Porn Hindi Kahani रश्मि एक सेक्स मशीन
12-10-2018, 01:53 PM,
#1
Star  Porn Hindi Kahani रश्मि एक सेक्स मशीन
रश्मि एक सेक्स मशीन -1

"हेलो… रश्मि" मेरे एडिटर की आवाज़ सुनते ही मैं सम्हल गयी.

" हां बोलिए" मैने अपनी ज़ुबान पर मिठास घोलते हुए कहा. मेरा चीफ एडिटर हरीश से मेरा वैसे भी छत्तिस का आँकड़ा था. वो बुरी तरह चिढ़ता था मुझसे.

"तुम्हे जगतपुर जाना है. अभी इसी वक़्त." उसके ऑर्डर करने वाले लहजे को सुन कर दिल मे आया की सामने होता तो दो चार गलियाँ ज़रूर सुनाती. साला अपने आप को मालिक से कम नही समझता.

" क्यों? उसे शायद मुझ से इस तरह के क्वेस्चन की ही उम्मीद थी, आपको मालूम ही है कि मैं कुच्छ दिनो के लिए छुट्टी पर जाना चाहती हूँ. ऐसा कौन सा अर्जेंट काम आ गया जो मेरे सिवा किसी से नही हो सकता?”

" तुम्हे जगतपुर के स्वामी त्रिलोकनंद का इंटरव्यू लेना है. कुच्छ लोक प्रतिनिधियों ने उस आश्रम मे चल रहे कुच्छ गड़बड़ की तरफ इशारा किया है. हम चाहते हैं कि आश्रम मे अगर कुच्छ ग़लत हो रहा है तो हमारे अख़बार मे सबसे पहले छपे." उसके लहजे मे चीनी के दाने के बराबर भी मिठास नही थी. वो मुझे एक जर-खरीद गुलाम की तरह ऑर्डर पर ऑर्डर दिए जा रहा था, “ मैं तो इस काम के लिए रोमीत को लगाना चाहता था मगर मालिकों का हुक्म है तुम्हे लगाने के लिए. पता नही उन को कैसी ग़लत फ़हमी है कि तुम बहुत काम की जर्नलिस्ट हो. हाहाहा…….”

" क्या?.......मैं इस प्रॉजेक्ट के लिए पूरी तरह से तैयार हूँ." मैं खुशी से उच्छल पड़ी. काफ़ी दिनो से मैं स्वामीजी का इंटरव्यू लेना चाहती थी. बहुत सुन रखा था उनके बारे मे. बहुत ही आकर्षक व्यक्तित्व के आदमी है, उनकी वाणी सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं वग़ैरह…वग़ैरह…... जगतपुर जो कि हमारे शहर से कोई 30किमी दूर एक छ्होटा सा गाओं था वहाँ काफ़ी लंबे चौड़े जगह मे उनका आश्रम बना हुआ था.



उनके भक्त पूरे देश मेफैले हुए थे. उनके आश्रम की देश भर मे कई शाखाए, थी. एक आश्रम तो ज़िंबाब्वे मे भी था. बहुत इनफ़्लुएनसियाल आदमी थे. बहुत दूर दूर तक उनकी पहुँच थी. काफ़ी बड़े बड़े लोग, मिन्सटरस, खिलाड़ी इत्यादि उनसे परामर्श लेने जाते थे. लोग उन्हे स्वामी जी के नाम से ही पुकारते थे.



बीच बीच मे दबी ज़ुबान मे कभी कभी उनके रंगीले स्वाभाव के बारे मे भी कई तरह की अफवाह फैल जाती थी. लोगों को कहते सुना था कि कोई औरत उनसे एक बार मिल ले तो फिर उनसे दूर नही रह सकती थी. औरतें उनका समिप्य पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती थी. उनके साथ एक बार सेक्स का आनंद लेने के लिए वो सब कुच्छ दाँव पर लगा सकती थी. वो जिंदगी भर उनकी छत्र छाया मे रहने को तैयार हो जाती थी. उनके मर्द शिष्यों से ज़्यादा संख्या उनकी महिला शिष्याओं की थी.


