया मेरे चूत को चाट और चूस रहे थे और मैं लण्ड को मुंह में ऊपर नीचे कर रही थी !कभी उनके पूरे बदन को सहलाती और कभी उनके गोलियों को सहलाती और मुंह में भी लेती ! एक बार में एक गोली मुंह में मुस्किल से आती थी , मैं गोलियों को चाट चाट कर साफ़ कर रही थी ! कमरे में पुच्छ पुच्छ कि आवाज़ गूंज रही थी , हम बिलकुल मस्त हो गए थे ! हमें आधे घंटे से ऊपर हो गया था लण्ड और चूत चूसते चुसवाते ! अब भैया लेट गए और मुझे लण्ड पर बैठने को कहा !मैं धीरे धीरे लण्ड को चूत के अंदर लेती रही और भैया भी हल्का हल्का धक्का लगाकर चूत को अंदर तक हिला दिया ! हलके धक्के से शुरुआत हुई , मैंने भैया को चोदना शुरू कर दिया !थोड़ी ही देर में लण्ड चूत में बिना किसी रुकावट के सटा सट जाने लगा ! मैंने स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी , भैया चुप चाप लेट कर मेरी चुचियो को मसल रहे थे और घुंडियों को भी बेदर्दी से मसल रहे थे !लगातार चोदते हुए और अपनी स्पीड बढ़ाते बढ़ाते मेरा जोश अब जवाब दे रहा था और मैं हांफने लगी थी ! तभी बिस्तर के कोने में रखा मेरा मोबाइल बज उठा ! हम डिस्टर्ब नहीं होना चाहते थे इसलिए भैया के लण्ड पर धक्का लगाते लगाते , कॉल काटने के लिए मैंने मोबाइल उठाया ! नाम देखते ही मेरे होश उड़ गए , मेरे बड़े भाई राहुल का फ़ोन आ रहा था लंदन से ! मैंने जेठ जी को बताया , भैया ने फ़ोन उठाने को कहा ! मैंने अब धक्का लगाना बंद कर दिया था , और फ़ोन उठा कर हेलो कहा ! जेठ जी ने नीचे से धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया !
राहुल :कैसो हो सुमन बहन ?
मैं : ठीक हूँ , आप कैसे हैं , कैसे फ़ोन किया इतने दिनों बाद ?
राहुल : मैं ठीक हूँ , तुम हांफ क्यों रही हो ?
मैं : वो ..वो...सीढ़ियां चढ़ रही हूँ , लिफ्ट ख़राब है !
राहुल : अच्छा , एक खुशखबरी है , मैं कल दस दिनों के लिए दिल्ली आ रहा हूँ ,कंपनी का काम है !
मैं : अरे वाह ये तो बहुत बड़ी ख़ुशख़बरी दी आपने, मज़ा आ जायेगा, भाभी को भी ल रहें हैं ना !
राहुल : नहीं बहन , ऑफिस का टूर है ! चलो फिर आ के बात करते हैं , बाय !
मैं : बाय राहुल !
मुझे बड़ा अजीब लग रहा था भाई से बात करते करते ! कैसे बताती कि जेठ जी से चुद रही हूँ , इसलिए हांफ रही हूँ ! जेठ जी ने हमारी बातों के दौरान भी मेरी चूत में धक्के लगाने जारी रखे , और मुझे मसलते भी रहे !मुझे उलझन में देख जेठ जी ने मुझे अपने ऊपर झुका लिया और ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगे ! मैं भी अपने भाई को भूल कर , पति के भाई के साथ चुदाई में डूब गई ! अब हमारे बीच कम्पटीशन चल रहा था ! भैया दो धक्के लगाते तो मैं वापस दो धक्के लगाती ! भैया तीन तो मैं तीन वापस करती ! ताल से ताल मिला मिला कर चुदाई को हमने संगीतमय बना दिया था ! हम दोनों ही थक चुके थे , भैया की पकड़ से लग रहा था कि अब वो छूटने वालें हैं , मैं भी चुदाई करते करते ठीक से भइया के ऊपर लेट गई ! भाई ने अपने को पूरा कंट्रोल किया और मुझको बाँहों में जकड़ते जकड़ते उलट गए ! अब मैं नीचे थी और वो ऊपर थे ! उसके बाद तो भैया अपना पूरा जोर लगाकर लण्ड 100 कि स्पीड में भगा दिया , बिना किसी ब्रेक के ! आज लगता था कि भैया मेरी गांड के रास्ते लण्ड बहार निकाल देंगे , क्योंकि वो चोद तो मेरी चूत रहे थे और दर्द गांड में होने लगी थी ! सटा सट लण्ड पेलते हुए जेठ जी ने एक झटका लिया और उनके लण्ड ने मेरी चूत में उलटी कर दी !गरम वीर्य के धार बच्चेदानी तक पहुँच रही थी , मैं भी इस चुदाई कि आखिरी पिचकारी भैया के लण्ड पर मार कर जवाब दे रही थी !चूत के अंदर भारीपन आ रहा था , भैया ने लबालब भर दिया था, मेरी चूत को अपने वीर्य से ! हममें अब बात करने या कुछ और करने की ताक़त नहीं बची थी ! भैया ने सात आठ बार झटके देकर अपने लण्ड से वीर्य की एक एक बूँद निचोड़ दी और हम दोनों निढाल होकर एक दूसरे कि बाँहों में सो गए !
