RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
"ज्जज्ज मम्मी ववव वह मन..."
"हां हां बोलो बेटी शरमाओ मत."
"जी मम्मी मन तो करता है..."
"क्या मन करता है खुलकर पूरी बात बताओ."
"जी मम्मी मन करता है कोई लड़का मुझे पकड़कर खूब चूमे और इनको.."
"हां बेटी बोलो." मम्मी ने हौसला दिया.
"मम्म मन करता है कोई इनको पकड़ कर दबाए और चूसे." शुमैला ने अपनी
चूचियों को पकड़ कर शरमाते हुए कहा.
"पगली तो इसमे इतना शरमाने की क्या बात है. इस उमर मे तो यह मन करता ही
है. तुम्हारे भले के लिए कह रही हूँ. तुम अपने भाई को अपने खूबसूरत बदन
को दिखाओ तो अगर वह फँस गया तो तुमको कहीं बाहर जाने की ज़रूरत नही होगी."
"जी मम्मी क्या करना होगा?"
"पहले तो तुम जाओ और कोई छ्होटे कपड़े पहनो जिसमे कुच्छ दिखे."
फिर वह अपने रूम मे जा पुराने कपड़े पहन आई. सफेद शलवार जंपर था.
शलवार कसी थी और जंपर भी कसी थी और दोनो चूचियाँ कसकर बाहर को
रही थी और ऊपर से दिख रही थी. वह पास गयी तो मम्मी ने उसे पकड़ कहा,
"हां अब ठीक है, जब भाई आए तो उसके सामने ही बैठना और पैरों को
फैलाना जिससे उसे तुम्हारी चूत की झलक दिखे और चूचियों को ज़रा और
बाहर निकाल लेना जा."
फिर जब शाम को मे पहुँचा तो शुमैला ने मुझे देखा और पास आई तो मेने
उसकी चूचियों को पकड़ कहा, "हाई शुमैला कितनी प्यारी लग रही हो इन कपड़ों
में हाई सब दिख रहा है."
"भाई जान मम्मी ने पहनाए है ये कपड़े, कहा है अपने भाई को दिखाओ अपना
माल."
"हाई तेरा माल तो देख भी चुका हूँ और चख भी चुका हूँ, रानी आज तो
तुम्हारा पूरा मज़ा लूँगा, आज अपनी बहन की जवानी को खुलकर चोदुन्गा."
"भाई जान हटो भी आप तो मुझे चोदे बिना नही मनोगे?"
"अरे यार मम्मी भी चाहती है कि तुम अपनी चुद्वाओ मुझसे तो क्यों शरमाती है?"
"जी नही भाई जान मम्मी तो बस इतना चाहती हैं कि मे आपको दिखाऊ और थोड़ा
बहुत दबवाकर मज़ा लूँ. आई बात समझ मे अब जाइए और रात को मेरे रूम
मे आना हो तो मुझे इनकार नही."
फिर वह इठलाती हुई चली गयी. मे मम्मी के पास गया और पूछा तो मम्मी
बोली, "काम बन रहा है, जल्दी मत करो आज रात चोद लेना अपनी बहन को."
फिर सब नॉर्मल होने लगा. वह मुझे देख देख इठला रही थी. खैर रात के 11
बजे मे उसके रूम मे गया तो वा बेड पर लेटी कोई बुक देख रही थी. मे
उसके पास गया तो वह बुक रख मुझे देखने लगी. मे पास गया और उसको पकड़
कहा, "आज क्या कर्वओगि?"
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