"उनके बारे मे डीटेल्ड कवरेज करना है तुम्हे." चीफ एडिटर हरीश ने आगे कहा. "कम से कम चार पाँच वीक का मॅटर हो जिसे हम एवेरी सनडे स्पेशल बुलेटिन मे जगह देंगे. वो जल्दी आदमियों से घुलता मिलता नही है. इसलिए तुम्हे चुना गया है. तुम खूबसूरत और सेक्सी हो साथ ही पूरी टीम मे सबसे समझदार भी हो.” मैं उसे मन ही मन गलियाँ दे रही थी. साले को आज मुझसे काम पड़ा है तो देखो काए तारीफों के पुल बाँधे जा रहा है.



“ये एक दिन का काम नही है. इसके लिए तुम्हे वहाँ कई दिन डिवोट करना होगा. दिस ईज़ अप टू यू वेदर यू स्टे देर ओर विज़िट हिम एवेरी डे. ज़्यादा दूर तो है नही. तुम्हे पेट्रोल का खर्चा मिल जाएगा. बट वी नीड दा होल कवरेज. सुबह से शाम तक. स्वामीजी के बारे मे हर तरह की बातें पता करनी है. कुच्छ प्रवचन भी कवर कर लेना. सुन रही हो ना मेरी बातें? या…." उसने मेरी प्रतिक्रिया देखने के लिए अपनी बात अधूरी ही छ्चोड़ दी.

"यस….यस सर. मैं सुन रही हूँ. मैं आज से ही काम पर लग जाती हूँ."

" आज से ही नही अभी से. युवर टाइम स्टार्ट्स नाउ." कहकर उसने फोन रख दिया.



ज़रूर बुड्ढ़ा गाली निकाल रहा होगा कि मैने उनको मक्खन नही लगाया. लेकिन मैं तो असल मे काफ़ी दिनो से किसी बड़े प्रॉजेक्ट के लिए तरस रही थी. डेस्क वर्क करते करते बोर हो गयी थी. फील्ड वर्क करने का मज़ा ही कुच्छ अलग होता है.



मुझे खुशी से चहकते देख मेरा पति जीवन ने मुझे बाहों मे भर कर चूम लिया. मैने उन्हे सारी बात बताई. वो भी मेरी खुशी मे सरीक हो गये. उनको मालूम था कि मैं कितनी सफल रिपोर्टर हूँ और इस तरह के किसी प्रॉजेक्ट मे काम करके ही मुझे खुशी मिलती है.



अरे मैं तो अपने बारे मे बताना तो भूल ही गयी. मैं हूँ रश्मि. पूरा नाम रश्मि लाल. मैं 26 साल की, शुरू से ही एक खुले विचारो की महिला हूँ. आप मुझे एक सेक्सी और कामुक महिला भी कह सकते हैं. कॉलेज के दिनो मे क्लास मेट्स मुझे सेक्स बॉम्ब कहते थे. केयी बॉय फ्रेंड्स हर वक़्त मेरे इर्द-गिर्द घूमते नज़र आते थे. उनसे अक्सर लिपटना चूमना चलता ही रहता था. मैने कभी भी उनको इतनी लिफ्ट नही दी की इससे आगे वो सोच भी पाते. मैं सुहाग की सेज तक कुँवारी ही थी.



मैं एक नॉर्मल सीधी साधी और चंचल लड़की थी. हां लड़कों से मेलजोल मे शुरू से ही पसंद करती थी. मगर सेक्स के बारे मे मैने शादी से पहले कोई रूचि नही दिखाई थी. मैं शादी के बाद कैसे एक घरेलू काम काजी महिला से सेक्स मशीन मे बदल गयी ये उसी की कहानी है.



