RE: Desi Sex Kahani मुहब्बत और जंग में सब जाय�...
अपने भाई के लंड को एक बार फिर अपने अंदर पा कर मेरी चूत के इंतज़ार की घड़ियाँ ख़तम हो गईं.
और मुझे यूँ महसूस हुआ जैसे मेरी चूत खुशी से झूम झूम कर ये गाना गुन गुना रही हो,
“आइए आप का इंतिज़ार था
आइए आप का इंतिज़ार था
देर लगी आने में तुम को
शूकर है फिर भी आए तो
आस ने दिल का साथ ना छोड़ा
वैसे हम घबराए तो”
सुल्तान भाई अब बहुत तेज़ी से मुझे चोद रहा था और में मज़े में सिसक रही थी.
मेरी गान्ड उपर उठी हुई थी. और मेरा भाई पीछे से मेरे कंधे पकड़ कर मेरे उपर झुका हुआ मेरी चूत में धक्के पर धक्के मार रहा था.
कुछ देर इसी तरह भाई ने मेरी चूत की चुदाई की. और फिर उस ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर मुझे पेट के बल बिस्तर पर लिटा दिया.
मेरी दिल अभी तक भाई की चुदाई से नही भरा था. और मुझे समझ नही आ रही थी कि क्यों भाई ने अपने लंड को मेरी फुद्दी से निकाल लिया है.
अभी में सुल्तान भाई से चुदाई रोकने की वजह मालूम करने ही वाली थी. कि भाई ने मेरे पीछे से मेरी ब्रेजियर की हुक को खोल कर मेरा ब्रेजियर मेरे जिस्म से अलग कर दिया.
और साथ ही उस ने मेरी कमर पर अपने होंठ रख कर मेरे शोल्डर और कमर को आहिस्ता आहिस्ता किस करना शुरू कर दिया.
सुल्तान भाई की ज़ुबान आहिस्ता आहिस्ता मेरी कमर पर चलती हुई मेरी थल थल करती गान्ड तक आन पहुँची.
ज्यूँ ही मेरे भाई के गीले होंठ मेरी गान्ड की गोलाईयों तक आए. तो भाई जैसे मेरी गुदाज गान्ड को देख कर पागल और मेरी गान्ड की भीनी भीनी खुसबू को सूंघ कर जैसे मदहोश हो गया.
और इस मदहोशी में भाई ने मेरी गान्ड को बे सखता और बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया.
सुल्तान भाई ने अपने हाथों से मेरी बड़ी गान्ड को को खोला और मेरी गान्ड की ब्राउन मोरी को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा.
मेरी तीन साला शादी शुदा जिंदगी में मेरे शोहर गुल नवाज़ ने कभी ये काम करना तो दूर उस ने ऐसी बात शायद कभी सोची भी नही हो गी.
अपनी गान्ड से इस तरह किसी का पूर जोश प्यार का ये तजुर्बा मेरे लिए बिल्कुल नया था.
सुल्तान भाई की ज़ुबान में एक जादू था. इस लिए मुझे भाई सुल्तान की इस हरकत से बहुत मज़ा आ रहा था. और में लज़्ज़त के मारे सिसकारियाँ लेने लगी. उूुुुुउउफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआआआअहह.
कुछ देर मेरी गान्ड को चाट चाट कर सुल्तान भाई ने मेरी गान्ड के सुराख को पूरा गीला कर दिया.
मेरे भाई ने पहली रात की तरह आज फिर मुझ चुदाई के मज़े की एक नई दुनाया से रोशनास करवाया था.
और उसी मज़े को पा कर में बिस्तर के तकिये में अपने मुँह दबा कर सिसकियाँ लिए जा रही थी.
पीछे से सुल्तान भाई ने मेरी गान्ड से अपना मुँह अलग किया और खुद थोड़ा उपर उठ कर साथ ही मेरी कमर में भी हाथ डाला और मेरी गान्ड को भी पीछे से थोड़ा उपर उठा लिया.
और इस से पहले कि में कुछ देख या समझ पाती कि मेरे भाई सुल्तान का अगला इरादा क्या है.
सुल्तान भाई ने एक दम से अपना मस्त लंड मेरी गान्ड के गीले सुराख पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का मारा.
तो भाई का लंड जो कि मेरी चूत के पानी की वजह से पहले ही बहुत चिकना हो चुका था. वो मेरी गेली गान्ड की दीवारों को चीरता हुआ मेरी गान्ड के अंदर घुस गया.
सुल्तान भाई के ये धक्का इतना अचानक और इतना ज़ोरदार था. कि मेरे मुँह से बे इकतियार एक चीख निकली और में धक्के के ज़ोर से बिस्तर पर गिर गई.
मेरी गान्ड से घुऊदूप की एक तेज आवाज़ निकली और सुल्तान भाई ने मेरी गान्ड की सील तोड़ दी.
“ओह भाई रुक जाओ मेरी गान्ड में बहुत शदीद दर्द हो रहा है” मैने दर्द से कराहती हुए सुल्तान भाई को रोकने की कोशिश की.
मगर सुल्तान भाई कब रुकने वाला था.भाई तो लगता था कि शायद गान्ड चोदने वाला एक पुराना खिलाड़ी है.
“ओूऊऊ रुखसाना तुम्हारी गान्ड बहुत ही टाइट है, मज़ा आ गया तुम्हारी गान्ड में लंड डालने का” ये कहते हुएसुलतान भाई ने मेरे चुतड़ों को अपने हाथ में ले कर मेरी गान्ड को दुबारा उपर किया.
और मेरी गान्ड में बुरी तरहा से फँसाए हुए अपने लंड को गान्ड से थोड़ा से बाहर निकाला और फिर उसी तेज़ी से दोबारा झटका मार कर अपने लंड को दुबारा मेरी गान्ड में पेल दिया.
में दुबारा चीखी मगर सुल्तान भाई ने मेरी चीखों की परवाह किए बगैर मुझे तेज तेज चोदना जारी रखा.
मेरी गान्ड में बहुत दर्द हो रहा था.मगर फिर कुछ देर और चुदवाने के बाद मुझे ऐसा लगा कि मेरी गान्ड का दर्द आहिस्ता आहिस्ता कम हो रहा है.
और दर्द की कमी के साथ ही मुझे पहली दफ़ा अपनी गान्ड को मरवाने में भी मज़ा आने लगा.
पूरे कमरे में मेरी लज़्ज़त भरी तेज चीखे गूँज रहीं थी. “आआहह उूुुउउफफफफफ्फ़ ऊउीईईईई माआईयईईईईईईन्न्नणणन् म्माआररर्र्र्ररर गगगैइिईईईईईईई उूुुउउफफफफ्फ़ सुल्तान भाई आप बहुत अच्छी चुदाई करते हैं आअहह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है”
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