RE: Desi Sex Kahani मुहब्बत और जंग में सब जाय�...
इस तरह कुछ वक़्त और गुजर गया और फिर मेरी माहवारी की तारीख आ कर गुजर गई और मुझे महावारी (पीरियड्स) नही आया.
मैने एक आध दिन और इंतजार किया और फिर गाँव की दाई से अपना मुआयना करवाया तो उस ने मुझे ये खूसखबरी दी कि में माँ बनने वाली हूँ.
ये मेरे घर वालों और खास तौर पर मेरी सास के लिए एक बहुत ही खुशी की खबर थी. कि उन के बेटे के घर तीन साल बाद औलाद की नैमत नज़ल हो रही थी.
मेरी सास हाथ उठा उठा कर मज़ार वाले पीर साब को दुआ दे रही थी.
क्यों कि मेरी सास का ये ख़याल था. कि मेरी गोद भराई शायद मेरी सास के मज़ार पर सजदा करने का नतीजा है.
उस झल्ली को ये ईलम नही था. कि मैने अपना नाडा खोल पीर अपने घर में ही ढूँढ लिया है.
और मेरा बच्चा किसी पीर की वजह से नही हुआ. बल्कि ये तो मेरे अपने भाई के लंड का कमाल और नतीजा था.
फिर ठीक 9 महीने बाद मैने एक प्यारे से बेटे को जनम दिया.
मेरे बेटे को जिस ने भी देखा उस ने ये ही कहा कि इस की शकल बिल्कुल अपने मामू पर गई है.
और मेरे बेटे की शकल उस के मामू पर जाती भी क्यों ना. आख़िर उस का मामू ही तो उस का असल बाप था.
इस के बाद तो हर साल मेरी सास अपना पोता या पोती लाने के लिए उसी पीर साब के मज़ार पर मन्नत माँगने जाने लगी है.
और पीछे से नुसरत और में भी एक दूसरे के कमरे में घुस कर अपने अपने भाई के सामने अपनी टाँगों को हवा में उठा उठा कर अपनी सास की मन्नत की क़बूलियत की दुआ मांगती थीं.
मेरी सास की मन्नत हर साल पूरी हो रही है और अब मेरे अपने भाई से तीन बच्चे हैं.
मेरा और नुसरत का आपस में कज़िन्स,भाभी और ननद का रिश्ता तो पहले ही था.
अब रात को अपने ही भाइयों और एक दूसरे के हज़्बेंड्स से चुदवा कर हम दोनो में एक नये रिश्ते ने जनम लिया है.
और वो ये कि अब हम एक दूसरे की सौतन भी बन गई हैं.
में ये जानती हूँ कि जो कुछ भी मैने किया वो दुनिया की नज़र में बहुत ही ग़लत और एक बहुत बड़ा गुनाह है.
मगर मुझे इस काम पर मजबूर करने वाली मेरी सास थी. क्यों कि मेरी सास ने अपना पोता या पोती हासिल करने के लिए मेरे साथ एक जंग छेड़ दी थी.
और फिर अपना घर बचाने के लिए मुझे मजबूरन हर हद पार करनी पड़ी.
क्यों कि वो कहते हैं ना कि “मोहब्बत और जंग में सब जायज़ है”
इस लिए इस जंग को जीतने के लिए मैने जो मुनासिब समझा वो ही किया.
दोस्तो ये कहानी यहीं पर समाप्त होती है आपको कैसी लगी ज़रूर बताना दोस्तो फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राजशर्मा
दा एंड…………समाप्त
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