शाम को मैंने रमेश को बता दिया कि कल भैया दस दिनों के लिए आने वाले हैं , इसलिए वो और जेठ जी बिलकुल स्वाभाविक व्यवहार करें ताकि उनको जरा भी शक न हो कि हमारे आपस में क्या सम्बन्ध हैं ! हमने एक साथ ही डिनर किया और डिनर टेबल पर ही जेठ जी ने बात साफ़ कर दी कि जब हम तीनों जानते हैं कि हमारे आपस में शारीरिक सम्बन्ध हैं , तो तीनो एक साथ क्यों नहीं सोते ! जेठ जी ने मुझे पहले ही बता दिया था कि रमेश को ज्यादा से ज्यादा उत्तेजित रखने के लिए ये जरुरी है ! रात में हम तीनों ने खाना खाने से पहले शराब ले ली थी ! मैंने तो दो ही पैग लिए थे पर रमेश ने चार और जेठ जी ने तो छह पैग लगा लिए थे !हम तीनो एक ही बेडरूम में आ गए थे , रमेश ने हल्का म्यूजिक लगा दिया था ,और हम दोनों एक दूसरे कि बाँहों में हल्का हल्का डांस करने लगे ! भैया बेड पर आकर बैठ गए थे , और हमारा डांस देख रहे थे ! डांस करते करते मैं बहुत उत्तेजित हो रही थी , बीच बीच में जब रमेश जब आगोश में लेकर चुम्मी लेते थे तो जांघों में खड़े लौड़े का अहसास होता था !शराब के नशे में मैं भूल चुकी थी कि जेठ जी भी इसी कमरे में है ,और रमेश को मैंने जेठ जी के सामने कभी चूमा नहीं था ,और न ही कभी उसकी बाँहों में आई थी ! माहौल गरम होता गया और मेरी साड़ी , ब्लाउज और पेटीकोट भी उत्तर गयी ! सिर्फ ब्रा और पैंटी में ऐसे लग रहा था जैसे मैं कैबरे कर रही हूँ ! डांस करते करते रमेश ने मुझे जेठ जी के ऊपर धक्का दे दिया, मैं सीधा जेठ जी कि गोद में गिरी ! जेठ जी ने मुझे बाँहों में ले लिया और किस करने लगे , एक हाथ से उन्होंने मेरी चूची थम ली और एक हाथ से मुझे सहारा दे रखा था !रमेश भी अब बेड पर आ गए थे और मेरी ब्रा खोलकर अलग कर दी ! जेठ जी ने मुझे अपने गोद में बिठा रखा था , चुम भी रहे थे और एक चूची भी दबा रहे थे ! दूसरी चूची पे रमेश ने अपना मुंह लगा दिया और छोटे बच्चे कि तरह चूसने लगा !मैं पिघली जा रही थी , चूत से रस कि धार निकल रही थी , पैंटी का गीलापन भैया ने महसूस किया और एक हाथ मेरी पैंटी में घुसेड़ दी और मेरी चूत को ऊँगली से कुरेदने लगे ! अब मेरे लिए मुश्किल हो रहा था , मुझे हर हाल में लण्ड चाहिए था, मैं छटपटाने लगी ! जेठ जी समझ गए कि मैं तैयार हूँ , वो थोड़ा फ़ैल गए और मुझे अपने पूरे बदन पर फैला लिया ,मेरी गांड के नीचे उनका लण्ड था जो अब धीरे धीरे गरम हो रहा था ! उन्होंने रमेश को मेरे ऊपर आकर चोदने को कहा ! रमेश मेरे ऊपर लेट गए और लण्ड को मेरी चूत में डाल दिया ! बहुत हल्का सा अहसास हुआ कि मेरे चूत में कुछ गया है , वो धक्का मारने लगे , अब जेठ जी मेरी गांड और चूत के बीच की जगह को सहलाने लगे ! रमेश शायद इस तरह की चुदाई को झेल नहीं पाये और बीस तीस धक्कों के बाद ही निढाल हो गए ! रमेश अब मेरे ऊपर से उठकर अलग लेटकर आगे का तमाशा देखने लगे ! जेठ जी ने अपना अंडरवियर उतारा और उसी पोजीशन में लण्ड घुसा दिया और चोदने लगे ! मेरी चुदाई अब सही तरीके से हो रही थी और चूत में शांति आ गई थी !
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