Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
12-09-2018, 02:39 PM,
#37
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
मैं थक चुकी थी इस लिए मैं चाचा के ऊपर से नीचे उतर गई . चाचा का लंड , मेरी चूत के रस से गीला लंड , नाइट बल्ब की रौशनी में चमक रहा था . चाचा ने एक बार फिर मेरे सेक्सी बदन पर हाथ फिराया और मुझे घुमने को कहा , अपनी तरफ पीठ करने को कहा . एक बार तो मैंने सोचा की चाचा आज मेरी गांड मारने वाले है . पर मुझे पता था की उन को गांड मारना पसंद नहीं है . इस का मतलब वो मेरी चिकनी चूत पीछे से चोदना चाहते थे .

मैं अपनी साइड पर , दूसरी तरफ मुह करके , चाचा की तरफ पीठ करके लेट गई . अपना ऊपर का पैर मैंने थोड़ा और ऊपर किया और चुदवाने की पोजीसन बनाई . चाचा ने अपना गीला कड़क लंड अपने हाथ से पकड़ कर मेरी चूत में पीछे से डाला . मेरी चूत भी गीली थी और चाचा का लंड भी गीला था इस लिए बिना ज्यादा दिक्कत के, दो तीन धक्कों में उनका लंड मेरी चूत में पीछे से घुस गया . चाचा ने मेरी चूचियां पकड़ी और अपने लंड को मेरी चूत में अन्दर बाहर करते हुए मुझे चोदने लगे . उन की गांड आगे पीछे हिल रही थी और उन के पैर मेरी नंगी गांड पर हर धक्के के साथ टकरा रहे थे . आप को तो पता है की हर पोजीसन में चुदवाने का अपना अलग मज़ा है . कुछ इसी तरह का मज़ा पीछे से चुदवाने में भी आता है . मैंने चाचा से चुदवाते हुए अपने माँ बाप के बारे में सोचा . वो दोनों एक जोरदार चुदाई के बाद सो गए होंगे पर ये नहीं जानते थे की उन की बेटी अब दुसरे रूम में अपने चाचा से चुदवा रही है . चाचा के गरमा गरम लंड के धक्के मेरी गरम और गीली चूत में लग रहे थे . और एक बार फिर वही , चुदाई का मधुर संगीत बजने लगा . चाचा का लम्बा लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था और उनके दोनों पैर मेरे दोनों पैरों के बीच में थे . मैं चुदवाती हुई फिर से एक बार अपनी मंजिल पर पहुँचने के करीब थी और मैं भी अपनी गांड हिला हिला कर , आगे पीछे करके चुदाई में चाचा का साथ दे रही थी . मेरा दूसरी बार होने वाला था . चुदवाते हुए मैंने चाचा के लंड के सुपाड़े को अपनी चूत में और कड़क , और मोटा होता महसूस किया तो मुझे पता चल गया की चाचा का लंड भी पानी बरसाने को तैयार है . मैं भी झड़ने के काफी पास थी और चाचा मेरी चूत में जोर जोर से , तेजी से धक्के मारने लगे . और फिर मैं तो पहुँच ही गयी . मैं दूसरी बार झर चुकी थी . चाचा लगातार मुझे चोदते जा रहे थे . और अचानक उन के लंड ने अपना गरम गरम प्रेम रस मेरी रसीली चूत में बरसाना शुरू कर दिया . चाचा ने पीछे से मुझे जोर से कस कर पकड़ लिया . मैं तो जैसे हवा में उड़ रही थी . चाचा का लंड नाच नाच कर मेरी चूत अपने रस से भर रहा था और मैंने मज़े के मारे अपनी गांड भींच कर के उन के पानी बरसते हुए लंड को अपनी चूत में जकड़ लिया . चाचा मेरी चूचियां मसल रहे थे , मेरी गांड दबा रहे थे और मेरी आँखें तो मजेदार चुदाई के कारण बंद सी हो रही थी . हम कुछ देर वैसे ही पड़े रहे . मेरी चूत में चाचा का लंड शांत हो चुका था . थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना नरम होता लंड अपनी गांड पीछे कर के मेरी चूत से निकाल लिया . मैं खड़ी हो कर बाथरूम में अपनी चूत साफ़ करने चली गई . जब मैं वापस आई तो चाचा को वैसा ही नंगा सोया देख कर मैं हंस पड़ी . उन का नरम हो चुका लंड अब नुन्नी बनकर उन की गोलियों पर आराम कर रहा था . चाचा जानते थे की मुझे नुन्नी बने नरम लंड से खेलना बहुत अच्छा लगता है , शायद इसी लिए .

