RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
चॅप्टर 2 :-
16थ जनवरी 2008 :- पिछले 2 दिन की छुट्टी में भूल ही गया था आज मेरा इंटरव्यू है.. ना तो मैने कंपनी प्रोफाइल देखा, ना तो उसकी कोई प्रेपरेशन की.. पिछले 2 दिन सिर्फ़ वीडियो गेम में ही निकले.. सुबह को तैयार होके मैं अनिल के घर पहुँचा.. जल्दी, अनिल और मैं मेडम के दिए हुए अड्रेस पे पहुँचे और उस आदमी से मिले.. उसका नाम था मेहुल
"ये जॉब हार्ड सेल्स की है.. हार्ड सेल्स जानते हो, घर घर जाके डेमॅट, म्यूचुयल फंड, इन्षुरेन्स बेचना है.. बेच पाओगे" मेहुल ने हम से पूछा...
"उः.. नहीं सर, आइ डोंट थिंक सो.." कहके अनिल पीछे हट गया
"आंड यंग मॅन.. तुम करोगे...." मेहुल ने मुझे देख पूछा..
"हां सर, कभी किया नहीं है, आपको नालेज देना पड़ेगा.. इफ़ यू आर रेडी तो आइआम ऑल्सो रेडी" मैने कॉन्फिडेंट्ली जवाब दिया
"ओके गाइस.. तुम्हारा स्टाइपंड 10,000 पर मंथ होगा.. इन्सेंटीव्स का मैं बाद में एक्सप्लेन करूँगा.. आप बाहर वेट कीजिए , मैं आपको थोड़ी देर में बुलाता हूँ" कहके मेहुल ने हमे बाहर भेजा
बाहर आते ही मैं इधर उधर देखने लगा.. बहुत ही बड़ी ऑफीस, लोग बहुत हलचल कर रहे थे.. लड़के लड़कियाँ सब थे... जैसे ही अनिल और मैं बाहर आके सोफा पे बैठे, मेरी नज़र एक लड़की पे गयी.... येल्लो कलर का शिफ्फॉन टॉप, लाइट ब्लू कलर की जीन्स.. बाल खुले हुए, एक दम सिल्की ब्राउन कलर.. उसके कान में दो मीडियम साइज़ के झुमके थे, नाक में रिंग पहनी थी.. पिंक कलर के उसके होंठ... उसकी स्माइल, मार डालने वाली थी.. उसे देखा तो बस उसे ही देखता रह गया मैं... उसे देखते ही मेरे दिल की धड़कन रुक सी गयी.. यूँ लगा काश हमारे आस पास के सब लोग रुक जाए, और बस सिर्फ़ हम दोनो ही रहें अकेले... वो बस यूही हँसती रहे और मैं उसे देखता रहूं...
"सुन रहा है ना तू मुझे" कहके अनिल ने मुझे अपने ख़यालों से निकाला
"हुहम.. क्या हुआ.. हां रुक, बोल" मैं अनिल से कहने लगा
"क्या रुक, बोल... हार्ड सेल्स कभी की है, साले लग जाएगी हमारी.. " अनिल ने मुझे चेतावनी दी
"अनिल... अगर वो यहीं काम करती है तो मैं ज़िंदगी भर यहीं रहूँगा यार..." मैने अनिल को वो लड़की दिखा के बोला
"वेल यंग बॉय.. हियर ईज़ युवर ऑफर लेटर.." मेहुल ने अनिल और मुझे देख अपनी भारी आवाज़ में कहा
"ओह.. यस, थॅंक यू सर... " मैने अपनी नज़रें नीची करके कहा, मुझे लगा शायद उसने हमे देख लिया
"आंड, बाइ दा वे.. निधि.... कम हियर प्लीज़... " मेहुल ने उस लड़की को बुलाया जिसे में कब से देख रहा था
जैसे जैसे निधि आगे आ रही थी, मेरे दिल की धड़कन तेज़ होती जाती.. एक पल तो ऐसा लगा कि कहीं मेरी धड़कन रुक ही ना जाए... निधि अब मेरे और अनिल के पास आ गयी थी
"यस अंकल..." निधि ने मेहुल को देख के कहा
"निधि, ही ईज़ भारत.. ही विल बी वर्किंग ऐज आ सेल्स पर्सन हियर.. इनको यहाँ का स्ट्रक्चर समझाओ और कोई दिक्कत हो तो कॉल मी.. ओके यंग मॅन, सी यू सून" कहके मेहुल वहाँ से चला गया... जैसे ही मेहुल गया, निधि ने एक बार फिर अपनी स्माइल फ्लश की, उसकी वो किल्लर स्माइल मुझे बार बार घायल कर रही थी... मैं अभी भी अपने ख़यालों में खोया हुआ था कि तभी निधि ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और कहा
"हाई... आइ आम निधि शाह... वेलकम.."
"हाई... आइ आम निधि शाह... वेलकम" निधि ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा, पर मैं तो अभी तक उसकी स्माइल से हुए उसके गालों के डिंपल्स में खोया हुआ था
"अबे..हाथ मिला भाई....कहाँ खो गया साले" अनिल ने मेरे कान में कहा
"हा..अहन्न.. यस... आइ अम भारत" मैने हड़बड़ा कर निधि से हाथ मिलाया
"भारत.... ?" निधि ने पूछा
"भारत... जस्ट भारत" मैने स्माइल के साथ कहा
"हही... ओके.. कम वित मी, भारत, आइ विल शो यू अराउंड" कहके निधि आगे बढ़ी और मैं उसके पीछे पीछे जाने लगा.. करीब 15 मिनट मैं और निधि ऑफीस में साथ थे.. निधि ने काफ़ी कुछ बताया लोगों के बारे में, काम के बारे में, पर मेरा दिमाग़ ब्लॉक हो गया था.. दिल में बस एक ही बात थी, एक ही चेहरा था.. निधि...
ऑफीस के कुछ लोगों से मिलके, काम काज देख के, मैं और निधि वापस रिसेप्षन के पास आ गये जहाँ अनिल मेरा वेट कर रहा था..
"ओके भारत... सी यू टुमॉरो देन.. बाइ..." कहके निधि पलट के जाने लगी
"ऊह.एक्सक्यूस मी मिस..निधि.." मैने पीछे से निधि को बुलाया
"यस, बोलिए.." निधि पलट के फिर मेरे पास आई
"यू आर वेरी प्रेटी..." ना चाहते हुए भी मेरे दिल में जो आया मैने निधि से बोल दिया
"सी यू टुमॉरो..." कहके निधि ने हल्की स्माइल दी और वापस अपनी जगह पे चली गयी...
"चल भाई... " अनिल ने मेरा हाथ पकड़ के कहा..
"अनिल... ये लड़की को मैं तेरी भाभी बनाउन्गा..." मैने वापस जाती हुई निधि को देखके कहा.
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