RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
माँ बेटा ओर बहन-6
गतान्क से आगे…………………
रात को वापस आया फिर सबलोगो ने खाना खाया और फिर शुमैला बर्तन धोने लगी
तो मम्मी ने मुझसे कहा, "बेटा आज तू अपनी बहन की लेगा, तुझे उसके सामने अपनी
मम्मी तो अच्छी नही लगेगी."
"ओह्ह मम्मी आप कैसी बात करती हो, आप तो पहले हैं और शुमैला बाद मे.
आज आप अकेले सो जाओ आज शुमैला को कोशिश करके चोद लूँ तो फिर कल आपको."
"ठीक है बेटा अगर वह ना माने तो ज़बरदस्ती मत करना, अगर वह डर गयी तो
तुम्हारा काम बिगड़ जाएगा, जितना करवाए उतना करना बाकी मे कल तुम्हारा पूरा
काम बनवा दूँगी."
फिर मम्मी शुमैला से बोली, "बेटी मे सोने जा रही हूँ, तुम बर्तन धोकर
सोना, आमिर बेटा जाओ तुम भी सोओ जाकर."
"आप चलिए मम्मी मे ज़रा टीवी देखूँगा."
फिर मम्मी चली गयी तो मे किचन मे घुस गया और शुमैला के पिछे खड़ा
हो उसकी गांद मे लंड लगाया. वह अपनी गांद को मेरे लंड पर दबाती मुझे
देख मुस्करती बोली, "ओह्ह भाई जान क्या है, जाइए आप टीवी देखिए मे काम कर
रही हूँ."
"तुमको रोका किसने है हाई आज तो मेरी ज़िंदगी का सबसे अच्छा दिन था और अब
रात भी सबसे हसीन होगी."
"क्यों भाई जान?"
"हा आहह आज रात मेरी खूबसूरत जवान बहन मेरे साथ बिस्तर पर होगी ना
इसलिए." और उसकी चूचियों को पकड़ा.
"ओह्ह भाई जान चलिए हटिए, आप चलिए मे आती हूँ."
"मेरे साथ ही चलना हाई यार जल्दी धो बर्तन और चलो देख ना यह कितना
तड़प रहा है." और अपने लंड पर हाथ लगाया.
वा मेरी पॅंट को देखते बोली, "ओह्ह भाई जान आप चलिए फिर मेरी चूस्कर इसे
सही कर लीजिएगा."
"तुम तो बस अपनी चूचियों को ही चुस्वाति हो शुमैला यार अब बहुत चूसी है
तुम्हारी चूचियाँ अब अपनी चूत चटवाना." और उसकी चूत छूने की कोशिश की
तो वह मेरा हाथ हटाने लगी.
"भाई जान मुझे अपनी चुसवाने मे बहुत मज़ा आया था." वह मेरा हाथ अपनी
चूचियों पर रखती बोली.
"अरे यार तुम एक बार अपनी चूत को अपने भाई से चटवाकर तो देखो चूचियों
से ज़्यादा मज़ा चूत मे होता है." मेने कसकर चूचियों को मसला.
"भाई जान आप कहते है तो सच होगा लेकिन मुझे बहुत डर लगता है." वह अपनी
चूचियों को देखते बोली.
"अच्छा तू एक बात बता, तुझे अपनी चूत चट्वाने मे क्या डर लगता है?"
"व्व वह वो भाई जान...."
"हां हां बताओ ना."
"ज्ज्ज्जई भाई जान वा मुझे मेरा मतलब है मुझे शरम आती है." उसने सर
झुकाया.
"पगली शरम क्यों लगती है?" मेने उसके चेहरे को हाथो से पकड़ अपनी ओर
किया.
"आप मेरे भाई है ना." उसने यह कहते हुए मुझे देखा और सर फिर झुका लिया.
मे उसके गालो को पकड़ उसके होंठो को चूम बोला, "अरे यार शरमाने की क्या
बात जब चूचियों को चुस्वा चुकी हो और चूत दिखा चुकी हो तो क्या शरम.
चल पगली अब मुझसे शरमाने की कोई ज़रूरत नही. चलो अब चलते है."
फिर मैने उसे गोद मे उठाया तो वह मेरी गोद से उतरते हुए बोली, "ओके भाई जान ठीक
है आप जैसे चाहे वैसे मज़ा लीजिएगा अपनी प्यारी छोटी बहन का पर आप
छोड़िए तो."
"अब क्या है?"
"आप अपने रूम मे चलिए मे वही आती हूँ."
"शुमैला तुम्हारे रूम मे चलते हैं ना?"
"भाई जान मेरे रूम मे अटॅच टाय्लेट नही है, आपके रूम मे टाय्लेट है ना,
वरना टाय्लेट के लिए बाहर आना पड़ेगा."
"अच्छा ठीक है जल्दी आना."
फिर मे अपने रूम मे आया और बेड पर लेट गया और अपनी बहन के आने का
इंतेज़ार करने लगा. मे लेटा हुआ अपनी मम्मी के बारे मे सोच रहा था कि
बेचारी मम्मी आज अकेले तड़प रही होगी. तभी दरवाज़े पर आहट हुई तो मेने
देखा और देखता ही रह गया.
दरवाज़े पर शुमैला खड़ी थी. उफ्फ कितनी हसीन लग रही थी वह. उसके बदन
पर एक सफेद झीना सा छ्होटा कुर्ता था जो उसकी कमर तक ही था और अंदर ब्लेक्ज
ब्रा पहने थी. नीचे भी वह केवल काली पैंटी पहने थी और कुच्छ नही. उसने
मेक-अप भी किया था. होंठो पर लाल लिपस्टिक थी और आँखों मे काजल और
पर्फ्यूम भी लगी थी. मे उसे पागलों की तरह देखता रहा. अपनी छ्होटी बहन को
तीन सेक्सी कपड़ो मे देख सबकुच्छ भूल गया.
जब मे उसे देखता रहा तो वह मुस्काराकार बोली, "भाई जान अब देखते ही रहिएगा
या अंदर आने को भी कहिएगा."
मे उसकी बात सुन बेड से उतर उसके पास गया और दरवाज़ा बंद कर उसे गोद मे
उठाया और फिर बेड पर लिटाया और उसके पास बैठ उसे देखने लगा. वह इस तरह
अपने आपको देखता पा मुस्कराती हुई बोली, "क्या बात है भाई जान अब देख भी
चुको."
"शुमैला मेरी जान क्या बात है यार इस वक़्त तू बहुत प्यारी लग रही है मन
कर रहा है कि देखता ही रहूं."
"भाई जान अब देखना बंद करिए, कल पूरा दिन देख लीजिएगा, अब जो करना हो
करिए मुझे सोना है और सुबह कॉलेज जाना है."
तब मेने उसके होंठो को कुच्छ देर तक चूसा. वह भी मेरे होंठो को चूस्ति
रही फिर मेने उसके कुर्ते को उतारा और ब्रा को अलग किया तो दिन मे जी भरकर
चूसी गयी दोनो चूचियाँ ऊपर को तनी तनी मुझे ललचाने लगी. मेने दोनो
हाथो से शुमैला की दोनो चूचियों को पकड़ा फिर धीरे धीरे सहलाने लगा.
मे चूचियों को सहलाते हुए शुमैला को देख रहा था. वह भी मुझे ही देख
रही थी और मुस्करा भी रही थी.
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