मैंने बिस्तर पर आ कर उन के नरम नुन्नी लंड को सीधे अपने मुंह में ले लिया और किसी लोली पॉप की तरह चूसने लगी . मैंने उन का लंड चूसते हुए उन के लंड का रस ही नहीं , अपनी खुद की चूत के रस का भी स्वाद लिया . इस समय उन का लंड इतना नरम और इतना छोटा लुल्ली हो गया था की मैं उस को पूरे का पूरा अपने मुंह में ले गई थी . मैंने अपने हाथ से उनकी गोल गोल गोलियों को भी मसला . मैंने उन के लुल्ली लंड को मुंह से बाहर निकाल कर अपनी हथेली पर लिया तो वो एक छोटे चूहे के जैसे लग रहा था . मैंने उन के नरम लंड को अपनी मुलायम चुचियों के साथ रगड़ा , फिर से उस को मुंह में ले कर चूसा तो वो फिर से बड़ा होने लगा . फिर उन के लौड़े की लम्बाई इतनी बढ़ गई

इतनी बढ़ गई कि उस को मूह मे रखना मुश्किल हो गया. चाचा का गरम खड़ा लंड फिर से चुदाई करने के लिए तय्यार हो गया था पर मेरी चूत की चुदाई तो हो चुकी थी. मैने चाचा को खड़े लंड के साथ छ्चोड़ कर अपने रूम मे जा कर सोना ठीक नही समझा. मैं तो दो बार झाड़ चुकी थी और चाचा के लंड ने सिर्फ़ एक बार ही पानी निकाला था. मैं चाहती थी कि चाचा को फिर से एक बार उनके लंड से पानी निकाल कर मज़ा दूं.

मैने चाचा के खड़े हुए गरम लंड के उपर की चॅम्डी नीचे की तो उनके लंड का चमकता हुआ मूह बाहर निकल आया. मैने उनके लंड को मूह मे ले कर आइस क्रीम की तरह चूसना शुरू किया. मेरी जीभ उन के लंड मूंद सुपाडे पर फिर रही थी और उन के लौडे से गरम होने के सबूत के तौर पर पानी निकलने लगा. लॅंड जब भी चुदाई के लिए तय्यार होता है, उस के मूह से पानी निकलने लगता है जैसे हम लड़कियों की चूत से रस निकलता है. ये तो कुदरत का क़ानून है. उनका लंड और भी सख़्त होता जा रहा था. चाचा के लंड का आगे का भाग मेरे मूह मे था और नीचे से उनके लंड को अपने हाथ से टाइट पकड़ कर उपर नीचे……आगे पीछे करते हुए मूठ मारने लगी. चाचा का पूरा लंड मेरे कब्ज़े मे था. आगे का भाग, सूपड़ा, लंड का मूह मेरे मूह मे था और नीचे का भाग मेरे हाथ मे था. चाचा प्यार से मेरे बालों मे हाथ फिराने लगे. हम अभी अभी तो चुदाई कर के हटे थे और और तुरंत ही हम फिर चुदाई का एक और खेल खेल रहे थे. कितनी लकी हूँ मैं.

अब तक मेरे चूसने और मूठ मारने से चाचा का लंड अपनी पूरी ताक़त के साथ, पूरी लंबाई और मॉटेपेन के साथ खड़ा हो गया था जिसकी वजह से मेरे मूह मे सिर्फ़ उनके लंड का मूह ही रह गया था. मैने उनके लंड को अपने मूह से तो बाहर निकाला पर उसे अपने हाथ मे पकड़े रही. मैने अपना मूह उपर करके चाचा को एक चुंबन दिया. चाचा मेरे नीचे का होठ चूस रहे थे और मैं चाचा का उपरी होठ चूस रही थी. मेरा हाथ लगातार उन के लंड को पकड़े हुए मूठ मार रहा था. चुंबन पूरा होने के बाद मैने अपना सिर चाचा की चौड़ी, बालों भरी छाती पर रख दिया. अब मैं पूरी ताक़त से, पूरी क़ाबलियत के साथ उन के लंड पर मूठ मार रही थी.मैं इस पोज़िशन मे उनके मोटे, लंबे और गरम लंड को खुद ही मूठ मारते हुए देख सकती थी. चाचा का हाथ मेरी पीठ और मेरी नंगी गोल गोल गंद पर घूम रहा था. मुझे भी मज़ा आ रहा था. चाचा का लंड इतना लंबा है कि करीब आधा ही मेरे हाथ मे था और और मैं उस को पकड़ कर तेज़ी से उपर नीचे …….. उपर नीचे कर रही थी. मुझे पता था कि उनके लंड से हमेशा ही पानी निकलने मे बहुत वक़्त लगता है और उपर से वो अभी अभी मेरी चूत मे पानी निकाल चुके है तो और ज़्यादा समय लगेगा. मैने मूठ मारते हाथ को आराम दे कर अपने दूसरे हाथ से मूठ मारने लगी. मैं कुछ इस तरह लेटी हुई थी कि मेरा सिर चाचा की छाती पर था और और मैं सीधी लेटी हुई अपने हाथ मे उनका लॉडा पकड़ कर हिला रही थी. मेरी इस पोज़िशन मे चाचा के लिए मेरी चूत तक पहुँचना आसान था. मैने अपने पैर चौड़े किए तो चाचा का हाथ मेरी चूत तक पहुँच गया. चाचा मेरी चूत से खेलने लगे और मैं उन के लंड से खेल रही थी. वो अपनी बीच की उंगली मेरी चूत के बीच उपर नीचे घुमा रहे थे.
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