RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
मा बेटा ओर बहन-3
गतान्क से आगे…………………
मे मम्मी की बात सुन वापस आ टीवी देखने लगा. थोड़ी देर बाद शुमैला आई तो
मेने कहा, "क्या हुआ शुमैला खाना रेडी है?"
"जी भाई जान खाना मम्मी बना रही हैं."
"अच्छा तो आ तू टीवी देख."
वह मेरे पास आ गयी तो मेने उसे अपनी बगल मे बिठा लिया. इस बार मे चुप
बैठा टीवी देखता रहा. 5 मिनट बाद वह बार बार पहलू बदलती और मुझे
देखती. मे समझ गया कि अब सही मौका है. तब मेने उसके गले मे हाथ
डाला और बोला, "बहुत अच्छी मूवी है."
"जी भाई जान."
फिर उसे अपनी गोद मे धीरे से झुकाया तो वह मेरी गोद की तरफ झुक गयी. तब
मेने उसे अपनी गोद पर ठीक से झुकाते कहा, "शुमैला आराम से देखो टीवी मम्मी
तो किचन मे होगी?"
"जी भाई जान ठीक से बैठी हूँ." शुमैला यह कहते हुए मेरी गोद मे सर
रख लेट गयी.
वह टीवी देख रही थी और मे उसकी चूचियाँ. तभी उसने मुझे देखा तो मे
ललचाई नज़रों से उसकी चूचियों को देखता रहा. वह मुस्काई और फिर टीवी की
तरफ देखने लगी. अब वह शर्मा नही रही थी. तब मेने उसकी कमीज़ को नीचे
से पकड़ा और नीचे की तरफ खींचा. वह कुच्छ ना बोली. मे थोड़ा सा और
खींचा तो उसकी चूचियाँ ऊपर से झाँकने लगी. अब मे उसकी गदराई कसी
चूचियों को देखता एक हाथ को उसके पेट पर रख चुका था. हमलोग 3-4 मिनट
तक इसी तरह रहे.
फिर वह मेरा हाथ अपने पेट से हटाती उठी तो मेने कहा, "क्या हुआ शुमैला?"
"कुच्छ नही भाई जान अभी आती हूँ."
"कहाँ जा रही हो?'
"भाई जान पेशाब लग आई है अभी आती हूँ करके."
वह चली गयी और मे उसकी पेशाब करती चूत के बारे मे सोचने लगा.
तबी वह वापस आई तो उसे देख मे खुश हो गया. उसने अपनी कमीज़ का ऊपर का
बटन खोल दिया था. मे समझ गया कि अब वह मेरी किसी हरकत का बुरा नही
मानेगी. वह आई और पहले की तरह मेरी गोद मे सर रख टीवी देखने लगी. मेने
फिर चुपके से हाथ से उसकी कमीज़ नीचे करी और फिर धीरे से उसके खुले
बटन के पास हाथ लगा कमीज़ को दोनो ओर फैला दिया. मे जानता था कि वह
सब समझ रही है पर वह अंजान बनी लेटी रही. जब कमीज़ को इधर उधर
किया तो उसकी आधी चूचियाँ दिखने लगी. वह अंदर बहुत छ्होटी सी ब्रा पहने
थी जिससे उसके निपल ढके थे.
मे समझ गया कि मैं अब कुच्छ भी कर सकता हूँ वह बुरा नही मानेगी. फिर भी
मेने पहली बार की वजह से एकदम से कुच्छ भी करने के बजाए धीरे धीरे ही
शुरुआत करना ठीक समझा. फिर एक हाथ को उसकी रान पर रखा और 4-5 बार
सहलाया. वह चुप रही तब मेने उसकी कमीज़ के दो बटन और खोल दिए और अब
उसकी ब्रा मे कसी पूरी चूचियाँ मेरी आँखों के सामने थी. अब मेरी गोद मे
मेरी 17 साल की बहन शुमैला लेटी थी और मे उसकी चूचियों को ब्रा मे
देख रहा था. ब्रा का हुक नीचे था जिसे अब मे खोलना चाह रहा था.
मेने दो तीन बार उसकी पीठ पर हाथ ले जाकर टटोला तो मेरे मंन की बात
समझ गयी और उसने करवट ले ली. तब मेने उसकी ब्रा का हुक अलग किया. फिर उसका
कंधा पकड़ हल्का सा दबाया तो वह फिर सीधी हो गयी और टीवी की तरफ देखती
रही. मे कुच्छ देर उसे देखता रहा फिर ब्रा को उसकी चूचियों से हटाया तो उसने
शर्मा कर अपनी आँखे बंद कर ली.
उसकी दोनो चूचियों को देखा तो देखता ही रह गया. एक गुलाबी रंग की बहुत
टाइट थी दोनो चूचियाँ और निपल एकदम लाल लाल बहुत प्यारा लग रहा था.
मे उसकी चूचियों को देख सोच रहा था कि सच इतनी प्यारी और खूबसूरत
चूचियाँ शायद कभी और नही देख पाउन्गा. वह आँखें बंद किए तेज़ी से
साँसे ले रही थी. मेने अभी उसकी चूचियों को च्छुआ नही था केवल उनका
ऊपर नीचे होना देख रहा था. चूचियों का साइज़ बहुत अच्छा था, आराम से
पूरे हाथ मे आ सकती थी. मम्मी की चुचियो के लिए तो दोनो हाथो को लगाना पड़ता था.
मेने उससे कहा, "शुमैला."
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