RE: Desi Sex Kahani मुहब्बत और जंग में सब जाय�...
और मेरे भाई की जिन्सी ,भूकि नज़रें मेरे मोटे मम्मो और थोड़े थोड़े बालों वाली पानी छोड़ती मेरी चूत के एक एक हिस्से पर फिसल रही थीं.
सुल्तान भाई ने मेरे जिस्म का एक भरपूर जायज़ा लिया और बोला “हाईईईईईईईई क्या खूबसूरत “नशे बू फ़राज़ “ हैं मेरी बहन के जवानी से भरे बदन के.
में तो पागल हूँ जो कि हुश्न की तलाश में आज तक घर से बाहर ही झक मारता रहा.
जब कि मुझे ये अंदाज़ा ही नही हुआ कि मेरे तो अपने घर में ही हुश्न का ख़ज़ाना दफ़न है.
सुल्तान भाई मेरे जिस्म को नंगा कर के पुर जोश और मस्ती में आ चुका था.
और इसी मस्ती और जोश में बह कर एक शायर की तरह वो मेरी तारीफों के पुल बाँधने लगा.
में एक बहन होने के साथ साथ एक औरत भी थी. और किसी भी औरत की तरह मुझे भी अपनी तारीफ अच्छी लगती थी.
और आज जब कि कोई गैर मर्द नही बल्कि मेरा सगा भाई मेरे नंगे जिस्म की तारीफ में “ज़मीन-ओ-आसमान” मिला रहा था. तो ये सब मुझे अच्छा लगना एक फितरती अमल था.
इस लिए अपने भाई के मुँह से अपने जिस्म की तरफ सुन कर में मज़ीद गरम हो गई.
इतनी देर में सुल्तान भाई ने भी अपनी कमीज़ को उतार दिया.
अब सुल्तान भाई अपनी शलवार में मेरे बिल्कुल सामने खड़ा था. और वो बड़ी ललचाई हुई नज़रों से मेरे आधे नंगे जिस्म को देख कर अपनी ज़ुबान को अपने होंठो पर फैरने लगा.
सुल्तान भाई थोड़ी देर इसी तरह खड़ा मेरे जिस्म का नज़ारा लेता रहा.और साथ ही साथ अपनी शलवार में खड़े हुए अपने लंड को भी हाथ में ले कर हल्के हल्के अपने लंड की मूठ मार रहा था.
उस वक़्त मेरे कमरे का नज़ारा भी खूब था. में बिस्तर पर बैठी हुई एक बहन अपने ही सगे भाई को अपने आधे नंगे जवान जिस्म का दावते नज़ारा दे रही थी.
जब कि एक भाई अपने लंड की मूठ लगा लगा कर अपने लंड को अपनी सग़ी बहन की “शजरे ममनोवा” चूत में तीसरी दफ़ा डालने के लिए तैयार कर रहा था.
वाह ये जिस्म की आग भी किया चीज़ होती है यारो. वो सुल्तान भाई जो कुछ टाइम पहले तक गैरत के नाम पर अपनी बहन को क़तल करने पर तुला हुआ था.
अब वो ही भाई अपने लंड की गर्मी के हाथों मजबूर हो कर अपनी बहन की इज़्ज़त तार तार करने पर आमादा हो गया था.
थोड़ी देर मेरे जिस्म से अपनी आँखों को सेकने के बाद सुल्तान भाई दुबारा मेरे करीब बिस्तर पर आन बैठा.
भाई ने मुझे अपनी बाहों में ले कर मेरे ब्रेजियर को उतारने की बजाय ब्रेजियर को खैंच कर मेरे मम्मो से नीचे कर दिया.
जिस की वजह से मेरे मोटे जवान मम्मे ब्रेजियर से बाहर निकल कर सुल्तान भाई की भूकि आँखों के सामने पूरी तरह नुमाया हो गये.
सुल्तान भाई ने बहुत प्यार भरी नज़रों से मेरे तने हुए लंबे निपल्स को देखा और मेरे नंगे ब्राउन मम्मे और उन पर डार्क ब्राउन निपल्स को देख कर भाई और जोश में आ गया.
“रुखसाना क्या मजेदार मम्मे हैं तुम्हारे मेरी जान” भाई ने मेरे भारी मम्मो को अपने हाथ में थामते हुआ कहा.
इस के साथ ही सुल्तान भाई ने मेरे मम्मो पर अपना मुँह रख कर मेरे मम्मो पर अपनी गरम ज़ुबान फेरना शुरू कर दिया और जोश में आते हुए मेरे मम्मो पर किस्सस की बारिश कर दी.
|