RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
"देखो शुमैला तेरे भाई के जिस्म पे कैसे प्यारे कट्स हैं." मम्मी ने शुमैला
का हाथ पकड़ के मेरे चेस्ट पे रख दिया. शुमैला का दिल ऐक बार ज़ोर से धड़का
लेकिन उस ने हिम्मत नही छोड़ी और हल्के हल्के अपना गर्म गर्म हाथ मेरे चेस्ट पे
फैरने लगी. मे अब रेलेक्ष था मेरा लंड आहिस्ता आहिस्ता फूलने लगा था. तभी
मम्मी ने मेरे पैट पे हाथ फेरते हुए मेरे सेमी एरेक्टेड कॉक को ट्राउज़र के
उप्पेर से ही पकड़ लिया और बोली, "आरएे क्या केरते हो!! जवान बनो, चलो ये भी
उतारो."
और मम्मी ने मेरा ट्राउज़र भी उतार दिया. मेने हल्का सा खुद को उठा कर ट्राउज़र
उतारने मे मम्मी की मदद की. अब मे दोनो के दरमियाँ बिल्कुल नंगा बैठा था.
शुमैला की नज़ारे मेरे सेमी एरेक्टेड लंड पर थीं जो कि मम्मी के हाथ मे
था. उस का दिल अब और भी ज़ोर से धरकने लगा था.
"आमिर बेटा इस को बड़ा करो." मम्मी ने कहा.
"मम्मी आप खुद ही कर लो ना, आप को तो आता है ना." मेने मम्मी की तरफ
देखते हुए जवाब दिया.
"बड़ा होशयार हो गया है मेरा बेटा. चल तू लेट जा हम खुद ही कर लेते हैं
इस को बड़ा." मम्मी ने मुझे कंधे से पकड़ कर लिटा दिया और खुद मेरी टाँगो की
तरफ आ गई और शुमैला का हाथ जो अभी तक मेरे सीने पे था पकड़ कर मेरे
लंड पे रख दिया.
"पाकड़ो इसे!!! आज से ये तुम्हारा है."
और शुमैला ने मेरा लंड हाथ मे ले कर मुट्ठी बंद कर ली. उसे लगा के जैसे
उस ने कोई गर्म गर्म रोड पकड़ लिया है वो काफ़ी सख़्त हो रहा था और झटके ले
रहा था. मे शुमैला के हाथ की नर्मी और गर्मी अपने रोड पे महसूस कर के और
भी हार्ड होने लगा.
"ऐसे करो जान." मम्मी ने शुमैला का हाथ पकड़ के मेरे लंड पे ऊपर नीचे
किया और शुमैला अपने हाथ को हल्के हल्के अप्पर नीचे केरने लगी और मेरे लंड
की रगो को अपने हथेली मे महसूस केरने लगी.
"मम्मी ये तो बोहत बड़ा है." शुमैला ने आहिस्ता से सेरगोशी की.
"हां, और मज़े का भी." मम्मी ने शुमैला की आँखो मे देखा और थोड़ा सा
झुक कर मेरे हार्ड राक लंड के हेड पे किस की और मेरे पूरे बदन मे करेंट
सा दौड़ गया.
"चलो बेटी अब तुम्हारी बारी." मम्मी ने शुमैला को कहा और शुमैला ने ऐक
नज़र मेरी तरफ देखा. मे सिर उठा कर उस की तरफ ही देख रहा था.
शुमैला बहुत अच्छी आक्टिंग कर रही थी शरमाने की. साली कई दिन से मेरा लंड
चूस रही थी पर आज मम्मी के सामने बेचारी शर्मा भी रही थी इसलिए लग
रहा था जैसे सबकुच्छ आज पहली बार हो रहा है. शुमैला ने शेरमाते हुए
जल्दी से मेरे तने हुए लंड के सिर पे किस कर दी.
"शाबाश." मम्मी ने कहा. "अब तो तुम दोनो की शरम उतर गई ना."
"मम्मी मे अकेला ही नंगा रहूं गा क्या?" मेने मम्मी से पूछा.
"नही हम भी उतरने लगे हैं कपड़े तुम परेशान कियूं होते हो, ये लो बाबा."
और मम्मी ने अपनी कमीज़ ऐक झटके से उतार दी और उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ
उछल कर बाहर आ गयी.
"चलो बेटी उतारो इसे." मम्मी ने शुमैला की कमीज़ पकड़ कर कहा.
"मुझे शर्म आती है आप ही उतारो." शुमैला ने नज़रे झुकाते हुए कहा.
"ओह! हो अभी भी शर्म, लाओ इधर आओ ज़रा." और मम्मी ने शुमैला की कमीज़ भी
उतार दी. शुमैला ने बाज़ू उपर कर के मम्मी की हेल्प की.
"गुड!" मम्मी ने कहा और उस की कमर पे हाथ लेजा कर उस की ब्रा भी खोल दी.
अब शुमैला की गोल गोल पर्फेक्ट तनी हुई 32 साइज़ की चूचियाँ बाहर आ गईं.
मम्मी ने दोनो पे हाथ फेरा और कहा, "लो ज़रा मेरी ब्रा तो खोलना." मम्मी ने
अपनी कमर शुमैला की तरफ की.
और उस ने मम्मी की ब्रा खोल दी. अब दोनो के जिस्मो पे सिर्फ़ शलवार थीं.
मे कमरे की ब्लू रोशनी मे दोनो की चमकती हुई चूचियाँ देख रहा था.
"लो मेरे राजा तुम इन से खेलो हम इस से खैलते हैं." मम्मी ने शुमैला की ऐक
चूची को पकड़ कर मेरे सामने कर दिया और मेने हाथ बढ़ा कर शुमैला की
चूची को पकड़ लिया और दबाने लगा.
क्रमशः………………………..
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