मेरी शादी जीवन लाल से आज से चार साल पहले हुई थी. हम दोनो यहाँ लनोव स्टेशन के पास ही रहते है. शादी से कुच्छ दिन पहले ही मैने जर्नलिस्ट की पढ़ाई पूरी कर एक फेमस अख़बार जाय्न किया था. अब मैं उस न्यूज़ पेपर मे सीनियर रिपोर्टर के पद पर हूँ. हमारे न्यूसपेपर की बहुत अच्छि सर्क्युलेशन है. मैं वैसे तो किसी स्पेशल केस को ही हॅंडल करती हूँ. वरना आजकल एडिटिंग का काम भी देख रही हूँ जो की बड़ा ही बोरिंग काम है. घूमना फिरना और नये नये लोगों से मिलना मेरा शुरू से ही एक फॅवुरेट हॉबी रहा है.

मेरे हज़्बेंड एक प्राइवेट फर्म मे मॅनेजर की पोस्ट पर काम करते हैं. हम दोनो के अलावा हमारे साथ हमारी सास रहती हैं. ससुर जी का देहांत मेरी शादी से पहले ही हो चुक्का था. मेरे पति जीवन लाल काफ़ी खुले विचारों के आदमी हैं. सिर्फ़ वो ही नही उनका पूरा परिवार ही काफ़ी मॉडर्न ख़यालों का है. इसलिए मुझे उनके साथ अड्जस्ट करने मे बिल्कुल भी परेशानी नही हुई. शादी से पहले दूसरी लड़कियों की तरह मेरे भी मन मे एक दर सताता था की शादी शादी के बाद मुझे सारी ब्लाउस मे एक टिपिकल इंडियन हाउस वाइफ बन कर रहना पड़ेगा. रिवीलिंग और मॉडर्न कपड़े नही पहन सकूँगी. मगर मेरी शादी के बाद वैसा कुच्छ भी नही हुआ.



जीवन को मेरे किसी भी काम से कोई इत्तेफ़ाक़ नही रहता है. उल्टा मेरे हज़्बेंड खुद ही शादी के बाद से मुझे एक्सपोषर के लिए ज़ोर देते रहे हैं. मेरी सासू जी ने मेरी शादी के बाद ही साफ साफ कह दिया था.



“हमारे घर मे बहू बेटी की तरह रहती है. यहाँ परदा बिल्कुल भी नही चलेगा. तुम्हारा जिस्म बहुत ही खूबसूरत है. और जो सुंदर चीज़ होती है उसे छिपा कर नही रखना चाहिए. देखने दो दूसरों को. वो देख कर मेरे ही बेटे की किस्मेत पर जलेंगे. ”



मैं उनकी बातें सुन कर अश्चर्य से भर गयी. उन्हों ने तो यहा तक कह दिया, “ किसी स्पेशल अकेशन के बिना ये बुढ्डी औरतों की तरह सारी नही पहनॉगी तुम.”



वो मुझे लेकर एक दिन बाजार गयी और मेरे लिए स्कर्ट/ब्लाउस, डीप गले के और छ्होटे छ्होटे कपड़े ले आई. मेरे लिए झीनी नाइटी. ढेर सारे नेट वाले ब्रा और पॅंटी तक ले आई.



“ये सब पहनॉगी तुम. ये दादी-अम्माओं वाले लिबास नही चल्लेंगे. कुच्छ दिनो की जवानी होती है इसे लोगों से छिपाने का क्या फ़ायदा? खूब दिखाओ और मज़े लो. ये जीवन के लिए गर्व की बात ही होगी की उसकी बीवी इतनी खूबसूरत है कि लोगों की लार टपकती है उसे देख कर.” सासू जी ने कहा.



मैं चुप छाप खड़ी रही तो उन्हों ने एक छ्होटी सी फ्रॉक मुझे दी और उसे पहन कर दिखाने को कहा. मैने उसे पहन कर देखा कि वो फ्रॉक मेरी पॅंटी से जस्ट दो अंगुल नीचे ही ख़तम हो जाती थी. उसमे से मेरे बड़े बड़े बूब्स आधे से ज़्यादा बाहर छलक रहे थे. कंधो पर वो दो पतली डोरियों पर टिकी हुई थी. पीठ की तरफ से तो वो लगभग कमर तक कटी हुई थी. मुझे उस ड्रेस मे देख कर उनकी आँखें चमक उठी. और उस ड्रेस को पॅक करवा लिया.



मेरे पति जीवन भी मुझे एक्सपोज़ करने के लिए उकसाते थे. उन्हे किसिको मेरे बदन को घूरते हुए देखना बहुत अच्च्छा लगता है. इसके लिए मुझे हमेशा टाइट फिटिंग के कपड़े पहनने के लिए कहते है. वो खुद टेलर के पास मेरे साथ जाकर ब्लाउस का गला और पीठ इतनी गहरी बनवाते है की आधे बूब्स बाहर लोगों को दिखते रहते हैं.



मैं भी उन लोगों के बीच वैसी ही रहने लगी. अक्सर उनके कहने पर सेमी ट्रॅन्स्परेंट कपड़े पहन कर या बिना ब्रा के ब्लाउस पहन कर भी बाहर चली जाती हूँ.



उनकी पार्टीस और महफ़िलों मे मे काफ़ी एक्सपोसिंग कपड़े पहन कर जाती थी. उनके सारे दोस्तों की तो लार टपकती थी मुझे देख कर. मैं उनकी हरकतें जीवन को बाद मे चटखारे लेकर सुनती थी. अगर कभी नही सुना पति तो वो खोद खोद कर मुझसे पूछ्ते थे. उन मे से कुच्छ दोस्तों का घर मे अक्सर आना जाना था. वो बेहिचक मुझसे गंदे गंदे जोक्स करने से भी नही कतराते थे. उनकी बीवियाँ भी हमारी तरह ही खुले विचारों की थी.



उनके दोस्तों मे एक है रोहन. वो अभी कुँवारा ही है. 35 साल की आस पास उम्र होगी. पता नही शादी करेगा भी या नही. इन लोगों का एक दस आदमियों का ग्रूप था. हफ्ते मे दो दिन शाम को सब एक जगह इकट्ठे हो कर एक गेट टुगेदर किया जाता था. बारी बारी से किसी एक के घर पार्टी अरेंज होती थी और सब रात दो तीन बजे तक नाच गाना चलता रहता था. सारे मर्द ड्रिंक्स मे और कार्ड्स मे बैठ जाते थे. महिलाएँ गुपशप मे बिज़ी हो जाती थी. और ये महाशय मिस्टर. रोहन देशपांडे आदमियों से ज़्यादा महिलाओं मे रूचि लेता था. वो सारी महिलाओं से ही फ्लर्ट करता था. मैं नयी शादी शुदा थी इसलिए मुझमे वो कुच्छ ज़्यादा ही इंटेरेस्ट लेता था. महिलाएँ भी उसका नाम ले ले कर दबी दबी मस्कराहेट देती थी और आँखों के इशारे करती थी.



अक्सर जब हम सब बातें करती वो आकर मेरी बगल मे मुझसे सॅट कर बैठ जाता. फिर कभी कोल्ड ड्रिंक्स के बहाने या कभी स्नॅक्स उठाने के बहाने अपनी कोहनी से मेरे ब्रेस्ट को प्रेस कर देता. कभी मेरी जांघों पर हाथ फेर देता. बाकी महिलाएँ तो उसकी इस तरह की हरकतों का बुरा नही मानती थी. मगर मेरे लिए ये सब नया अनुभव था. किसी गैर मर्द का इस तरह बदन को छ्छूना या उसे मसलना मुझे अजीब सा लगता था. मर्द लोग तो उसकी हरकतों का कोई बुरा नही मानते थे. अगर कोई कुच्छ शिकायत भी करता तो हँसी मे उड़ा दिया जाता था.

क्रमशः....
Reply


Messages In This Thread
Porn Hindi Kahani रश्मि एक सेक्स मशीन - by sexstories - 12-10-2018, 01:53 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,469,053 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,825 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,219,124 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 921,814 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,635,067 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,065,659 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,925,199 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,972,409 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,999,075 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,834 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)